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Pratapgarh News : लखनऊ का नाम बदलने की मांग, BJP सांसद संगम लाल गुप्ता ने लिखा पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र

प्रतापगढ़ से बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने लखनऊ का नाम बदलने की मांग की है. उन्होंने इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी को पत्र लिखा है.

बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता
बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता
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Published : Feb 8, 2023, 9:50 AM IST

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश में अभी तक जिलों के नाम बदलने की सियासत हो रही थी. इसके चलते यूपी सरकार के पहले कार्यकाल में कई जिलों के नामों को बदलने का प्रस्ताव आया और कई स्थानों के नाम बदले भी गए. सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी कई स्थानों के नाम परिवर्तित किए गए. लेकिन, इसी बीच बीजेपी के एक सांसद ने राजधानी लखनऊ का ही नाम बदलने की मांग उठा दी.

दरअसल, प्रतापगढ़ से बीजेपी के सांसद संगम लाल गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम बदलने की मांग की है. उन्होंने लखनऊ को अब लक्ष्मणपुरी करने की मांग की है. उनका कहना है कि पहले लखनऊ का नाम लखनपुरी था. उन्होंने लिखा कि मुगलों ने नाम बदला था. देश की पहचान अताताई मुगल नहीं, बल्कि रामायण है.

बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जिसे स्थानीय मान्यता के अनुसार, त्रेतायुग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने बतौर अयोध्या नरेश श्री लक्ष्मण जी को भेंट दिया था और उसी कारण उसका नाम लखनपुर और लक्ष्मणपुर रखा गया था. लेकिन, कालांतर में 18वीं शताब्दी में नवाब आसफुद्दौला ने उसका नाम परिवर्तित कर लखनऊ रख दिया था और उसी परंपरा में लखनऊ चला आ रहा है.

बीजेपी सांसद ने आगे लिखा कि उल्लेखनीय है कि शानदार संस्कृति विरासत के समृद्ध देश में आज हमारी भावी पीढ़ी को अमृत कालखंड में भी लखनऊ के नवाबों की विलासिता और निकम्मेपन की कहानियां सुनाकर उन्हें गुलामी का संकेत देना बिल्कुल ही अनुचित प्रतीत होता है. विलासिता पूर्ण जीवन शैली के कारण ही लॉर्ड डलहौजी ने अवध का अधिग्रहण कर ब्रिटिश साम्राज्य में मिला दिया था और नवाब वाजिद अली शाह ने ब्रिटिश अधीनता स्वीकार कर ली थी.

संगम लाल ने लिखते हुए कहा कि जब देश अमृत कालखंड में प्रवेश कर चुका है तो गुलामी और विलासिता के प्राकृतिक लखनऊ के नाम को परिवर्तित कर भारत के शानदार, सांस्कृतिक, विरासत, गौरव समृद्धि, मर्यादा और पौरुष के प्रतीक लखनपुर या लक्ष्मणपुर किए जाने की कृपा करें.

बता दें कि मंगलवार दोपहर को भी बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने इसको लेकर एक बयान दिया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि इन्वेस्टर्स समिट में अगर लखनपुरी के नाम से वहां होर्डिंग लगी हुई है तो बहुत सुंदर नाम है. उन्होंने कहा कि लखनजी ने इसे बसाया था तो लखनऊ को लखनपुरी करने में प्रदेश की जनता में खुशी का माहौल होगा.

गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ में 13 और 14 फरवरी को जी20 सम्मेलन की बैठकें आयोजित होने वाली हैं. इसमें जी20 समूह से जुड़े देशों के प्रतिनिधिमंडल कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इससे पहले योगी सरकार लखनऊ एयरपोर्ट के बाहर लक्ष्मण जी की प्रतिमा लगाने की तैयारी में है, जिससे पहले जी20 सम्मेलन में आने वाले विदेशी मेहमानों को शहर में सबसे पहले इस प्रतिमा के दर्शन होंगे. लक्ष्मण जी की इस प्रतिमा को पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने तैयार किया है.

यह भी पढ़ें: Swatantra Dev Singh: जलशक्ति मंत्री ने अफसरों को दिया अल्टीमेटम, एक माह में टैप करें थर्मल नाला

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश में अभी तक जिलों के नाम बदलने की सियासत हो रही थी. इसके चलते यूपी सरकार के पहले कार्यकाल में कई जिलों के नामों को बदलने का प्रस्ताव आया और कई स्थानों के नाम बदले भी गए. सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी कई स्थानों के नाम परिवर्तित किए गए. लेकिन, इसी बीच बीजेपी के एक सांसद ने राजधानी लखनऊ का ही नाम बदलने की मांग उठा दी.

दरअसल, प्रतापगढ़ से बीजेपी के सांसद संगम लाल गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम बदलने की मांग की है. उन्होंने लखनऊ को अब लक्ष्मणपुरी करने की मांग की है. उनका कहना है कि पहले लखनऊ का नाम लखनपुरी था. उन्होंने लिखा कि मुगलों ने नाम बदला था. देश की पहचान अताताई मुगल नहीं, बल्कि रामायण है.

बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जिसे स्थानीय मान्यता के अनुसार, त्रेतायुग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने बतौर अयोध्या नरेश श्री लक्ष्मण जी को भेंट दिया था और उसी कारण उसका नाम लखनपुर और लक्ष्मणपुर रखा गया था. लेकिन, कालांतर में 18वीं शताब्दी में नवाब आसफुद्दौला ने उसका नाम परिवर्तित कर लखनऊ रख दिया था और उसी परंपरा में लखनऊ चला आ रहा है.

बीजेपी सांसद ने आगे लिखा कि उल्लेखनीय है कि शानदार संस्कृति विरासत के समृद्ध देश में आज हमारी भावी पीढ़ी को अमृत कालखंड में भी लखनऊ के नवाबों की विलासिता और निकम्मेपन की कहानियां सुनाकर उन्हें गुलामी का संकेत देना बिल्कुल ही अनुचित प्रतीत होता है. विलासिता पूर्ण जीवन शैली के कारण ही लॉर्ड डलहौजी ने अवध का अधिग्रहण कर ब्रिटिश साम्राज्य में मिला दिया था और नवाब वाजिद अली शाह ने ब्रिटिश अधीनता स्वीकार कर ली थी.

संगम लाल ने लिखते हुए कहा कि जब देश अमृत कालखंड में प्रवेश कर चुका है तो गुलामी और विलासिता के प्राकृतिक लखनऊ के नाम को परिवर्तित कर भारत के शानदार, सांस्कृतिक, विरासत, गौरव समृद्धि, मर्यादा और पौरुष के प्रतीक लखनपुर या लक्ष्मणपुर किए जाने की कृपा करें.

बता दें कि मंगलवार दोपहर को भी बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने इसको लेकर एक बयान दिया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि इन्वेस्टर्स समिट में अगर लखनपुरी के नाम से वहां होर्डिंग लगी हुई है तो बहुत सुंदर नाम है. उन्होंने कहा कि लखनजी ने इसे बसाया था तो लखनऊ को लखनपुरी करने में प्रदेश की जनता में खुशी का माहौल होगा.

गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ में 13 और 14 फरवरी को जी20 सम्मेलन की बैठकें आयोजित होने वाली हैं. इसमें जी20 समूह से जुड़े देशों के प्रतिनिधिमंडल कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इससे पहले योगी सरकार लखनऊ एयरपोर्ट के बाहर लक्ष्मण जी की प्रतिमा लगाने की तैयारी में है, जिससे पहले जी20 सम्मेलन में आने वाले विदेशी मेहमानों को शहर में सबसे पहले इस प्रतिमा के दर्शन होंगे. लक्ष्मण जी की इस प्रतिमा को पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने तैयार किया है.

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