ETV Bharat / state

राजा भइया और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह की बढ़ी मुश्किलें

राजा भइया और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह की बढ़ी मुश्किलें
राजा भइया और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह की बढ़ी मुश्किलें
author img

By

Published : Apr 22, 2022, 9:18 PM IST

Updated : Apr 22, 2022, 10:47 PM IST

21:05 April 22

प्रतापगढ़ : राजा भइया व उनके करीबी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. राजा भइया के करीबी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह की जमानत अर्जी निरस्त हो गई है. साथ ही जमानतदारों को भी नोटिस जारी हुआ है. अदालत ने एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया है.

ये है मामला :

राजा भइया व एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल ने लगभग 20 वर्ष पहले शहर के निवास पते से शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया था. इस मामले में तत्कालीन कोतवाल डीपी शुक्ला ने नगर कोतवाली में केस दर्ज कर कोर्ट में एमएलसी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले में 15 मार्च को कोर्ट ने एमएलसी को दोषी माना था.

इसके बाद 22 मार्च को कोर्ट ने सुनवाई के बाद अंतिम फैसला सुनाया था. कोर्ट ने इसमें 7 साल की सज़ा और 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया था, इसके बाद से अक्षय प्रताप सिंह को जेल जाना पड़ा था.

बाद में अक्षय प्रताप सिंह के अधिवक्ता पूर्व डीजीसी सचिंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट में इसी मामले पर अपना पक्ष रखते हुए न्याय मांगा, तो कोर्ट ने पूरे मामले पर स्थगन आदेश दिया था और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह की जमानत को मंजूरी दी थी. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने सेशन कोर्ट में सजा के खिलाफ अपील की थी, जिसमें अभियोजन पक्ष द्वारा दिए गए दलील पर एक बार फिर से सुनवाई हुई.

बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि आज भी शस्त्र लाइसेंस रिनुअल हो रहा है और उसे निरस्त नहीं किया गया है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता का कहना है कि जिस पते पर लाइसेंस लिया गया है. उस पते की कई बार जांच हो चुकी है, इसमें कोई तथ्य छुपाया नहीं गया था. इसी आधार पर सेशन कोर्ट ने मंजूर करते हुए दोषी करार दिए गए अक्षय प्रताप सिंह को न सिर्फ जमानत दी थी. साथ ही MLA/MP FTC कोर्ट द्वारा दिए गए 7 साल की सजा पर भी स्टे लगा दिया था. जिसके बाद अक्षय प्रताप सिंह ने एमएलसी का चुनाव लड़ा और वह चुनाव जीतकर विधान परिषद पहुंचे. अब जिला जज संजय शंकर पांडेय ने अपर जिला जज के आदेश को खारिज कर दिया है.

इसे पढ़ें- राकेश टिकैत बोले- योगी के बुलडोजर का सामना करेंगे किसानों के ट्रैक्टर

21:05 April 22

प्रतापगढ़ : राजा भइया व उनके करीबी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. राजा भइया के करीबी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह की जमानत अर्जी निरस्त हो गई है. साथ ही जमानतदारों को भी नोटिस जारी हुआ है. अदालत ने एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया है.

ये है मामला :

राजा भइया व एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल ने लगभग 20 वर्ष पहले शहर के निवास पते से शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया था. इस मामले में तत्कालीन कोतवाल डीपी शुक्ला ने नगर कोतवाली में केस दर्ज कर कोर्ट में एमएलसी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले में 15 मार्च को कोर्ट ने एमएलसी को दोषी माना था.

इसके बाद 22 मार्च को कोर्ट ने सुनवाई के बाद अंतिम फैसला सुनाया था. कोर्ट ने इसमें 7 साल की सज़ा और 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया था, इसके बाद से अक्षय प्रताप सिंह को जेल जाना पड़ा था.

बाद में अक्षय प्रताप सिंह के अधिवक्ता पूर्व डीजीसी सचिंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट में इसी मामले पर अपना पक्ष रखते हुए न्याय मांगा, तो कोर्ट ने पूरे मामले पर स्थगन आदेश दिया था और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह की जमानत को मंजूरी दी थी. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने सेशन कोर्ट में सजा के खिलाफ अपील की थी, जिसमें अभियोजन पक्ष द्वारा दिए गए दलील पर एक बार फिर से सुनवाई हुई.

बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि आज भी शस्त्र लाइसेंस रिनुअल हो रहा है और उसे निरस्त नहीं किया गया है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता का कहना है कि जिस पते पर लाइसेंस लिया गया है. उस पते की कई बार जांच हो चुकी है, इसमें कोई तथ्य छुपाया नहीं गया था. इसी आधार पर सेशन कोर्ट ने मंजूर करते हुए दोषी करार दिए गए अक्षय प्रताप सिंह को न सिर्फ जमानत दी थी. साथ ही MLA/MP FTC कोर्ट द्वारा दिए गए 7 साल की सजा पर भी स्टे लगा दिया था. जिसके बाद अक्षय प्रताप सिंह ने एमएलसी का चुनाव लड़ा और वह चुनाव जीतकर विधान परिषद पहुंचे. अब जिला जज संजय शंकर पांडेय ने अपर जिला जज के आदेश को खारिज कर दिया है.

इसे पढ़ें- राकेश टिकैत बोले- योगी के बुलडोजर का सामना करेंगे किसानों के ट्रैक्टर

Last Updated : Apr 22, 2022, 10:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.