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Kaushambi MP Vinod Sonkar: जेल में बंद कैदी चुनाव लड़ सकता है तो वोट क्यों नहीं दे सकता - लोकसभा में उत्तर प्रदेश

कौशांबी सांसद विनोद सोनकर ने लोकसभा में कैदियों के मताधिकार का मुद्दा (voting rights of prisoners) उठाया. उन्होंने कहा कि जब जेल में बंद कैदी चुनाव लड़ सकता है तो वोट क्यों नहीं दे सकता. चुनाव आयोग को जेल में बंद कैदियों के मतदान के लिए व्यवस्था करनी चाहिए.

Kaushambi MP Vinod Sonkar
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Published : Feb 11, 2023, 10:19 AM IST

प्रतापगढ़: लोकसभा में उत्तर प्रदेश के कौशांबी सांसद विनोद सोनकर ने शुक्रवार को जेल में बंद कैदियों को मताधिकार दिलाने का मुद्दा उठाया. सांसद सोनकर ने सदन में कहा कि जब एक कैदी चुनाव लड़ सकता है तो वोट क्यों नहीं दे सकता. जेल में बंद कैदियों को भी मताधिकार मिलना चाहिए.

बीजेपी सांसद विनोद सोनकर ने शुक्रवार को लोकसभा सत्र के दौरान नियम 377 के तहत सदन में कहा कि जेल में बंद बंदियों को लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय एवं पंचायत चुनाव में मतदान करने का अधिकार जेल में ही मिले. उन्होंने कहा कि जब जेल में बंद व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है तो देश के विभिन्न जेलों में लगभग 5 लाख कैदी हैं, जो चुनाव के समय अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाते हैं. चुनाव आयोग को जेल में बंद कैदियों के मतदान के लिए व्यवस्था करनी चाहिए.

बीजेपी सांसद ने कहा कि बुजुर्गों और दिव्यांगों को डाक मत की सुविधा दी गई है. ऐसे में जेलों में बंद कैदियों को भी मतदान का अधिकार मिलना चाहिए. बीजेपी सांसद ने कहा कि चुनाव आयोग प्रत्येक जेल में एक पोलिंग बूथ बनाएं, जिससे जेल में बंद बंदियों को मतदान का अधिकार मिल सके. वह अपने पसंदीदा प्रत्याशी को जनप्रतिनिधि के रूप में चुन सकें.

गौरतलब है कि जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 62 (5) के अनुसार न्यायिक आदेश से जेल में बंद या पुलिस अभिरक्षा में होने वाले व्यक्ति को वोट देने का अधिकार नहीं है. हालांकि, इसको लेकर पिछले साल भी जेल में बंद कैदियों को मतदान का अधिकार देने की मांग उठी थी. सुप्रीम कोर्ट में नवंबर 2022 में इस मुद्दे को लेकर एक जनहित याचिका भी दायर की गई थी. याचिका में जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 62(5) की वैधता को चुनौती दी गई थी. यह धारा जेल में बंद व्यक्ति को मतदान से रोकती है.

  • सदन में नियम 377 के अधीन सूचना के अंतर्गत देश में लोकसभा,विधानसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनाव में देश के 5 लाख से ज्यादा बंदियों के मताधिकार के प्रयोग करने का मुद्दा उठाया एवं माननीय सदन से जेल में ही मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने पर चुनाव आयोग को विचार करने का आग्रह किया। pic.twitter.com/jMUTOjTHBl

    — Vinod Sonkar (@BJPVinodSonkar) February 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

BJP सांसद ने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा कि, ''सदन में नियम 377 के अधीन सूचना के अंतर्गत देश में लोकसभा,विधानसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनाव में देश के 5 लाख से ज्यादा बंदियों के मताधिकार के प्रयोग करने का मुद्दा उठाया एवं माननीय सदन से जेल में ही मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने पर चुनाव आयोग को विचार करने का आग्रह किया.''

ये भी पढ़ेंः Uma Bharti ने गायों को सुरक्षित करने का बताया उपाय, बोलीं- स्कूलों के पास शराब नहीं दूध की दुकानें खोली जाएं

प्रतापगढ़: लोकसभा में उत्तर प्रदेश के कौशांबी सांसद विनोद सोनकर ने शुक्रवार को जेल में बंद कैदियों को मताधिकार दिलाने का मुद्दा उठाया. सांसद सोनकर ने सदन में कहा कि जब एक कैदी चुनाव लड़ सकता है तो वोट क्यों नहीं दे सकता. जेल में बंद कैदियों को भी मताधिकार मिलना चाहिए.

बीजेपी सांसद विनोद सोनकर ने शुक्रवार को लोकसभा सत्र के दौरान नियम 377 के तहत सदन में कहा कि जेल में बंद बंदियों को लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय एवं पंचायत चुनाव में मतदान करने का अधिकार जेल में ही मिले. उन्होंने कहा कि जब जेल में बंद व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है तो देश के विभिन्न जेलों में लगभग 5 लाख कैदी हैं, जो चुनाव के समय अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाते हैं. चुनाव आयोग को जेल में बंद कैदियों के मतदान के लिए व्यवस्था करनी चाहिए.

बीजेपी सांसद ने कहा कि बुजुर्गों और दिव्यांगों को डाक मत की सुविधा दी गई है. ऐसे में जेलों में बंद कैदियों को भी मतदान का अधिकार मिलना चाहिए. बीजेपी सांसद ने कहा कि चुनाव आयोग प्रत्येक जेल में एक पोलिंग बूथ बनाएं, जिससे जेल में बंद बंदियों को मतदान का अधिकार मिल सके. वह अपने पसंदीदा प्रत्याशी को जनप्रतिनिधि के रूप में चुन सकें.

गौरतलब है कि जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 62 (5) के अनुसार न्यायिक आदेश से जेल में बंद या पुलिस अभिरक्षा में होने वाले व्यक्ति को वोट देने का अधिकार नहीं है. हालांकि, इसको लेकर पिछले साल भी जेल में बंद कैदियों को मतदान का अधिकार देने की मांग उठी थी. सुप्रीम कोर्ट में नवंबर 2022 में इस मुद्दे को लेकर एक जनहित याचिका भी दायर की गई थी. याचिका में जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 62(5) की वैधता को चुनौती दी गई थी. यह धारा जेल में बंद व्यक्ति को मतदान से रोकती है.

  • सदन में नियम 377 के अधीन सूचना के अंतर्गत देश में लोकसभा,विधानसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनाव में देश के 5 लाख से ज्यादा बंदियों के मताधिकार के प्रयोग करने का मुद्दा उठाया एवं माननीय सदन से जेल में ही मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने पर चुनाव आयोग को विचार करने का आग्रह किया। pic.twitter.com/jMUTOjTHBl

    — Vinod Sonkar (@BJPVinodSonkar) February 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

BJP सांसद ने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा कि, ''सदन में नियम 377 के अधीन सूचना के अंतर्गत देश में लोकसभा,विधानसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनाव में देश के 5 लाख से ज्यादा बंदियों के मताधिकार के प्रयोग करने का मुद्दा उठाया एवं माननीय सदन से जेल में ही मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने पर चुनाव आयोग को विचार करने का आग्रह किया.''

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