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प्रतापगढ़: कांशीराम आवासीय कॉलोनी का हाल बेहाल - प्रतापगढ़ समाचार

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में मायावती सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना कांशीराम आवास योजना का हाल योगी सरकार में बदहाल है. कांशीराम आवास में रह रहे लोगों की मानें तो मायावती सरकार में जब यह आवास मिला था, उस वक्त सारी सुविधाएं उपलब्ध थी, लेकिन सरकार बदलने के बाद यहां कोई झांकने तक नहीं आता.

कांशीराम आवासीय कॉलोनी का योगी सरकार में हाल बेहाल
कांशीराम आवासीय कॉलोनी का योगी सरकार में हाल बेहाल
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Published : Sep 14, 2020, 1:55 PM IST

प्रतापगढ़: कभी मायावती सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना में शामिल रही कांशीराम शहरी आवासीय योजना योगी सरकार में अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है. जिला महिला अस्पताल के बगल स्थित कांशीराम आवासीय कॉलोनी में अव्यवस्थाओं की भरमार है. कॉलोनी की सड़कों पर जलजमाव और गंदगी स्वच्छता अभियान की पोल खोल रहा है, तो वहीं यहां के निवासियों को पीने के पानी के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

कांशीराम आवास योजना का हाल

कांशीराम आवासों में न तो साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था है और न ही शुद्ध पेयजल आपूर्ति है. इस कोरोना काल में जहां 'स्वच्छता ही बचाव' है, का नारा बुलंद किया जा रहा है, वहीं वार्ड नंबर-25 स्थित आवास योजना के लोग गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं. यहां रह रहे एक हजार से ज्यादा परिवार के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.


मायावती सरकार में मिला था आवास
कांशीराम आवास में रह रहे लोगों ने बताया कि उन्हें मायावती सरकार में यह आवास मिला था. उस वक्त सारी सुविधाएं उपलब्ध थीं. सरकार बदलने के बाद सब बदहाल हो गया. यहां न तो साफ-सफाई के लिए नगरपालिका की तरफ से कोई सफाईकर्मी आता है, न ही पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है, जबकि पहले जब मायावती सरकार थी, तो रोजाना इन कॉलोनियों में साफ-सफाई होती थी. अब कॉलोनियों में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

लोगों ने बताया कि इस कॉलोनी में आने-जाने वाले प्रमुख संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. बारिश के दिनों में स्थिति बद से बदतर हो जाती है. जल निकासी की सुविधा न होने के चलते कीचड़ युक्त और पानी भरे रास्तों से गुजरना पड़ रहा है. कभी-कभी लोग गिरकर घायल भी हो जा रहे हैं.

5 में से 4 हैंडपंप हैं खराब

आवासीय योजना में रह रहे लोगों के लिए इस कॉलोनी में इंडिया मार्का हैंडपंप की बोरिंग कराई गई थी, जिससे लोगों को शुद्ध पीने का पानी मुहैया कराया जा सके, लेकिन वर्तमान में 5 में से 4 हैंडपंप खराब हो चुके हैं, शेष सही हैंडपंप से ही पूरे आवास के लोग पानी पी रहे हैं. गर्मी का सीजन बीत जाने के बाद भी किसी हैण्डपम्प की मरम्मत नहीं कराई गई.

कांशीराम आवास योजना में अव्यवस्थाओं की भरमार.

आवासों की छत हो चुकी है जर्जर

यहां रहने वाली एक महिला रेनू शर्मा ने बताया कि सड़क, नाली, पानी, आवास सब बदहाल है. आवास की छत जर्जर हो चुकी है, एक घर के छत का लिंटर भी टूट चुका है. ऐसे में एक दिन बड़ा हादसा हो सकता है. हम खाना बनाने का काम करते हैं. हमारे पास इतना पैसा है नहीं कि हम आवास की मरम्मत करा सकें. सरकार से निवेदन है कि जर्जर मकान का मरम्मत कराएं.

क्या बोले जिम्मेदार

इस बार में जब नगर पालिका के ईओ मुदित सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हैंडपंप जल विभाग के अन्तर्गत है, जबकि नगर पालिका परिषद के अंतर्गत सभी आवास‌ों को साफ सफाई का जिम्मा है. उन्होंने इसकी लिखित शिकायत मिलने पर जल्द ठीक करने की बात कही.

मायावती सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट की यह तस्वीर सिर्फ नगर पालिका स्थित महिला अस्पताल के बगल आवास योजना की नहीं, बल्कि प्रतापगढ़ जिले की सभी आवासीय कॉलोनियों की है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इसे ठीक करने के बजाय आश्वासन की घुट्टी पिला रहे हैं.

प्रतापगढ़: कभी मायावती सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना में शामिल रही कांशीराम शहरी आवासीय योजना योगी सरकार में अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है. जिला महिला अस्पताल के बगल स्थित कांशीराम आवासीय कॉलोनी में अव्यवस्थाओं की भरमार है. कॉलोनी की सड़कों पर जलजमाव और गंदगी स्वच्छता अभियान की पोल खोल रहा है, तो वहीं यहां के निवासियों को पीने के पानी के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

कांशीराम आवास योजना का हाल

कांशीराम आवासों में न तो साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था है और न ही शुद्ध पेयजल आपूर्ति है. इस कोरोना काल में जहां 'स्वच्छता ही बचाव' है, का नारा बुलंद किया जा रहा है, वहीं वार्ड नंबर-25 स्थित आवास योजना के लोग गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं. यहां रह रहे एक हजार से ज्यादा परिवार के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.


मायावती सरकार में मिला था आवास
कांशीराम आवास में रह रहे लोगों ने बताया कि उन्हें मायावती सरकार में यह आवास मिला था. उस वक्त सारी सुविधाएं उपलब्ध थीं. सरकार बदलने के बाद सब बदहाल हो गया. यहां न तो साफ-सफाई के लिए नगरपालिका की तरफ से कोई सफाईकर्मी आता है, न ही पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है, जबकि पहले जब मायावती सरकार थी, तो रोजाना इन कॉलोनियों में साफ-सफाई होती थी. अब कॉलोनियों में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

लोगों ने बताया कि इस कॉलोनी में आने-जाने वाले प्रमुख संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. बारिश के दिनों में स्थिति बद से बदतर हो जाती है. जल निकासी की सुविधा न होने के चलते कीचड़ युक्त और पानी भरे रास्तों से गुजरना पड़ रहा है. कभी-कभी लोग गिरकर घायल भी हो जा रहे हैं.

5 में से 4 हैंडपंप हैं खराब

आवासीय योजना में रह रहे लोगों के लिए इस कॉलोनी में इंडिया मार्का हैंडपंप की बोरिंग कराई गई थी, जिससे लोगों को शुद्ध पीने का पानी मुहैया कराया जा सके, लेकिन वर्तमान में 5 में से 4 हैंडपंप खराब हो चुके हैं, शेष सही हैंडपंप से ही पूरे आवास के लोग पानी पी रहे हैं. गर्मी का सीजन बीत जाने के बाद भी किसी हैण्डपम्प की मरम्मत नहीं कराई गई.

कांशीराम आवास योजना में अव्यवस्थाओं की भरमार.

आवासों की छत हो चुकी है जर्जर

यहां रहने वाली एक महिला रेनू शर्मा ने बताया कि सड़क, नाली, पानी, आवास सब बदहाल है. आवास की छत जर्जर हो चुकी है, एक घर के छत का लिंटर भी टूट चुका है. ऐसे में एक दिन बड़ा हादसा हो सकता है. हम खाना बनाने का काम करते हैं. हमारे पास इतना पैसा है नहीं कि हम आवास की मरम्मत करा सकें. सरकार से निवेदन है कि जर्जर मकान का मरम्मत कराएं.

क्या बोले जिम्मेदार

इस बार में जब नगर पालिका के ईओ मुदित सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हैंडपंप जल विभाग के अन्तर्गत है, जबकि नगर पालिका परिषद के अंतर्गत सभी आवास‌ों को साफ सफाई का जिम्मा है. उन्होंने इसकी लिखित शिकायत मिलने पर जल्द ठीक करने की बात कही.

मायावती सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट की यह तस्वीर सिर्फ नगर पालिका स्थित महिला अस्पताल के बगल आवास योजना की नहीं, बल्कि प्रतापगढ़ जिले की सभी आवासीय कॉलोनियों की है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इसे ठीक करने के बजाय आश्वासन की घुट्टी पिला रहे हैं.

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