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प्रतापगढ़: निलंबित SDM विनीत उपाध्याय के आरोपों की जांच शुरू

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Published : Sep 27, 2020, 5:33 PM IST

प्रतापगढ़ के निलंबित एसडीएम विनीत उपाध्याय के आरोपों की हुई जांच शुरू हो गई है. बता दें कि एसडीएम ने फर्जी तरीके से चार स्कूलों के संचालन का आरोप लगाया था. इसके बाद मामले की जांच हुई और डीएम को रिपोर्ट सौंप दी गई, लेकिन एसडीएम ने जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे.

एसडीएम विनीत उपाध्याय के आरोपों की शुरू हुई जांच.
एसडीएम विनीत उपाध्याय के आरोपों की शुरू हुई जांच.

प्रतापगढ़: शुक्रवार को डीएम आवास पर साढ़े चार घंटे धरना देने वाले निलंबित एसडीएम विनीत उपाध्याय के आरोपों की जांच शुरू हो गई है. एसडीएम ने लालगंज इलाके के धधुआगाजन में फर्जी तरीके से चार स्कूलों के संचालन का आरोप लगाया था. एसडीएम के आरोप पर डीएम ने शिक्षा विभाग के अफसरों से मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है. राजस्व विभाग की जांच में यह सामने आया है कि स्कूल सार्वजनिक या फिर सरकारी जमीन कब्जा कर नहीं बनाया गया है. वहीं निलंबित एसडीएम ने तत्कालीन एसडीएम मोहनलाल पर भी सड़क किनारे फर्जी ढंग से डेढ़ सौ आवासीय और कृषि पट्टे करने का आरोप लगाया था. इस मामले में भी जांच शुरू हो गई है.

अतिरिक्त एसडीएम विनीत उपाध्याय ने शुक्रवार को सदर एसडीएम मोहनलाल गुप्ता, एडीएम शत्रोहन वैश्य पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. साथ ही डीएम रूपेश कुमार पर इन्हें संरक्षण देने का आरोप लगाया था. साथ ही इस मामले को लेकर विनीत उपाध्याय अपनी पत्नी के साथ डीएम आवास पर धरने पर बैठ गए थे. वह करीब साढ़े चार घंटे तक डीएम के चेम्बर में धरने पर बैठे रहे.

देर शाम मामले की जानकारी होने पर शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था. एसडीएम विनीत उपाध्याय का आरोप था कि लालगंज में तैनाती के दौरान वकीलों से हुए विवाद में जांच अधिकारी बनाए गए एडीएम शत्रोहन वैश्य ने एकतरफा रिपोर्ट भेजी है. रिपोर्ट में उनका पक्ष नहीं रखा गया है. लालगंज में एसडीएम रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों में कार्रवाई की थी. धधुआगाजन गांव के शिक्षा माफिया के खिलाफ उन्होंने कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी है. शिक्षा माफिया इस गांव के नाम पर चार स्कूलों की मान्यता लेकर सांगीपुर में स्कूलों का संचालन कर रहा है.

इसके अलावा विनीत उपाध्याय ने आरोप लगाया था कि, वर्तमान सदर एसडीएम मोहनलाल गुप्ता ने लालगंज एसडीएम रहते हुए असरही गांव में सड़क किनारे करीब डेढ़ सौ आवासीय और कृषि पट्टे किए थे और उनकी रिपोर्ट के बाद यह पट्टे निरस्त हो गए थे. इसके चलते उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. निलंबित एसडीएम ने कहा था कि, भ्रष्टाचार में लिप्त एडीएम शत्रोहन वैश्य ने एसडीएम मोहनलाल गुप्ता को बचाने के लिए मेरे खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है. डीएम डॉ. रूपेश कुमार ने एसडीएम विनीत उपाध्याय के आरोपों की जांच शुरू करा दिया है. राजस्व टीम के साथ-साथ बीएसए और डीआईओएस को जांच के लिए निर्देशित किया है.

जिलाधिकारी रूपेश कुमार ने सोशल मीडिया पर एक विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि एसडीएम विनीत उपाध्याय के आरोपों की जांच कराई जा रही है. धधुआगाजन में फर्जीवाड़ा कर चार स्कूल संचालित किए जाने की शिकायत उन्होंने मुझसे कभी नहीं की थी. वकीलों से हुए विवाद के मामले में जांच अधिकारी बनाए गए एडीएम के स्पष्टीकरण मांगने पर उन्होंने इस बात का जिक्र किया.

एसडीएम विनीत उपाध्याय के आरोपों के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है. कोई भी अधिकारी मीडिया का सामना करने को तैयार नहीं है. जिले में भ्रष्टाचार की जड़े बहुत गहरी है, डायरेक्ट एसडीएम विनीत उपाध्याय को इसी बात का अधिक दुख था कि प्रमोटी एसडीएम गलत काम करते हुए भी पदों पर काम कर रहे है. वे कई महीनों से सच की लड़ाई के चलते उपेक्षित पड़े हुए हैं.

प्रतापगढ़: शुक्रवार को डीएम आवास पर साढ़े चार घंटे धरना देने वाले निलंबित एसडीएम विनीत उपाध्याय के आरोपों की जांच शुरू हो गई है. एसडीएम ने लालगंज इलाके के धधुआगाजन में फर्जी तरीके से चार स्कूलों के संचालन का आरोप लगाया था. एसडीएम के आरोप पर डीएम ने शिक्षा विभाग के अफसरों से मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है. राजस्व विभाग की जांच में यह सामने आया है कि स्कूल सार्वजनिक या फिर सरकारी जमीन कब्जा कर नहीं बनाया गया है. वहीं निलंबित एसडीएम ने तत्कालीन एसडीएम मोहनलाल पर भी सड़क किनारे फर्जी ढंग से डेढ़ सौ आवासीय और कृषि पट्टे करने का आरोप लगाया था. इस मामले में भी जांच शुरू हो गई है.

अतिरिक्त एसडीएम विनीत उपाध्याय ने शुक्रवार को सदर एसडीएम मोहनलाल गुप्ता, एडीएम शत्रोहन वैश्य पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. साथ ही डीएम रूपेश कुमार पर इन्हें संरक्षण देने का आरोप लगाया था. साथ ही इस मामले को लेकर विनीत उपाध्याय अपनी पत्नी के साथ डीएम आवास पर धरने पर बैठ गए थे. वह करीब साढ़े चार घंटे तक डीएम के चेम्बर में धरने पर बैठे रहे.

देर शाम मामले की जानकारी होने पर शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था. एसडीएम विनीत उपाध्याय का आरोप था कि लालगंज में तैनाती के दौरान वकीलों से हुए विवाद में जांच अधिकारी बनाए गए एडीएम शत्रोहन वैश्य ने एकतरफा रिपोर्ट भेजी है. रिपोर्ट में उनका पक्ष नहीं रखा गया है. लालगंज में एसडीएम रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों में कार्रवाई की थी. धधुआगाजन गांव के शिक्षा माफिया के खिलाफ उन्होंने कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी है. शिक्षा माफिया इस गांव के नाम पर चार स्कूलों की मान्यता लेकर सांगीपुर में स्कूलों का संचालन कर रहा है.

इसके अलावा विनीत उपाध्याय ने आरोप लगाया था कि, वर्तमान सदर एसडीएम मोहनलाल गुप्ता ने लालगंज एसडीएम रहते हुए असरही गांव में सड़क किनारे करीब डेढ़ सौ आवासीय और कृषि पट्टे किए थे और उनकी रिपोर्ट के बाद यह पट्टे निरस्त हो गए थे. इसके चलते उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. निलंबित एसडीएम ने कहा था कि, भ्रष्टाचार में लिप्त एडीएम शत्रोहन वैश्य ने एसडीएम मोहनलाल गुप्ता को बचाने के लिए मेरे खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है. डीएम डॉ. रूपेश कुमार ने एसडीएम विनीत उपाध्याय के आरोपों की जांच शुरू करा दिया है. राजस्व टीम के साथ-साथ बीएसए और डीआईओएस को जांच के लिए निर्देशित किया है.

जिलाधिकारी रूपेश कुमार ने सोशल मीडिया पर एक विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि एसडीएम विनीत उपाध्याय के आरोपों की जांच कराई जा रही है. धधुआगाजन में फर्जीवाड़ा कर चार स्कूल संचालित किए जाने की शिकायत उन्होंने मुझसे कभी नहीं की थी. वकीलों से हुए विवाद के मामले में जांच अधिकारी बनाए गए एडीएम के स्पष्टीकरण मांगने पर उन्होंने इस बात का जिक्र किया.

एसडीएम विनीत उपाध्याय के आरोपों के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है. कोई भी अधिकारी मीडिया का सामना करने को तैयार नहीं है. जिले में भ्रष्टाचार की जड़े बहुत गहरी है, डायरेक्ट एसडीएम विनीत उपाध्याय को इसी बात का अधिक दुख था कि प्रमोटी एसडीएम गलत काम करते हुए भी पदों पर काम कर रहे है. वे कई महीनों से सच की लड़ाई के चलते उपेक्षित पड़े हुए हैं.

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