प्रतापगढ़: जिले के कुंडा कोतवाली के जिर्गापुर के सुनील यादव की शादी नवाबगंज थाने के शेखपुर निवासी धूरी यादव की बेटी क्रांति देवी से तय हुई थी. गुरुवार 19 नवम्बर को उसकी शादी की तारीख रक्खी गई थी. बाराती गाजे-बाजे के साथ शाम 5 बजे रवाना हुए. बारात अपने निर्धारित समय पर ही पहुंची. जनमासे में बारातियों का स्वागत सत्कार हुआ. डीजे बज रहा था द्वारचार की तैयारियां हो रही थीं। दुल्हन के घर से इशारा मिलते ही बाराती डीजे की धुन पर गाते बजाते निकल पड़े.
जल्दी में जयमाल तक नहीं देखी
दरवाजे पर बारात पहुंचने में काफी समय लग गया. सब लोग मस्ती में नाच रहे थे. द्वाराचार के दौरान भी डीजे पर लोग थिरकते रहे. उसके बाद जब सब थक गए, तो सीधे खाने की ओर चले गए. सभी ने पंडाल में बैठ कर खाना खाया. इस दौरान चालक पारसनाथ भी मौजूद था. लोगों ने उसके नशे में होने की बात भी कही. लेकिन उसने गाड़ी चला लेने का आश्वासन दिया था. सभी लोग खाना-खाकर जाने की तैयारी करने लगे. यह बात दूल्हे के पिता को पता चल गई.
गाड़ी में बैठ चुके दो लोगों की ऐसे बची जान
बोलेरो गाड़ी में चालक समेत 14 लोग सवार थे. इनमें 6 बच्चे थे. लड़कीवालोंं के यहां से घर के लिए निकलते समय दो लोग विजय और दीपक भी गाड़ी में बैठ गए थे. दूल्हे के पिता ने गाड़ी रोकते हुए उन दोनों को गाड़ी से उतार लिया. उनका कहना था कि सब लोग चले जाएंगे, तो बारात में कौन रुकेगा. कोई काम पड़ा, तो कौन करेगा. इस बात पर विजय और दीपक गाड़ी से उतर गए. घटना की जानकारी मिलने के बाद दोनों के होश उड़ गए.
हादसे में कोई नहीं बचा
बोलेरो चालक ने पहले तो संख्या से अधिक लोगों को गाड़ी में बैठाया था. दूसरा उसकी स्पीड काफी तेज थी. रात 11.40 पर हुए इस हादसे के दौरान बेहद तेज आवाज हुई थी. गाड़ी में बैठे लोग चीख भी नहीं सके और उनकी मौत हो गई. पुलिस ने ट्रक चालक और मालिक पर केस दर्ज किया है. परिजनों ने आरोप लगाया है कि ट्रक चालक ने अचानक ब्रेक मार दिया था. सुबह पुलिस का कहना था कि पंचर ट्रक खड़ा था. उसमें गाड़ी घुस गई.
मंजर देखकर सहम गई अंतरात्मा
कुंडा का जिर्गापुर गांव में चीख पुकार मची हुई है. एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हुई है. हर आंख नम है. आर जुबान खामोश. जहां आज सुबह दुल्हन की अगवानी करनी थी, आज वहां लोगों को अपनों के मुर्दा शरीरों का इंतजार था. जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव जिर्गापुर के लिए रवाना कर दिए गए हैं. सीएम के आदेश पर मृतकों को दो-दो लाख रुपये की मदद की घोषणा की गई है. अपनों को खो चुके लोगों के जख्म इतने गहरे हैं कि उसे भरा नहीं जा सकता.
बताते हैं कि जयमाला के समय आशीर्वाद देने की प्रक्रिया चल रही थी. उसी समय इस दुर्घटना की सूचना मिली. जानकारी मिलते ही सब स्तब्ध रह गए. दुल्हन रोने लगी. किसी तरह से विवाह की औपचारिकताएं पूरी की गईं.