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रामपाल मर्डर केस: भाई ने ही कराई थी हत्या, शूटरों को दिए थे डेढ़ लाख रुपये - रामपाल मर्डर केस

प्रतापगढ़ जिले में रामपाल मर्डर केस का पुलिस ने खुलासा करते हुए चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि रामपाल की हत्या उसके भाई ने ही कराई थी. मामला नगर कोतवाली क्षेत्र का है.

Sp akash tomar
एसपी आकाश तोमर.
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Published : Mar 28, 2021, 5:40 PM IST

प्रतापगढ़: जिले के नगर कोतवाली अंतर्गत ईश्वर नाथ गांव में 21 मार्च की शाम को रामपाल नाम के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. एसपी आकाश तोमर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया है कि रामपाल की हत्या उसके भाई ने ही कराई थी. अपना दल (एस) के विधायक राजकुमार पाल के परिवार के होने के नाते पुलिस लगातार अपराधियों को पकड़ने के लिए टीम गठित की थी, जिसमें मुखबिर की खास सूचना पर चेकिंग के दौरान चार अभियुक्त को छता का पुरवा के पास से गिरफ्तार किया गया.

शूटरों के माध्यम से वारदात को दिया गया था अंजाम
पुलिस ने जब गिरफ्तार अभियुक्तों से गहनता से पूछताछ की तो पता चला कि नन्हें उर्फ पप्पू पाल वादी मुकदमा द्वारा शूटरों के माध्यम से इस वारदात को अंजाम दिया गया था. पप्पू पाल ने बताया कि उसका बड़ा भाई रामपाल (मृतक) ने उसका जीना दुश्वार कर दिया था. झाड़-फूंक कराकर दो वर्ष पहले उसने मेरे 18 वर्ष के बड़े लड़के को मरवा दिया था. उसकी मौत के बाद उसने अपने घर में मुर्गा दारू की पार्टी भी की थी. मेरा छोटा लड़का भी उसके तंत्र-मंत्र के कारण बीमार रहता है.

पप्पू पाल ने बताया कि मुझे ज्ञात हुआ कि मेरा बड़ा भाई मुझे और मेरे लड़के को भी मारना चाहता है. इसी कारण मैंने अपनी परेशानी नंदलाल यादव उर्फ वेदी यादव को बताई थी. नंदलाल कचहरी में रिटायर लेखपाल के पास मुंशी का काम करता है. कचहरी आते-जाते मेरा उससे परिचय हुआ था. नंदलाल यादव ने रामपाल को रास्ते से हटाने के लिए डेढ़ लाख रुपये में शूटर से काम कराने की बात कही थी. इस योजना से नंदलाल यादव ने अपने भाई हरीश चंद्र को अवगत कराते हुए उसे अवैध पिस्टल और भाड़े के दो शूटरों अफसर व उसके साथी को 50-50 हजार रुपये देने के बाद हत्या करने की बात कही थी. इसमें से 35 हजार रुपये मैंने घटना के 4 दिन पहले नंदलाल को दिया था और बाकी पैसा घटना करने के बाद में दिया था.

शराब ठेके से किया पीछा
सुपारी किलर अफसर से जब पुलिस ने गिरफ्तार कर गहनता से पूछताछ की तो अभियुक्त ने बताया कि रामपाल को मारने के लिए घटना से 4 दिन पहले नंदलाल यादव उर्फ वेदी यादव पुत्र योगेंद्र यादव ने डेढ़ लाख रुपये की सुपारी दी थी. घटना के दिन 21 मार्च को बस अड्डा के पास देशी शराब के ठेके पर रामपाल के आने की जानकारी थी. ठेके के पास चाय की दुकान पर शाम शात बजे ही बैठकर उसका इंतजार हम लोग कर रहे थे. रामपाल जब मोटरसाइकिल से एक आदमी संतलाल विश्वकर्मा के साथ अपने घर की तरफ जा रहा था. तब मैंने उसका पीछा कर लिया. मेरे साथ मेरा एक अन्य साथी था. हम लोग हीरो कंपनी की काली लाल करिश्मा मोटरसाइकिल पर सवार थे.

अफसर ने बताया कि जैसे ही रामपाल अपने गांव के पास पहुंचा, तब तक रोड के पास उसने मोटरसाइकिल रोक दिया था. हम लोग आगे पहुंच गए. मैंने पिस्टल निकालकर रामपाल के सिर में गोली मार दी और उसी रास्ते से वापस चला आया था.

प्रतापगढ़: जिले के नगर कोतवाली अंतर्गत ईश्वर नाथ गांव में 21 मार्च की शाम को रामपाल नाम के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. एसपी आकाश तोमर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया है कि रामपाल की हत्या उसके भाई ने ही कराई थी. अपना दल (एस) के विधायक राजकुमार पाल के परिवार के होने के नाते पुलिस लगातार अपराधियों को पकड़ने के लिए टीम गठित की थी, जिसमें मुखबिर की खास सूचना पर चेकिंग के दौरान चार अभियुक्त को छता का पुरवा के पास से गिरफ्तार किया गया.

शूटरों के माध्यम से वारदात को दिया गया था अंजाम
पुलिस ने जब गिरफ्तार अभियुक्तों से गहनता से पूछताछ की तो पता चला कि नन्हें उर्फ पप्पू पाल वादी मुकदमा द्वारा शूटरों के माध्यम से इस वारदात को अंजाम दिया गया था. पप्पू पाल ने बताया कि उसका बड़ा भाई रामपाल (मृतक) ने उसका जीना दुश्वार कर दिया था. झाड़-फूंक कराकर दो वर्ष पहले उसने मेरे 18 वर्ष के बड़े लड़के को मरवा दिया था. उसकी मौत के बाद उसने अपने घर में मुर्गा दारू की पार्टी भी की थी. मेरा छोटा लड़का भी उसके तंत्र-मंत्र के कारण बीमार रहता है.

पप्पू पाल ने बताया कि मुझे ज्ञात हुआ कि मेरा बड़ा भाई मुझे और मेरे लड़के को भी मारना चाहता है. इसी कारण मैंने अपनी परेशानी नंदलाल यादव उर्फ वेदी यादव को बताई थी. नंदलाल कचहरी में रिटायर लेखपाल के पास मुंशी का काम करता है. कचहरी आते-जाते मेरा उससे परिचय हुआ था. नंदलाल यादव ने रामपाल को रास्ते से हटाने के लिए डेढ़ लाख रुपये में शूटर से काम कराने की बात कही थी. इस योजना से नंदलाल यादव ने अपने भाई हरीश चंद्र को अवगत कराते हुए उसे अवैध पिस्टल और भाड़े के दो शूटरों अफसर व उसके साथी को 50-50 हजार रुपये देने के बाद हत्या करने की बात कही थी. इसमें से 35 हजार रुपये मैंने घटना के 4 दिन पहले नंदलाल को दिया था और बाकी पैसा घटना करने के बाद में दिया था.

शराब ठेके से किया पीछा
सुपारी किलर अफसर से जब पुलिस ने गिरफ्तार कर गहनता से पूछताछ की तो अभियुक्त ने बताया कि रामपाल को मारने के लिए घटना से 4 दिन पहले नंदलाल यादव उर्फ वेदी यादव पुत्र योगेंद्र यादव ने डेढ़ लाख रुपये की सुपारी दी थी. घटना के दिन 21 मार्च को बस अड्डा के पास देशी शराब के ठेके पर रामपाल के आने की जानकारी थी. ठेके के पास चाय की दुकान पर शाम शात बजे ही बैठकर उसका इंतजार हम लोग कर रहे थे. रामपाल जब मोटरसाइकिल से एक आदमी संतलाल विश्वकर्मा के साथ अपने घर की तरफ जा रहा था. तब मैंने उसका पीछा कर लिया. मेरे साथ मेरा एक अन्य साथी था. हम लोग हीरो कंपनी की काली लाल करिश्मा मोटरसाइकिल पर सवार थे.

अफसर ने बताया कि जैसे ही रामपाल अपने गांव के पास पहुंचा, तब तक रोड के पास उसने मोटरसाइकिल रोक दिया था. हम लोग आगे पहुंच गए. मैंने पिस्टल निकालकर रामपाल के सिर में गोली मार दी और उसी रास्ते से वापस चला आया था.

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