प्रतापगढ़: बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्री लगाकर शिक्षक की नौकरी हासिल करने वाले 17 शिक्षकों पर केस दर्ज किया गया है. यह कार्रवाई दो साल बाद की गई है, जबकि बीएसए ने दो साल पहले ही खण्ड शिक्षा अधिकारियों को मुकदमा दर्ज करने को कहा था. वहीं बीईओ दो साल से फाइल दबाकर बैठे हुए थे. शासन की फटकार पर सभी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है.
जिले का बेसिक शिक्षा विभाग हमेशा से आरोपों से घिरा रहा है. विभाग में फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी पाने वालों की भरमार है. फर्जी डिग्री लगाकर शिक्षक बने 17 लोगों को 2018 में बर्खास्त कर दिया गया था. बर्खास्त करने के साथ ही इनके खिलाफ एफआईआर के आदेश दे दिए गए थे. साथ ही इनके वेतन की रिकवरी का आदेश भी दिया गया था, लेकिन संबंधित खण्ड शिक्षा अधिकारी ( बीईओ) ने इनके खुलाफ़ मुकदमा दर्ज नहीं कराया था. शासन ने जब अफसरों से एफआईआर की कॉपी मांगी तो पता चला कि अभी इन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी ही दर्ज नहीं दर्ज हुई है. इस मामले में शासन ने सख्त रुख अपनाया तो शिक्षा विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए.
बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश पर तत्काल प्रभाव से फर्जी शिक्षकों पर 24 घंटे में 10 विकास खण्डों के खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने केस दर्ज कराया है. बीएसए अशोक कुमार सिंह की खामोसी इस मामले में संदिग्ध रही है. करीब दो साल से जिले में जमे बीएसए को आखिर फर्जी शिक्षकों पर केस दर्ज करने में इतना समय क्यों लगा.
अब तक 49 फर्जी शिक्षकों पर दर्ज हो चुका है केस
बेसिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2017 से अब तक 49 शिक्षकों पर केस दर्ज हो चुका है. शासन के आदेश पर दो माह पहले भी तीन शिक्षकों पर केस दर्ज हुआ था. फर्जी शिक्षकों में अधिकांश की बीएड की डिग्री फर्जी मिली थी. 19 ऐसे लोग भी थे, जो बगैर शिक्षा मित्र बने ही सहायक अध्यापक बन गए थे. इस सब लोगों के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है.
बीएसए आशोक कुमार ने बताया कि जिले में फर्जी डिग्री या प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी कर रहे शिक्षकों के कागज की जांच हो रही है. जो भी लोग फर्जी पाए जा रहे हैं उन पर कार्रवाई की जा रही है। अभी 17 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है.