प्रतापगढ़: भारत-चीन सीमा एलएसी पर गलवान घाटी में शहीद हुए एक कर्नल और दो जवानों की शहादत पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी ने दुख जताया है. उन्होंने वीर सपूतों के बलिदान पर प्रधानमंत्री से इस शहादत का माकूल जवाब देने को कहा है.
प्रमोद तिवारी ने शहीदों के शौर्य को नमन करते हुए कहा कि सर्वोच्च बलिदान देकर वीर सपूतों ने अप्रतिम शौर्य का साहसिक परिचय दिया है. उन्होंने कहा कि इस शहादत से देश और सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि जब तक भारत एलएसी के इस तरफ के अपने सीमा क्षेत्र की भूमि को चीन से खाली नहीं करा लेता उसे चैन से नहीं बैठना होगा. कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि शहादत को लेकर राष्ट्र स्तब्ध है और भारतवासियों का इस बलिदान से भारतीय सेना के साथ खड़े रहने का पवित्र संकल्प लेना चहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि चीन की इस हिमाकत का जवाब देने के लिए देश को सिक्किम सीमा पर 1967 में इंदिरा गांधी के कार्यकाल की तरह चीन को सही समय पर माकूल जवाब देने के लिए भारत-चीन युद्ध को दोहराए जाने का समय आ गया है.
उन्होंने भारतीय रक्षा मंत्रालय के आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि पीएम को बेहिचक अब 1967 में इंदिरा गांधी के कार्यकाल की तरह चीन को सही समय पर माकूल जवाब देने के लिए भारत-चीन युद्ध को दोहराए जाने का समय आ गया है. पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि देश को भारतीय सेना पर गर्व है और जाबांज सेना के जरिए देश फिर से अजेय सामरिक इतिहास रचने को तैयार है.
प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा सदस्य के रूप में संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ शहादत की वीर भूमि की माटी का तिलक लगाये जाने के भावनात्मक क्षण को याद करते हुए देश के शहीदों के बलिदान को भी अमर ठहराया.