ETV Bharat / state

Pratapgarh Roadways Bus : किराया तो बढ़ा दिया, नहीं मिली खटारा बसों से निजात

रोडवेज बसों का किराया बढ़ने से यात्रा तो महंगी हो गई. लेकिन लोगों को सफर अभी भी खटारा बसों में करना पड़ रहा है. रियलटी चेक में प्रतापगढ़ डिपो की कई बसें ऐसी मिलीं, जिनसे यात्रा करना सुरक्षित नहीं है.

Pratapgarh Roadways Bus
Pratapgarh Roadways Bus
author img

By

Published : Mar 7, 2023, 1:42 PM IST

प्रतापगढ़ रोडवेज बसों का हाल

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश में रोडवेज बसों से यात्रा करना महंगा हो गया है. महीनेभर पहले उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने प्रति किलोमीटर 25 पैसे किराया बढ़ा दिया. लेकिन, खटारा बसों से यात्रियों को निजात नहीं मिली. जिम्मेदार पैसेंजर्स की जान की परवाह नहीं कर रहे हैं. ये खटारा बसें लंबे रूट पर फर्राटे भर रही हैं. इन बसों में यात्री यात्रा करने को बेबस हैं. अब सवाल यह उठता है कि अगर इन बसों की वजह से कोई हादसा या अनहोनी हो गई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. खटारा बसों को लेकर तकरीबन एक महीने बाद ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो पर जाकर रोडवेज बसों की स्थिति का रियलिटी चेक किया.

रियलटी चेक के दौरान प्रतापगढ़ रोडवेज डिपो में दर्जनों बसें ऐसी पाई गईं, जिनकी उम्र पूरी हो गई है. बावजूद इसके सड़कों पर दौड़ रही हैं. इनमें सबसे ज्यादा खटारा बसें मुख्यालय से कानपुर जाने वाली हैं. जिनकी हालत बेहद खराब है. नियमों को ताक पर रखकर ये बसें संचालित की जा रही हैं. बसों में न तो फर्स्ट एंड बॉक्स है और न ही अग्निशमन यंत्र लगे हैं. बसों में फायर सेफ्टी के इंतजामों को लेकर घोर लापरवाही बरती जा रही है. परिवहन निगम की ओर से सुरक्षा को लेकर कोई सावधानी नहीं बरती जा रही है. ऐसे में यदि इन बसों में आगजनी की घटनाएं हुईं तो हाहाकार मच जाएगा.

etv bharat
बसों में फर्स्ट एड बॉक्स नहीं

जनपद डिपो से 58 निगम की और 16 अनुबंधित कुल 74 बसें संचालित हो रही हैं. इन बसों में दर्जनों बसें ऐसी हैं जो कई लाख किलोमीटर चल चुकी हैं. उनके मीटर बंद हो चुके हैं. आए दिन लॉग रूट की बसें रास्ते में खराब हो जाती हैं और यात्री समेत चालक-परिचालक को भारी समस्याओं को सामना करना पड़ता है. रोडवेड डिपो की खटारा बसें ज्यादातर कानपुर, दिल्ली और प्रयागराज रूट पर चलती हैं. कानपुर जाने वाली बस में यात्रा कर रहे यात्री एसके द्विवेदी का कहना है कि बसों का कोई टाइम नहीं हैं. कब चले कब पहुंचाए, कब कहां खड़ी हो जाएं, कोई सुरक्षा के मानक नहीं लगे हैं. उनका कहना है कि किराया तो बढ़ गया है बाकी कोई सुविधा नहीं. जब बसें खटारा रहेंगी तो जरूरी नहीं की समय से पहुंचा दें, कहीं भी खड़ी हो सकती हैं.

Pratapgarh
प्रतापगढ़ रोडवेज बसों की स्थिति

वहीं चालक श्रीकांत मिश्रा का कहना है कि जब कहीं गाड़ी खड़ी हो जाती हैं तो सवारी किस गाड़ी को दें. न तो वर्कशॉप में कोई मिस्त्री काम करने को तैयार है. ऐसे में दिक्कत आती है कि सवारी किसे दें. ऐसे में कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) प्रमोद कुमार कटियार ने बताया कि प्रतापगढ़ डिपो में कुल 74 बसें हैं, जिसमें 58 निगम की और 16 अनुबंधित बसें हैं. इनमें से लॉग रूट पर जैसे दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर संचालित होती हैं. साथ ही ग्रामीण इलाकों को भी कवर किया जाता है. खटारा बसों को लेकर उन्होंने कहा कि कुछ बसें हैं उनको प्रक्रिया के तहत सुधार कर संचालित कराई जा रही हैं. नई बसें मिलते ही निगम बस बेड़े से इनको अलग कर दिया जाएगा. बहुत जल्द मार्च-अप्रैल महीने तक डिपो को कई बसें मिलने की संभावना है. पीके कटियार ने बताया कि डिपो के लिए एसी बसें भी बन रही हैं. हमने यहां से डिमांड की है. उम्मीद है कि शीघ्र ही दो एसी बसें प्राप्त हो जाएंगी.

गौरतलब है कि बीते फरवरी में उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन प्राधिकरण ने रोडवेज बसों का किराया प्रति किलोमीटर 25 पैसे बढ़ा दिए हैं. 30 जनवरी को राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में रोडवेज बसों के किराए संबंधी प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई थी. जिसमें परिवहन निगम की तरफ़ से 25 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से किराया बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था. बैठक में मंजूर कर लिया गया था. जिसे फरवरी में लागू कर दिया गया था. यानी कि अब यात्रियों को 100 किमी की यात्रा करने पर 25 रुपए अधिक देने पड़ रहे हैं.

यह भी पढ़ें: UP Road Accident: अयोध्या और कन्नौज में सड़क हादसा, 5 की मौत

प्रतापगढ़ रोडवेज बसों का हाल

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश में रोडवेज बसों से यात्रा करना महंगा हो गया है. महीनेभर पहले उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने प्रति किलोमीटर 25 पैसे किराया बढ़ा दिया. लेकिन, खटारा बसों से यात्रियों को निजात नहीं मिली. जिम्मेदार पैसेंजर्स की जान की परवाह नहीं कर रहे हैं. ये खटारा बसें लंबे रूट पर फर्राटे भर रही हैं. इन बसों में यात्री यात्रा करने को बेबस हैं. अब सवाल यह उठता है कि अगर इन बसों की वजह से कोई हादसा या अनहोनी हो गई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. खटारा बसों को लेकर तकरीबन एक महीने बाद ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो पर जाकर रोडवेज बसों की स्थिति का रियलिटी चेक किया.

रियलटी चेक के दौरान प्रतापगढ़ रोडवेज डिपो में दर्जनों बसें ऐसी पाई गईं, जिनकी उम्र पूरी हो गई है. बावजूद इसके सड़कों पर दौड़ रही हैं. इनमें सबसे ज्यादा खटारा बसें मुख्यालय से कानपुर जाने वाली हैं. जिनकी हालत बेहद खराब है. नियमों को ताक पर रखकर ये बसें संचालित की जा रही हैं. बसों में न तो फर्स्ट एंड बॉक्स है और न ही अग्निशमन यंत्र लगे हैं. बसों में फायर सेफ्टी के इंतजामों को लेकर घोर लापरवाही बरती जा रही है. परिवहन निगम की ओर से सुरक्षा को लेकर कोई सावधानी नहीं बरती जा रही है. ऐसे में यदि इन बसों में आगजनी की घटनाएं हुईं तो हाहाकार मच जाएगा.

etv bharat
बसों में फर्स्ट एड बॉक्स नहीं

जनपद डिपो से 58 निगम की और 16 अनुबंधित कुल 74 बसें संचालित हो रही हैं. इन बसों में दर्जनों बसें ऐसी हैं जो कई लाख किलोमीटर चल चुकी हैं. उनके मीटर बंद हो चुके हैं. आए दिन लॉग रूट की बसें रास्ते में खराब हो जाती हैं और यात्री समेत चालक-परिचालक को भारी समस्याओं को सामना करना पड़ता है. रोडवेड डिपो की खटारा बसें ज्यादातर कानपुर, दिल्ली और प्रयागराज रूट पर चलती हैं. कानपुर जाने वाली बस में यात्रा कर रहे यात्री एसके द्विवेदी का कहना है कि बसों का कोई टाइम नहीं हैं. कब चले कब पहुंचाए, कब कहां खड़ी हो जाएं, कोई सुरक्षा के मानक नहीं लगे हैं. उनका कहना है कि किराया तो बढ़ गया है बाकी कोई सुविधा नहीं. जब बसें खटारा रहेंगी तो जरूरी नहीं की समय से पहुंचा दें, कहीं भी खड़ी हो सकती हैं.

Pratapgarh
प्रतापगढ़ रोडवेज बसों की स्थिति

वहीं चालक श्रीकांत मिश्रा का कहना है कि जब कहीं गाड़ी खड़ी हो जाती हैं तो सवारी किस गाड़ी को दें. न तो वर्कशॉप में कोई मिस्त्री काम करने को तैयार है. ऐसे में दिक्कत आती है कि सवारी किसे दें. ऐसे में कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) प्रमोद कुमार कटियार ने बताया कि प्रतापगढ़ डिपो में कुल 74 बसें हैं, जिसमें 58 निगम की और 16 अनुबंधित बसें हैं. इनमें से लॉग रूट पर जैसे दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर संचालित होती हैं. साथ ही ग्रामीण इलाकों को भी कवर किया जाता है. खटारा बसों को लेकर उन्होंने कहा कि कुछ बसें हैं उनको प्रक्रिया के तहत सुधार कर संचालित कराई जा रही हैं. नई बसें मिलते ही निगम बस बेड़े से इनको अलग कर दिया जाएगा. बहुत जल्द मार्च-अप्रैल महीने तक डिपो को कई बसें मिलने की संभावना है. पीके कटियार ने बताया कि डिपो के लिए एसी बसें भी बन रही हैं. हमने यहां से डिमांड की है. उम्मीद है कि शीघ्र ही दो एसी बसें प्राप्त हो जाएंगी.

गौरतलब है कि बीते फरवरी में उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन प्राधिकरण ने रोडवेज बसों का किराया प्रति किलोमीटर 25 पैसे बढ़ा दिए हैं. 30 जनवरी को राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में रोडवेज बसों के किराए संबंधी प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई थी. जिसमें परिवहन निगम की तरफ़ से 25 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से किराया बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था. बैठक में मंजूर कर लिया गया था. जिसे फरवरी में लागू कर दिया गया था. यानी कि अब यात्रियों को 100 किमी की यात्रा करने पर 25 रुपए अधिक देने पड़ रहे हैं.

यह भी पढ़ें: UP Road Accident: अयोध्या और कन्नौज में सड़क हादसा, 5 की मौत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.