प्रतापगढ़ : जिले में कोरोना संक्रमण से वन विभाग के लेखाकार समेत तीन लोगों की मौत हो गई. जिले में देर रात तक 32 नए केस सामने आए हैं. वहीं अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है. संक्रमितों में मांधाता थाने का सिपाही और संडवा चंद्रिका की आशा बहू और उसका परिवार भी शामिल है. कोरोना संक्रमण के चलते प्रसिद्ध घुइसरनाथ धाम मंदिर भी 10 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है.
बीते दिनों जिले के डीएफओ समेत वन विभाग के छह कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे. वन क्षेत्राधिकारी कुंडा की शुक्रवार को मौत हो गई थी. बीती रात वन विभाग के ही लेखाकार ने प्रयागराज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. शहर के तहसील वार्ड जैन गली निवासी लेखाकार की कोरोना से मौत के बाद मोहल्ले में हड़कंप मच गया है.
दूसरी ओर अंतू थाना क्षेत्र के चौबेपुर निवासी एक व्यक्ति लखनऊ में रहकर अपना कारोबार करते थे. कुछ दिन पहले वह भी कोरोना संक्रमित हुए थे. उन्हें केजीएमसी में भर्ती कराया गया था. मंगलवार को उनकी भी मौत हो गई. अस्पताल कर्मियों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया. उनके दोनों बेटे होम क्वारन्टीन हैं. वहीं पट्टी तहसील के गजरिया निवासी एक युवक की भी लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गई है.
पौराणिक मंदिर घुइसरनाथ धाम दस दिनों के लिए बंद
घुइसरनाथ धाम को कोरोना महामारी के चलते दस दिनों के लिए सील कर दिया गया है. मंगलवार को मंदिर प्रशासन की बैठक में यह निर्णय लिया गया. मंदिर के मुख्य पुजारी महेंद्र भाल गिरी ने बताया कि सांगीपुर और लालगंज में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
जिले में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ने से लोग दहशत में है. स्वास्थ्य विभाग बढ़ते मरीजों की संख्या को लेकर चिंतित है. जिले में 99 हॉटस्पॉट केंद्र बन चुके हैं. शहर की हालत बेहद खराब है. हर गली-मोहल्ला कंटेनमेंट जोन बन गया है. ऐसे में लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं.