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खाकी के साएं में संवरता बचपन, बैगलेस है स्कूल

पीलीभीत जिले में पुलिस की ड्यूटी करने वाली महिला पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए पुलिस लाइन में चाइल्ड केयर सेंटर बनाया गया है. महिला पुलिस कर्मी यहां पर अपने बच्चों को छोड़कर निश्चिंत होकर ड्यूटी कर रही हैं. सेंटर पर बच्चों के ज्ञान के लिए बैगलेस स्कूल बनाया गया है. जहां बच्चों को ज्ञानवर्धक जानकारी खेल-खेल में मिल रही है.

पुलिस लाइन में चाइल्ड केयर सेंटर.
पुलिस लाइन में चाइल्ड केयर सेंटर.
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Published : Dec 31, 2020, 8:17 PM IST

पीलीभीतः यूपी का पीलीभीत पहला ऐसा जिला है, जहां इस तरह की व्यवस्था पुलिस ऑफिस में की गई है. एक तरफ महिला पुलिस कर्मी अपनी ड्यूटी करती हैं तो दूसरी तरफ सेंटर में छोटे बच्चे खेल-खेल में ज्ञान सीखते हैं.

पुलिस लाइन में चाइल्ड केयर सेंटर.

पढ़ाई लिखाई और खेलकूद के साजो सामान से बना कमरा दरअसल पीलीभीत पुलिस लाइन में बना चाइल्ड केयर सेंटर है. इसके बनाने का मकसद साफ-साफ यही है कि गैर जनपदों से बाहर नौकरी कर रही महिला पुलिसकर्मियों के लिए नौकरी के साथ बच्चों का पालन पोषण करना कठिन हो जाता है. अक्सर परिवार में कोई और साथ में न होने के कारण उन्हें छोटे बच्चों को नौकरी पर साथ लेकर आना पड़ता है. इसको देखते हुए जिले के पुलिस कप्तान जयप्रकाश ने पुलिस कार्यालय में एक कमरा बनवा दिया.

बैगलेस स्कूल की तरह बनाया गया

इस सेंटर में बकायदा छोटे बच्चों के रुकने की व्यवस्था की गई है. कमरे में गद्दे बिछाए गए हैं. साथ ही बच्चों के खेलने के लिए बहुत सारे खिलौने भी रखे हैं. ताकि बच्चे खिलौनों से खेल सकें. खाकी के साए में मासूमों का बचपन संवारने के लिए यह पूरी कवायद की गई है. कमरे में बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक प्लास्टिक चार्ट पेपर लगवाए गए हैं, जिसमें जानवरों की कलाकृति, अल्फाबेट और गिनतीयों के साथ-साथ कई उपयोगी जानकारी है, जिसको बच्चे खुद ब खुद सीखेंगे. एक तरह से देखा जाए तो जिले में बैगलेस स्कूल का कीर्तिमान पीलीभीत पुलिस ने हासिल किया है.

जानिए क्या है इसका उद्देश्य

इसका उद्देश्य बिना पढ़ाई करे नौनिहालों को काबिल बनाने की है. पुलिस लाइन में ही विकसित किए गए छोटे बच्चों के लिए इस खास चेंबर में बिना किसी दबाब या डंडे के बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने की कोशिश हो रही है. इसका निर्माण पुलिस फंड से किया गया है. सेंटर का निर्माण होने से महिला पुलिसकर्मी सिपाहियों के चेहरे पर आत्मीयता का भाव है तो वहीं मासूम कक्ष में रहने से महिला कांस्टेबल अपना ऑफिस कार्य ठीक से कर रही हैं और एसपी के इस प्रयास को सराह रही हैं.

पीलीभीतः यूपी का पीलीभीत पहला ऐसा जिला है, जहां इस तरह की व्यवस्था पुलिस ऑफिस में की गई है. एक तरफ महिला पुलिस कर्मी अपनी ड्यूटी करती हैं तो दूसरी तरफ सेंटर में छोटे बच्चे खेल-खेल में ज्ञान सीखते हैं.

पुलिस लाइन में चाइल्ड केयर सेंटर.

पढ़ाई लिखाई और खेलकूद के साजो सामान से बना कमरा दरअसल पीलीभीत पुलिस लाइन में बना चाइल्ड केयर सेंटर है. इसके बनाने का मकसद साफ-साफ यही है कि गैर जनपदों से बाहर नौकरी कर रही महिला पुलिसकर्मियों के लिए नौकरी के साथ बच्चों का पालन पोषण करना कठिन हो जाता है. अक्सर परिवार में कोई और साथ में न होने के कारण उन्हें छोटे बच्चों को नौकरी पर साथ लेकर आना पड़ता है. इसको देखते हुए जिले के पुलिस कप्तान जयप्रकाश ने पुलिस कार्यालय में एक कमरा बनवा दिया.

बैगलेस स्कूल की तरह बनाया गया

इस सेंटर में बकायदा छोटे बच्चों के रुकने की व्यवस्था की गई है. कमरे में गद्दे बिछाए गए हैं. साथ ही बच्चों के खेलने के लिए बहुत सारे खिलौने भी रखे हैं. ताकि बच्चे खिलौनों से खेल सकें. खाकी के साए में मासूमों का बचपन संवारने के लिए यह पूरी कवायद की गई है. कमरे में बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक प्लास्टिक चार्ट पेपर लगवाए गए हैं, जिसमें जानवरों की कलाकृति, अल्फाबेट और गिनतीयों के साथ-साथ कई उपयोगी जानकारी है, जिसको बच्चे खुद ब खुद सीखेंगे. एक तरह से देखा जाए तो जिले में बैगलेस स्कूल का कीर्तिमान पीलीभीत पुलिस ने हासिल किया है.

जानिए क्या है इसका उद्देश्य

इसका उद्देश्य बिना पढ़ाई करे नौनिहालों को काबिल बनाने की है. पुलिस लाइन में ही विकसित किए गए छोटे बच्चों के लिए इस खास चेंबर में बिना किसी दबाब या डंडे के बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने की कोशिश हो रही है. इसका निर्माण पुलिस फंड से किया गया है. सेंटर का निर्माण होने से महिला पुलिसकर्मी सिपाहियों के चेहरे पर आत्मीयता का भाव है तो वहीं मासूम कक्ष में रहने से महिला कांस्टेबल अपना ऑफिस कार्य ठीक से कर रही हैं और एसपी के इस प्रयास को सराह रही हैं.

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