पीलीभीतः कहा जाता है कि राजनीति अक्सर रिश्तों पर भारी पड़ जाती हैं. ऐसा ही कुछ पीलीभीत में सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हाजी रियाज के परिवार में देखने को मिल रहा है. प्रतिष्ठा के चलते दो सगे भाई ही एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं. ताल ठोक भाई ने भाई को ही राजनीति में पटखनी देने की तैयारी कर ली है.
विरासत की दावेदारी
सपा सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हाजी रियाज अहमद न्यूरिया थाना क्षेत्र के गांव गौहर के रहने वाले हैं, जहां लंबे समय से कैबिनेट मंत्री के परिवार का प्रधानी की कुर्सी पर कब्जा रहा है. पहले पिता अहमद हुसैन लंबे समय तक ग्राम प्रधान रहे. उसके बाद छोटे भाई जहांगीर ने प्रधानी की विरासत ली. अब बड़े भाई मोहम्मद जफर और छोटे भाई जहांगीर के बीच प्रतिष्ठा की जंग छिड़ गई है. सामाजिक प्रतिष्ठा और परिवार की विरासत की दावेदारी को लेकर दो सगे भाई चुनावी रण में कूद पड़े हैं और एक दूसरे को चुनाव मे टक्कर देने की तैयारी कर रहे हैं.
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दो भाई आमने-सामने
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत गौहर में अहमद हुसैन 1972 में ग्राम प्रधान चुने गए और 2010 तक ग्राम प्रधान रहे, जिसके बाद छोटे बेटे जफर को चुनाव मैदान में उतारा और ग्राम प्रधान बनवा दिया. इसके बाद 2015 में अहमद हुसैन के सबसे बड़े बेटे मोहम्मद यूसुफ चुनाव लड़कर ग्राम प्रधान बने. अब 2021 में होने वाले ग्राम पंचायत चुनाव में अहमद हुसैन के दो बेटे मोहम्मद जफर और जहांगीर विरासत के लिए आपस में चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों ही प्रत्याशी सपा सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हाजी रियाज अहमद के सगे भाई हैं. ऐसे में अब सपा सरकार के कैबिनेट मंत्री के परिवार में विरासत की जंग देखने को मिल रही है.