पीलीभीतः जनपद में एक दलित युवती के साथ गैंगरेप मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने नामजद युवक और उसके दो साथियों पर गैंगरेप के आरोप को लेकर प्रेस कान्फ्रेंस की. पुलिस का दावा है कि मामले की जांच के दौरान घटना घटित होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं. पुलिस मामले की जांच की बात कह रही है.
बता दें कि गजरौला थाना क्षेत्र की एक दलित महिला ने सुनगढ़ी पुलिस को तहरीर देकर गैंगरेप का आरोप लगाया है. महिला के अनुसार पीलीभीत की मंडी में आढत का संचालन करने वाले अमित अग्रवाल से उसकी मुलाकात हुई थी. इसके बाद नौकरी दिलाने की बात कहकर 31 अगस्त 2020 को अमित ने पीलीभीत बुलाया. वहां से कार में बैठाकर रामपुरिया मोड़ के पास ले गए. जहां अपने दो साथियों के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया. पूरे मामले में तहरीर के आधार पर पुलिस ने एक नामजद और दो अज्ञात लोगों के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज किया था.
एसपी दिनेश पी (SP Dinesh P) ने बुधवार को पुलिस लाइन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पूरी घटना को लेकर बताया कि युवती की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था. मामले की गहनता से जांच के लिए सर्विलांस टीम व पुलिस टीम को लगाया गया था. जांच के दौरान बताया गया कि जिस समय की घटना बताई जा रही है, उस समय युवती लोकेशन में अपने घर पर थी. घटना को अंजाम देने वाला आरोपी भी लोकेशन के आधार पर जिले में नहीं था. जांच के दौरान घटना के साक्ष्य नहीं मिले. मामले में घटना के बाद युवती द्वारा मेडिकल के लिए भी इंकार कर दिया गया था.
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पुलिस का दावा है कि युवती द्वारा पहले भी एक पुलिसकर्मी और गांव के ही एक युवक के खिलाफ छेड़छाड़ की धारा में मुकदमा दर्ज कराया गया था. जो न्यायालय में हुए बयान व साक्ष्य के अभाव में बंद हो चुका है. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है.
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