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पीलीभीत: टाइगर रिजर्व बना तस्करी का अड्डा, जमकर हो रही खस की तस्करी

पीलीभीत टाइगर रिजर्व से इन दिनों खस की खूब तस्करी हो रही है, जिसकी प्रशासन को भनक तक नहीं है. बता दें कि खस का प्रयोग इत्र बनाने में किया जाता है.

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पीलीभीत टाइगर रिजर्व बना तस्करी का अड्डा.
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Published : Dec 25, 2019, 9:13 AM IST

Updated : Dec 25, 2019, 9:52 AM IST

पीलीभीत: जनपद में स्थित टाइगर रिजर्व इस समय तस्करी का अड्डा बन चुका है. टाइगर रिजर्व के अंदर से लगातार दिन-रात खस की तस्करी की जा रही है, लेकिन टाइगर रिजर्व प्रशासन को इस तस्करी की भनक तक नहीं है. मीडिया में मामला आने के बाद टाइगर रिजर्व प्रशासन में हड़कंप मचा है.

जानकारी देते डीएफओ.

प्रदेश सरकार तस्करी पर काफी अलर्ट है, लेकिन जनपद की पहचान टाइगर रिजर्व तस्करी का अड्डा बन चुका है. यहां पर तस्कर महोफ रेंज में जमकर खस की तस्करी कर रहे हैं. तस्कर चोरी-छुपे जंगल से लगातार खस निकाल कर बाहर ले जा रहे हैं. इतना ही नहीं तस्कर रात के आलावा दिन में भी खस की तस्करी कर रहे हैं. दिन में हो रही तस्करी पर टाइगर रिजर्व प्रशासन अपनी आंख बंद किए बैठा है.

वन्य संपदा के बाहर जाने पर रोक
2014 में टाइगर रिजर्व घोषित होने बाद टाइगर रिजर्व के अंदर से बाहर जाने वाली हर तरह की वन्य संपदा पर रोक लग चुकी है. टाइगर रिजर्व के अंदर सूख रहे पेड़-पौधों और खस को भी बाहर नहीं निकाला जा सकता. नियम है कि देश के सभी टाइगर रिजर्व के अंदर से किसी भी तरह की कोई भी चीज बाहर नहीं जा सकती है. इसके बावजूद पीलीभीत टाइगर रिजर्व में खुलेआम खस की तस्करी हो रही है.

आलाधिकारी तस्करी से अंजान
टाइगर रिजर्व के अंदर से लगातार हो रही खस की तस्करी की टाइगर रिजर्व के प्रशासन को किसी भी कोई खबर नहीं है, जिसके चलते रात के साथ-साथ दिन में भी लगातार खस की तस्करी की जा रही है. तस्कर खस की तस्करी कर ऊंचे दामों में इत्र बनाने वालों को बेच देते हैं. बता दें कि इत्र बनाने में खस का उपयोग किया जाता है.


इसे भी पढ़ें:-झारखंड विधानसभा चुनाव: रुझानों पर बोली यूपी बीजेपी, हार की करेंगे समीक्षा

इस तरह की जानकारी नहीं थी. आपके द्वारा बताया गया है. बहुत जल्द इन तस्करों को पकड़ा जाएगा और यदि खस बाहर निकली है तो कार्रवाई की जाएगी.
-नवीन खंडेलवाल, डीएफओ

पीलीभीत: जनपद में स्थित टाइगर रिजर्व इस समय तस्करी का अड्डा बन चुका है. टाइगर रिजर्व के अंदर से लगातार दिन-रात खस की तस्करी की जा रही है, लेकिन टाइगर रिजर्व प्रशासन को इस तस्करी की भनक तक नहीं है. मीडिया में मामला आने के बाद टाइगर रिजर्व प्रशासन में हड़कंप मचा है.

जानकारी देते डीएफओ.

प्रदेश सरकार तस्करी पर काफी अलर्ट है, लेकिन जनपद की पहचान टाइगर रिजर्व तस्करी का अड्डा बन चुका है. यहां पर तस्कर महोफ रेंज में जमकर खस की तस्करी कर रहे हैं. तस्कर चोरी-छुपे जंगल से लगातार खस निकाल कर बाहर ले जा रहे हैं. इतना ही नहीं तस्कर रात के आलावा दिन में भी खस की तस्करी कर रहे हैं. दिन में हो रही तस्करी पर टाइगर रिजर्व प्रशासन अपनी आंख बंद किए बैठा है.

वन्य संपदा के बाहर जाने पर रोक
2014 में टाइगर रिजर्व घोषित होने बाद टाइगर रिजर्व के अंदर से बाहर जाने वाली हर तरह की वन्य संपदा पर रोक लग चुकी है. टाइगर रिजर्व के अंदर सूख रहे पेड़-पौधों और खस को भी बाहर नहीं निकाला जा सकता. नियम है कि देश के सभी टाइगर रिजर्व के अंदर से किसी भी तरह की कोई भी चीज बाहर नहीं जा सकती है. इसके बावजूद पीलीभीत टाइगर रिजर्व में खुलेआम खस की तस्करी हो रही है.

आलाधिकारी तस्करी से अंजान
टाइगर रिजर्व के अंदर से लगातार हो रही खस की तस्करी की टाइगर रिजर्व के प्रशासन को किसी भी कोई खबर नहीं है, जिसके चलते रात के साथ-साथ दिन में भी लगातार खस की तस्करी की जा रही है. तस्कर खस की तस्करी कर ऊंचे दामों में इत्र बनाने वालों को बेच देते हैं. बता दें कि इत्र बनाने में खस का उपयोग किया जाता है.


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इस तरह की जानकारी नहीं थी. आपके द्वारा बताया गया है. बहुत जल्द इन तस्करों को पकड़ा जाएगा और यदि खस बाहर निकली है तो कार्रवाई की जाएगी.
-नवीन खंडेलवाल, डीएफओ

Intro:exclusive news

पीलीभीत टाइगर रिजर्व इस समय तश्करी का अड्डा बन चुका है, पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अन्दर से लगातार दिन रात खस की तस्करी की जा रही है, ओर पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन को हो रही इस तस्करी की भनक तक नही है, शायद पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन की सह पर ही तस्करी की जा रही है, फिलहाल ईटीवी भारत के कैमरे में हो रही यह तस्करी कैद हो चुकी है, मीडिया में बात आने से पीलीभीत टाइगर रिजर्व में हड़कंप मच चुका है


Body:प्रदेश सरकार तस्करी पर काफी अलर्ट है लेकिन पीलीभीत जनपद की पहचान टाइगर रिजर्व तस्करी का अड्डा बन चुका है, यहां पर तस्कर लोग महोफ रेंज में जमकर खस की तस्करी कर रहे हैं, तस्कर लोग चोरी छुपे जंगल से लगातार खस निकाल कर बाहर ले जा रहे हैं, इतना ही नही तस्कर लोग रात आलावा दिन में भी लगातार खस की तस्करी कर रहे हैं, दिन में लगातार हो रही तस्करी पर टाइगर रिजर्व प्रशासन अपनी आंख बंद करे हुए बैठा है, शायद टाइगर रिजर्व प्रशासन की सह पर ही तस्कर लोग इस तरह की तस्करी को अंजाम दे रहे हैं, इसतरह से लगातार हो रही तस्करी प्रदेश सरकार की मंशा को पलीता लगा रही है,ओर जिम्मेदार लोग मौन करके बैठे हुए हैं

टाइगर रिजर्व के अंदर से किसी भी तरह की वन्य संपदा नही जा सकती बाहर

2014 में टाइगर रिजर्व घोषित होने बाद टाइगर रिजर्व के अंदर से बाहर जाने वाली हर तरह की वन्य संपदा पर रोक लग चुकी है, टाइगर रिजर्व के अंदर सुख रहे पेड़ पौधों और खस को भी बाहर नही निकाला जा सकता, नियम है कि देश के सभी टाइगर रिजर्व के अंदर से किसी भी तरह की कोई भी चीज बाहर नही जा सकती, इसके बावजूद पीलीभीत टाइगर रिजर्व में खुलेआम खस की तस्करी हो रही है

आलाधिकारियों को नही खैर खबर

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अंदर से लगातार हो रही खस की तस्करी की टाइगर रिजर्व के प्रशासन को किसी भी तरह की कोई खैर खबर नही है जिसके चलते रात के साथ साथ दिन में भी लगातार खस की तश्करी की जा रही है

इत्र के लिए खस की की जाती है खपत

तश्कर लोग खस की तश्करी करके ऊँचे दाम में में इत्र बनाने वालों को बेच देते हैं, इत्र बनाने में खस का उपयोग किया जाता है



Conclusion:जानकारी देते हुए डीएफओ नवीन खण्डेलवाल ने बताया कि इस तरह की जानकारी नही थि आपके द्वारा बताया गया है, बहैत जल्द इन तस्करों को पकड़ा जाएगा, और यदि खस बाहर निकली है तो कार्यवाही की जायेगी

बाइट- डीएफओ नवीन खंडेलवाल

नोट- तश्करी के वीडियो रैप के द्वारा भेजे गए हैं उपरोक्त स्लग के नाम से...
Last Updated : Dec 25, 2019, 9:52 AM IST
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