पीलीभीत: जनपद में स्थित टाइगर रिजर्व इस समय तस्करी का अड्डा बन चुका है. टाइगर रिजर्व के अंदर से लगातार दिन-रात खस की तस्करी की जा रही है, लेकिन टाइगर रिजर्व प्रशासन को इस तस्करी की भनक तक नहीं है. मीडिया में मामला आने के बाद टाइगर रिजर्व प्रशासन में हड़कंप मचा है.
प्रदेश सरकार तस्करी पर काफी अलर्ट है, लेकिन जनपद की पहचान टाइगर रिजर्व तस्करी का अड्डा बन चुका है. यहां पर तस्कर महोफ रेंज में जमकर खस की तस्करी कर रहे हैं. तस्कर चोरी-छुपे जंगल से लगातार खस निकाल कर बाहर ले जा रहे हैं. इतना ही नहीं तस्कर रात के आलावा दिन में भी खस की तस्करी कर रहे हैं. दिन में हो रही तस्करी पर टाइगर रिजर्व प्रशासन अपनी आंख बंद किए बैठा है.
वन्य संपदा के बाहर जाने पर रोक
2014 में टाइगर रिजर्व घोषित होने बाद टाइगर रिजर्व के अंदर से बाहर जाने वाली हर तरह की वन्य संपदा पर रोक लग चुकी है. टाइगर रिजर्व के अंदर सूख रहे पेड़-पौधों और खस को भी बाहर नहीं निकाला जा सकता. नियम है कि देश के सभी टाइगर रिजर्व के अंदर से किसी भी तरह की कोई भी चीज बाहर नहीं जा सकती है. इसके बावजूद पीलीभीत टाइगर रिजर्व में खुलेआम खस की तस्करी हो रही है.
आलाधिकारी तस्करी से अंजान
टाइगर रिजर्व के अंदर से लगातार हो रही खस की तस्करी की टाइगर रिजर्व के प्रशासन को किसी भी कोई खबर नहीं है, जिसके चलते रात के साथ-साथ दिन में भी लगातार खस की तस्करी की जा रही है. तस्कर खस की तस्करी कर ऊंचे दामों में इत्र बनाने वालों को बेच देते हैं. बता दें कि इत्र बनाने में खस का उपयोग किया जाता है.
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इस तरह की जानकारी नहीं थी. आपके द्वारा बताया गया है. बहुत जल्द इन तस्करों को पकड़ा जाएगा और यदि खस बाहर निकली है तो कार्रवाई की जाएगी.
-नवीन खंडेलवाल, डीएफओ