पीलीभीत: जनपद को प्रदेश में एक बार फिर से खास पहचान मिलने वाली है. जिले में बड़ा टाइगर रिजर्व पूरे प्रदेश और देश में विशेष पहचान रखता है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने पीलीभीत को खास पहचान देने के लिए एक और योजना बनाई है, जिसके चलते पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वन्यजीव संघर्ष से बचने के लिए रेस्क्यू सेंटर बनाया जाना है. इसको लेकर पूरे प्रदेश के 4 जिलों को नामित किया गया है, जिसमें पीलीभीत को भी स्थान दिया गया है.
प्रदेश सरकार की बड़ी पहल
मानव और वन्य जीव के बीच चल रहे संघर्ष को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने एक बड़ी पहल अपनाई है. इसके चलते पूरे प्रदेश में केवल चार रेस्क्यू सेंटर बनाए जाने हैं, जिसमें पीलीभीत को भी स्थान दिया गया है. बता दें कि मानव वन्यजीव के लगातार बढ़ रहे संघर्ष को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है. इसमें पीलीभीत टाइगर रिजर्व अपने टाइगर के लिए विशेष पहचान रखता है, जिसके चलते प्रदेश सरकार ने पीलीभीत जनपद को भी अपनी इस मिशन में शामिल किया है. इस मिशन के तहत पूरे प्रदेश में चार जनपद गोरखपुर या महराजगंज, मेरठ, चित्रकूट और पीलीभीत में रेस्क्यू सेंटर बनाए जाने हैं. एक रेस्क्यू सेंटर इटावा लायन सफारी में पहले से ही संचालित है, जिसे और भी समृद्ध किया जाएगा.
जानवर आ रहे लोगों के बीच
जंगल में बढ़ते मानव हस्तक्षेप और भोजन के लिए जानवरों और पानी की तलाश में तेंदुए समेत अन्य जंगली जानवर आबादी के बीच आ रहे हैं. पिछले दिनों पीलीभीत जनपद में कई ऐसी घटनाएं सामने आई है, जिसमें कई स्थानों पर तेंदुए और दूसरे जानवरों को लोगों ने मार डाले थे. इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के आला अधिकारियों को कदम उठाने के निर्देश दिए थे, जिस पर ऐसे वन्यजीव को ट्रेंकुलाइज कर प्राणी उद्यान में अलग रखा जाता है.
रेस्क्यू सेंटर बनाने के लिए डिजाइन तैयार
वन्यजीव अपनी स्वाभाविक प्रवृत्ति की ओर लौटने लगता है तब उसे वापस जंगल में छोड़ा जाता है. अन्यथा प्राणी उद्यान में ही रखना मजबूरी हो जाती है, जिसको लेकर पीलीभीत में भी एक रेस्क्यू सेंटर बनाया जाना है. इसको लेकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन ने तैयारियां चालू कर दी है, जिसमें रेस्क्यू सेंटर बनाने के लिए डिजाइन तैयार किया जा रहा है. साथ ही इस रेस्क्यू सेंटर को बनाए जाने के लिए लगभग 20 हेक्टेयर की जमीन की तलाश में पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन जुट गया है.
सरकार ने मानव और वन्य जीव संघर्ष रोकने के लिए पूरे प्रदेश में 4 जिलों को नामित किया गया है, जिसमें पीलीभीत को भी स्थान दिया गया है. इसके तहत पीलीभीत टाइगर रिजर्व में भी रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा, जिसके लिए तैयारियां चालू कर दी गई है. इसको बनाने के लिए लगभग 20 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है.
-नवीन खण्डेलवाल,डिप्टी डायरेक्टर
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