पीलीभीत: टाइगर रिजर्व घोषित होने से पीलीभीत में बाघों के हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. इसी को लेकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आला अधिकारी काफी चिंतित हैं. बाघों के हमलों की रोकथाम के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व एक ऐसा ऐप बनाने जा रहा है, जिससे एक क्लिक पर बाघों की लोकेशन मिल सकेगी और होने वाले हमले से भी बचा जा सकेगा.
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बाघों के हमले जा चुकी है इतने लोगों की जान
- पीलीभीत टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद बाघों के हमले से अभी तक कुल 25 लोग की मौत हो चुकी है.
- आपको बता दें कि 2014 में पीलीभीत टाइगर रिजर्व घोषित हुआ था.
- 2016 में पहली बार बाघ के हमले में मेघनाथ निवासी नहदा की मौत हो गई थी.
- बीती 20 जुलाई की टाइगर रिजर्व के इतिहास का सबसे बड़ा हमला हुआ, जिसमे नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
- इस हमले में एक की मौत भी हो गई थी, जबकि आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
- घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने घेरकर धरदार हथियार से हमलाकर बाघिन की हत्या कर दी थी.
- लगातार बढ़ते बाघ के हमलों से परेशान पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आला अधिकारी एक ऐप का निर्माण कर रहे हैं.
- इस ऐप से एक क्लिक पर टाइगर की लोकेशन मिल सकेगी और होने वाले हमलों से भी बचा जा सकेगा.
पीलीभीत टाइगर रिजर्व एक ऐसे ऐप का निर्माण कर रहा है. जिससे टाइगर की लोकेशन पता चल सके. टाइगर रिजर्व के आसपास के गांवों में लगातार बढ़ रहे बाघ के हमले चिंता का विषय बन चुके थे. इसके बचाव के लिए ऐप बनाया जा रहा है. ऐप में एक क्लिक करने पर बाघ की लोकेशन को पता किया जा सकेगा और होने वाले हमले से बचा जा सकेगा.
नवीन खण्डेलवाल, डीएफओ