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विकास कार्यों से कोसों दूर है पीलीभीत का नावकुड़ गांव

पंचायत चुनाव नजदीक आ चुका हैं. पीलीभीत जिले का नावकुड़ गांव अभी भी विकास कार्यों से अछूता है. गांव में न अच्छी सड़क हैं और ना ही पक्के के मकान. बीते 5 साल में कराए गए विकास कार्यों से जनता यहां असंतुष्ट है. देखें रिपोर्ट...

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Published : Mar 23, 2021, 2:33 PM IST

नावकुड़ गांव
नावकुड़ गांव

पीलीभीत : पंचायत चुनाव नजदीक आते ही अब तमाम प्रत्याशी जनता के दरबार में पहुंच रहे हैं. चुनाव में प्रत्याशी तमाम दावे कर खुद के लिए जनता से वोट मांग रहे हैं. लेकिन, बीते पांच साल में जनता को क्या कुछ मिला और पांच सालों में जिला पंचायत, ग्राम प्रधान द्वारा कितना विकास किए गए इसकी हकीकत जानने के लिए ETV भारत की टीम मरौरी ब्लॉक के नावकुड़ गांव पहुंची. इस दौरान लोगों ने गांव में हुए विकास कार्यों की पोल खोल दी.

विकास कार्यों से कोसों दूर यह गांव.
इसे भी पढ़ें- अयोध्या हादसा : सीएम के निर्देश के बाद भी घायलों का हाल जानने नहीं पहुंचे अधिकारी

गांव की हालत बदतर

दरअसल, पीलीभीत जिले का नावकुड़ गांव अभी भी विकास कार्यों से अछूता है. गांव में न अच्छी सड़क हैं और ना ही पक्के के मकान. यहां साफ-सफाई की व्यवस्था भी बदतर है. 5 साल में कराए गए विकास ने जनता असंतुष्ट है. ग्रामीणों का कहना है कि विकास के नाम पर जो कुछ हुआ वो गांव के गरीबों तक नहीं पहुंचा. नावकुड़ गांव के अधिकतर रास्तों पर कीचड़ और जलभराव की समस्या है. गांव की जनता, छोटे-बच्चे मजबूरन इस गंदे पानी से होकर गुजरने को मजबूर हैं. गांव की बड़ी आबादी अभी भी कच्चे जर्जर छप्पर और टीन पड़े टूटे-फूटे घरों में रह रही है.

इसे भी पढ़ें- सपा का किसान घेरा कार्यक्रम, तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग

स्थानीय महिला ने लगाया ये आरोप

गांव निवासी महिला शमशीरा का आरोप है कि उनका घर कच्चा है और जर्जर है, फिर भी उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिला. गांव की एक और महिला मोतिन ने बताया कि गांव में महिलाएं अपने परिवार के साथ कच्चे मकान में रहती हैं. महिलाओं द्वारा आवास योजना के लिए कई बार आवेदन दिया गया, लेकिन लाभ नहीं मिला. स्थानीय महिला मोतिन का कहना है कि गांव में साफ-सफाई करने कोई नहीं आता. खुद ही घर के आस-पास नालिया साफ करनी पड़ती है. स्थानीय निवासी माखनलाल का कहना है कि गांव के हालात अच्छे नहीं हैं. जगह-जगह गंदगी है. सड़कें टूटी पड़ी हैं. जो हैंड पंप पानी के लिए लगवाए गए थे, लंबे समय से खराब पड़े हैं. किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को सुधि नहीं है.


इसे भी पढ़ें- पार्कों पर अवैध निर्माण से लखनऊ के लेआउट की उड़ रही धज्जियां

पिपरिया संतोष गांव में भी विकास की खुली पोल

पूरनपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली पिपरिया संतोष गांव में भी विकास की जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आई. यहां सड़कों से लेकर शौचालय तक का विकास गायब मिला. जनता की मानें तो पात्रों को आवास योजना का लाभ न लेकर अपात्रों को आवास दे दिए गए. इससे जनता में खासा नाराजगी है.

पीलीभीत : पंचायत चुनाव नजदीक आते ही अब तमाम प्रत्याशी जनता के दरबार में पहुंच रहे हैं. चुनाव में प्रत्याशी तमाम दावे कर खुद के लिए जनता से वोट मांग रहे हैं. लेकिन, बीते पांच साल में जनता को क्या कुछ मिला और पांच सालों में जिला पंचायत, ग्राम प्रधान द्वारा कितना विकास किए गए इसकी हकीकत जानने के लिए ETV भारत की टीम मरौरी ब्लॉक के नावकुड़ गांव पहुंची. इस दौरान लोगों ने गांव में हुए विकास कार्यों की पोल खोल दी.

विकास कार्यों से कोसों दूर यह गांव.
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गांव की हालत बदतर

दरअसल, पीलीभीत जिले का नावकुड़ गांव अभी भी विकास कार्यों से अछूता है. गांव में न अच्छी सड़क हैं और ना ही पक्के के मकान. यहां साफ-सफाई की व्यवस्था भी बदतर है. 5 साल में कराए गए विकास ने जनता असंतुष्ट है. ग्रामीणों का कहना है कि विकास के नाम पर जो कुछ हुआ वो गांव के गरीबों तक नहीं पहुंचा. नावकुड़ गांव के अधिकतर रास्तों पर कीचड़ और जलभराव की समस्या है. गांव की जनता, छोटे-बच्चे मजबूरन इस गंदे पानी से होकर गुजरने को मजबूर हैं. गांव की बड़ी आबादी अभी भी कच्चे जर्जर छप्पर और टीन पड़े टूटे-फूटे घरों में रह रही है.

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स्थानीय महिला ने लगाया ये आरोप

गांव निवासी महिला शमशीरा का आरोप है कि उनका घर कच्चा है और जर्जर है, फिर भी उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिला. गांव की एक और महिला मोतिन ने बताया कि गांव में महिलाएं अपने परिवार के साथ कच्चे मकान में रहती हैं. महिलाओं द्वारा आवास योजना के लिए कई बार आवेदन दिया गया, लेकिन लाभ नहीं मिला. स्थानीय महिला मोतिन का कहना है कि गांव में साफ-सफाई करने कोई नहीं आता. खुद ही घर के आस-पास नालिया साफ करनी पड़ती है. स्थानीय निवासी माखनलाल का कहना है कि गांव के हालात अच्छे नहीं हैं. जगह-जगह गंदगी है. सड़कें टूटी पड़ी हैं. जो हैंड पंप पानी के लिए लगवाए गए थे, लंबे समय से खराब पड़े हैं. किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को सुधि नहीं है.


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पिपरिया संतोष गांव में भी विकास की खुली पोल

पूरनपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली पिपरिया संतोष गांव में भी विकास की जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आई. यहां सड़कों से लेकर शौचालय तक का विकास गायब मिला. जनता की मानें तो पात्रों को आवास योजना का लाभ न लेकर अपात्रों को आवास दे दिए गए. इससे जनता में खासा नाराजगी है.

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