पीलीभीत: जनपद में विकास के नाम पर करोड़ों का घोटाला लगातार सामने आ रहा है. पूरनपुर ब्लॉक में मनरेगा के अंतर्गत कराये गए काम में एक फर्म को पिछले 3 सालों में 3 करोड़ से भी अधिक का भुगतान किया जा चुका है. इसका एक बड़ा साक्ष्य अफसरों को मिला, जिसका हिसाब देख अफसर भी दंग रह गए. शिकायत होते ही विकास भवन में हड़कंप मच गया. संबंधित आला अधिकारी हमदान इंटरप्राइजेज फर्म के बैंक खाते भी खंगालने में जुट गए हैं.
जानिए कब-कब ओर कितने का हुआ भुगतान
हमदान इंटरप्राइजेज को वर्ष 2018 में 2.35 करोड़ का भुगतान हुआ. इसके बाद 2019 में 87 लाख रुपये का भुगतान हुआ. 2020 में अब तक 34 लाख रुपये का भुगतान हो चुका है, जिसकी बैंक डिटेल्स छानने में डीडीओ जुटे हैं.
फर्म के करोड़ों के भुगतान में एक रोजगार सेवक की भूमिका संदिग्ध
पिछले 3 सालों में हमदान इंटरप्राइजेज फर्म को 3 करोड़ से भी अधिक भुगतान होने पर संबंधित ब्लॉक के एक रोजगार सेवक की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है. इसमें बताया जा रहा है कि संबंधित फर्म रोजगार सेवक के सगे संबंधी की है. इस पर रोजगार सेवक भारी भरकम आर्थिक लाभ के लिए फर्जी तरह से काम दिखाकर करोड़ों रुपये का भुगतान करा चुका है.
मनरेगा बना भ्रष्टाचार का अड्डा
पीलीभीत विकास भवन का मनरेगा विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है. मनरेगा के तहत पूरे जनपद में कराए जा रहे कामों में अक्सर भ्रष्टाचार की बात सामने आती रहती है. पिछले कुछ दिन पहले भी अमरिया के एपीओ अजय कुमार ने फर्म और फर्जी मस्टररोल बनाकर मनरेगा में करोड़ों का घोटाला किया था. इस पर शासन के आदेश पर बड़ी कार्रवाई करते हुए एपीओ समेत तीन रोजगार सेवकों को जेल भेजा गया था.
जानकारी देते हुए डीडीओ योगेंद्र पाठक ने बताया कि संबंधित फर्म के आवश्यक कागजात और तमाम अभिलेख मुहैया कराए जा रहे हैं. इसको लेकर ब्लॉक स्तर पर पत्राचार किया जा रहा है. फर्म को आज तक हुए भुगतान का ब्योरा भी निकलवाया जा रहा है. जांच पूरी होने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.