पीलीभीत: मामला टनकपुर रोड स्थित ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर का है. जहां डायग्नोस्टिक सेंटर में पेट में जीवित बच्चे को रिपोर्ट में मृत बता दिया गया था. जिसके बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत प्रशासन को पत्र भेज कर की. जिस पर जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीमा अग्रवाल को जांच के आदेश दिए थे. जांच में ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर पर लगाए गए आरोप सही पाए गए. जिसके बाद जिलाधिकारी के आदेश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीमा अग्रवाल ने गुरुवार को ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर का लाइसेंस 24 नवंबर तक के लिए निलंबित कर दिया था.
इस पर शुक्रवार को लापरवाही बरतने वाले ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर के समर्थन में उतरे IMA ( इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ) ने सीएमओ कार्यलय का घेराव करते हुए जमकर दबंगई की. जिसके चलते सीएमओ ने घुटने टेकते हुए अपने द्वारा कल जारी किए आदेश को जनहित का हवाला देकर वापस ले लिया.
सीएमओ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सामने टेके घुटने
- मामला टनकपुर रोड स्थित ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर का है जहां डायग्नोस्टिक सेंटर की लापरवाही की शिकायत 8 अगस्त को शिकायतकर्ता ने प्रशासन को पत्र भेज कर की थी.
- इसमें शिकायतकर्ता ने ओजस्वी पैथोलॉजी डायग्नोस्टिक सेंटर पर उसके पेट में जीवित बच्चे को मृत दिखा कर गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देने और जल्द से जल्द सफाई कराने का दबाव बनाने का आरोप लगाया था.
- जिस पर जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीमा अग्रवाल को जांच के आदेश दिए थे.
- जांच में ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर पर लग रहे आरोप सही पाए गए.
- इस पर जिलाधिकारी के आदेश पर मुख्य चिकित्साधिकारी सीमा अग्रवाल ने गुरुवार को ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर का लाइसेंस 24 नवंबर तक के लिए निलंबित कर दिया था.
- इसके बाद ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर के समर्थन में शुक्रवार को IMA ( इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ) उतर आया, और सीएमओ कार्यालय का घेराव किया.
- जिसके बाद मुख्य चिकित्साधिकारी सीमा अग्रवाल ने अपने द्वारा जारी किए गए आदेश को जनहित का हवाला देकर वापस ले लिया.
जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी सीमा अग्रवाल ने बताया कि ओजस्वी डायग्नोस्टिक का लाइसेंस निलंबित होने से जनहित लगातार प्रभावित हुआ था. शहर में केवल यही एमडी रेडियोलॉजिस्टि है, जिसके चलते मरीजों का इलाज नही हो पा रहा है.