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पीलीभीत: फूड विभाग की फर्जी वेबसाइट से ठगी - फूड विभाग की फर्जी वेबसाइट

यूपी के पीलीभीत जिले में फूड विभाग की फर्जी वेबसाइट से ठगी का मामला सामने आया है. विभाग के अधिकारियों को जब ऑनलाइन आवेदन के दौरान हो रही ठगी को लेकर पता चला तो उनके होश उड गये. उन्होने मामले का तत्काल संज्ञान लेकर जांच के निर्देश दिए हैं.

फूड विभाग की फर्जी वेबसाइट से ठगी
फूड विभाग की फर्जी वेबसाइट से ठगी
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Published : Mar 20, 2021, 7:51 AM IST

पीलीभीत: जिले में फूड विभाग की मिलती-जुलती वेबसाइट से अब तक कई लोगों के साथ ठगी हुई है, जब इसकी जानकारी विभाग को दी गई विभाग के होश उड़ गये. उन्होने सभी को सर्तक रहने को कहा है.

जानकारी देते पीड़ित और अभिहित अधिकारी

खाद्य विभाग करता है लाइसेंस जारी

खाद्य विभाग से तीन प्रकार के ऑनलाइन लाइसेंस जारी होते हैं. अगर किसी का कारोबार प्रत्येक वर्ष 12 लाख से कम टर्नओवर का है तो मात्र 100 रूपये में पंजीकरण होता है, यदि प्रत्येक दिन 1 मीट्रिक टन से कम है तो 2000 एक एमटी से अधिक और दो एमटी से कम है तो 3 हजार रुपये फीस है. इसी के तहत 2 मीट्रिक से अधिक है तो 5 हजार रुपये तक का शुल्क है. ऑनलाइन आवेदन के बाद विभागीय अफसर ऑनलाइन प्रमाण पत्र जारी करते हैं.

पीलीभीत मे अब तक 882 लाइसेंस बन चुके हैं. वहीं 489 पंजीकरण भी हो चुके हैं. विभाग के अधिकारियों को जब ऑनलाइन आवेदन के दौरान हो रही ठगी को लेकर पता चला तो उनके होश उड गये. उन्होने मामले का तत्काल संज्ञान लेकर जांच के निर्देश दिए हैं.

पीड़ित अमन संजोग ने बताया कि उनके साथ भी फर्जीवाड़ा हुआ है, जिसके बाद वह विभाग जाकर मिले, तब उनको इसका पता चला.

कारोबारी अभय प्रताप सिंह ने बताया है कि उन्होने खाद्य विभाग का लाइसेंस लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. आवेदन रिजेक्ट होने पर उनको पता चला की उनके साथ फर्जीवाडा हुआ है.

अभिहित अधिकारी शंशाक त्रिपाठी ने बताया है कि विभाग से मिलती-जुलती कई वेबसाइटों से ठगी होने की जानकारी मिली है. आवेदन के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है. यदि कोई दिक्कत होती है तो विभाग में संपर्क करें.

पीलीभीत: जिले में फूड विभाग की मिलती-जुलती वेबसाइट से अब तक कई लोगों के साथ ठगी हुई है, जब इसकी जानकारी विभाग को दी गई विभाग के होश उड़ गये. उन्होने सभी को सर्तक रहने को कहा है.

जानकारी देते पीड़ित और अभिहित अधिकारी

खाद्य विभाग करता है लाइसेंस जारी

खाद्य विभाग से तीन प्रकार के ऑनलाइन लाइसेंस जारी होते हैं. अगर किसी का कारोबार प्रत्येक वर्ष 12 लाख से कम टर्नओवर का है तो मात्र 100 रूपये में पंजीकरण होता है, यदि प्रत्येक दिन 1 मीट्रिक टन से कम है तो 2000 एक एमटी से अधिक और दो एमटी से कम है तो 3 हजार रुपये फीस है. इसी के तहत 2 मीट्रिक से अधिक है तो 5 हजार रुपये तक का शुल्क है. ऑनलाइन आवेदन के बाद विभागीय अफसर ऑनलाइन प्रमाण पत्र जारी करते हैं.

पीलीभीत मे अब तक 882 लाइसेंस बन चुके हैं. वहीं 489 पंजीकरण भी हो चुके हैं. विभाग के अधिकारियों को जब ऑनलाइन आवेदन के दौरान हो रही ठगी को लेकर पता चला तो उनके होश उड गये. उन्होने मामले का तत्काल संज्ञान लेकर जांच के निर्देश दिए हैं.

पीड़ित अमन संजोग ने बताया कि उनके साथ भी फर्जीवाड़ा हुआ है, जिसके बाद वह विभाग जाकर मिले, तब उनको इसका पता चला.

कारोबारी अभय प्रताप सिंह ने बताया है कि उन्होने खाद्य विभाग का लाइसेंस लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. आवेदन रिजेक्ट होने पर उनको पता चला की उनके साथ फर्जीवाडा हुआ है.

अभिहित अधिकारी शंशाक त्रिपाठी ने बताया है कि विभाग से मिलती-जुलती कई वेबसाइटों से ठगी होने की जानकारी मिली है. आवेदन के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है. यदि कोई दिक्कत होती है तो विभाग में संपर्क करें.

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