पीलीभीत: जिले में धान की पैदावार सबसे अधिक होती है, लेकिन जनपद में साठा धान को पूरी तरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया. इस कारण जनपद के किसान भाइयों में काफी रोष है. जिसको लेकर किसानों ने भाजपा कार्यालय पहुंचकर साठा धान की खेती के लिए बीजेपी सरकार से गुहार लगाई है.
दरअसल पीलीभीत तराई क्षेत्र है जिसके चलते यहां पर धान की पैदावार अधिक होती है. एक विशेष प्रकार का धन जिसे साठा धान कहा जाता है उसकी पैदावार भी यहां पर दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी. साठा धान अन्य धान की अपेक्षा दोगुना पानी लेता है. इससे भूगर्भ जल का स्तर लगातार गिरता जा रहा था. इस कारण कुछ दिन पहले जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव के आदेश पर साठा धान की पैदावार पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने साठा धान की खेती को लेकर उठाई थी आवाज
साठा धान की खेती को लेकर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हरप्रीत जब्बा ने आवाज उठाई थी कि जनपद तराई क्षेत्र में आता है. यहां पर पानी की किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है. इसके बावजूद जिला प्रशासन लगातार दबंगई करते हुए साठा धान को जबरन प्रतिबंधित किए हुए है. इसको लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरप्रीत जब्बा ने धरना प्रदर्शन भी किया था. जिसके बाद कांग्रेस जिला अध्यक्ष समेत 200 किसानों पर मुकदमा भी दर्ज हो गया था.
कांग्रेस जिला अध्यक्ष हरप्रीत चब्बा के साथ आवाज उठाने पर किसानों पर मुकदमें लिखने के बाद डरे हुए किसानों ने सत्ता में बैठी बीजेपी सरकार के शरण में पहुंचे हैं. यहां बुधवार को कई किसानों ने भाजपा कार्यालय पहुंचकर भाजपा जिला अध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह से साठा धान की खेती को वैध कराने की मांग की.
पीलीभीत तराई का क्षेत्र है. यहां पर धान की पैदावार अच्छी है लेकिन साठा धान प्रतिबंधित है क्योंकि इस धान की खेती में दोगुना पानी लगता है. जिससे भूगर्भ जलस्तर पर काफी प्रभाव पड़ रहा है, लेकिन जनपद में कई ऐसी दलदली जगहें है जहां पर कोई अन्य खेती नहीं की जा सकती केवल साठा धान ही पैदा किया जा सकता है. इसको लेकर हम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री जी को पत्र लिख रहे हैं. बहुत जल्द किसानों को इससे राहत मिलेगी.
-संजीव प्रताप सिंह, जिलाध्यक्ष,भाजपा