पीलीभीत: गेहूं खरीद कराने के लिए पीलीभीत में जिला प्रशासन द्वारा कराई गई व्यवस्था के खिलाफ एक बार फिर किसानों का गुस्सा जिला प्रशासन पर फूट पड़ा है. पूरनपुर मंडी में बड़ी संख्या में किसानों ने जिला प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए चक्का जाम कर धरना प्रदर्शन किया है. धरने की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है.
दरअसल, जिला प्रशासन ने किसानों के गेंहू की खरीद को लेकर एक नई व्यवस्था लागू कर दी गई है. अब किसानों का 50 क्विंटल गेहूं एक हफ्ते में सेंटर पर तौला जाएगा और अगले 50 क्विंटल की खेप दूसरे हफ्ते ली जाएगी. प्रशासन की इस व्यवस्था के लागू होने के बाद लगातार किसानों की नोकझोंक जिला प्रशासन से हो रही थी. वहीं, मंगलवार किसानों ने सरकार की मनमानी से तंग आकर किसान यूनियन के नेतृत्व में माधोटांडा क्रॉसिंग पर चक्का जाम कर दिया. देखते ही देखते बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ सड़कों पर उतर आए और बीच सड़क पर ही दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए.
मंडी में बिचौलियों का बोलबाला
भले ही पीलीभीत का जिला प्रशासन गेहूं खरीद की साफ-सुथरी व्यवस्था लागू करने का दावा करता हो लेकिन धरने पर बैठे किसानों का साफ तौर पर कहना है कि पीलीभीत में गेहूं खरीद हो या धान खरीद की व्यवस्था बिचौलिए हमेशा हावी रहते हैं. सेंटरों पर क्रय केंद्र प्रभारी बारदाना न होने की बात कहकर अक्सर किसानों को वापस लौटा देते हैं.
वहीं, बीच सड़क पर धरने पर बैठे किसानों ने बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही धरने पर बैठे किसानों ने मांगों को पूरा करने के नारे भी लगाए.
ईटीवी भारत के कैमरे पर बोले किसान
ईटीवी भारत की टीम ने जब किसानों से उनकी समस्याओं और धरना प्रदर्शन के बारे में जानकारी ली तो किसानों का साफ तौर पर कहना था कि पीलीभीत में जिला प्रशासन द्वारा जो खरीद की व्यवस्था लागू कराई गई है वह बेहद गलत है. किसानों ने कहा कि जिला प्रशासन किसानों के गेहूं खरीद के नाम पर सिर्फ धांधली कर रहा है. जब तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता तब तक किसान यूं ही धरने पर बैठे रहेंगे.
गेहूं खरीद नीति के विरोध में सड़क पर उतरे किसान
पीलीभीत जिले में गेहूं खरीद कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कराई गई व्यवस्था के खिलाफ किसानों का गुस्सा फूटा है. प्रशासन की गेंहू के तौल को लेकर बनाए गए नियम के विरोध में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ सड़कों पर उतर आए हैं.
पीलीभीत: गेहूं खरीद कराने के लिए पीलीभीत में जिला प्रशासन द्वारा कराई गई व्यवस्था के खिलाफ एक बार फिर किसानों का गुस्सा जिला प्रशासन पर फूट पड़ा है. पूरनपुर मंडी में बड़ी संख्या में किसानों ने जिला प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए चक्का जाम कर धरना प्रदर्शन किया है. धरने की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है.
दरअसल, जिला प्रशासन ने किसानों के गेंहू की खरीद को लेकर एक नई व्यवस्था लागू कर दी गई है. अब किसानों का 50 क्विंटल गेहूं एक हफ्ते में सेंटर पर तौला जाएगा और अगले 50 क्विंटल की खेप दूसरे हफ्ते ली जाएगी. प्रशासन की इस व्यवस्था के लागू होने के बाद लगातार किसानों की नोकझोंक जिला प्रशासन से हो रही थी. वहीं, मंगलवार किसानों ने सरकार की मनमानी से तंग आकर किसान यूनियन के नेतृत्व में माधोटांडा क्रॉसिंग पर चक्का जाम कर दिया. देखते ही देखते बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ सड़कों पर उतर आए और बीच सड़क पर ही दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए.
मंडी में बिचौलियों का बोलबाला
भले ही पीलीभीत का जिला प्रशासन गेहूं खरीद की साफ-सुथरी व्यवस्था लागू करने का दावा करता हो लेकिन धरने पर बैठे किसानों का साफ तौर पर कहना है कि पीलीभीत में गेहूं खरीद हो या धान खरीद की व्यवस्था बिचौलिए हमेशा हावी रहते हैं. सेंटरों पर क्रय केंद्र प्रभारी बारदाना न होने की बात कहकर अक्सर किसानों को वापस लौटा देते हैं.
वहीं, बीच सड़क पर धरने पर बैठे किसानों ने बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही धरने पर बैठे किसानों ने मांगों को पूरा करने के नारे भी लगाए.
ईटीवी भारत के कैमरे पर बोले किसान
ईटीवी भारत की टीम ने जब किसानों से उनकी समस्याओं और धरना प्रदर्शन के बारे में जानकारी ली तो किसानों का साफ तौर पर कहना था कि पीलीभीत में जिला प्रशासन द्वारा जो खरीद की व्यवस्था लागू कराई गई है वह बेहद गलत है. किसानों ने कहा कि जिला प्रशासन किसानों के गेहूं खरीद के नाम पर सिर्फ धांधली कर रहा है. जब तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता तब तक किसान यूं ही धरने पर बैठे रहेंगे.