पीलीभीत: सीएम योगी ने 10 जिलों के कई नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वार्ता की. गांव में विकास कार्यों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की गई. इसमें पीलीभीत के साहबाजपुर के ग्राम प्रधान को भी सीएम योगी आदित्यनाथ से मुखातिब होने का मौका मिला. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान को जीत की बधाई दी और विकास कार्यों पर चर्चा की.
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के दस प्रधानों से मुख्यमंत्री ने बातचीत की. सीएम से वार्ता करने वाले किसानों में पीलीभीत के शाहबाजपुर गांव के प्रधान का भी नाम शामिल था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करीब 2 मिनट तक शाहबाजपुर के ग्राम प्रधान परमजीत से बातचीत की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने परमजीत से पूछा कि आपका छोटा भाई आयरलैंड में सीए है तो आपने खेती-किसानी और गांव के विकास की राह को क्यों चुना? मुख्यमंत्री से बातचीत के दौरान प्रधान परमजीत ने बताया कि मम्मी-पापा भी प्रधान रहे हैं. पिछली बार हार गया था. इस बार जनता ने मौका दिया है. मुख्यमंत्री ने प्रधान को नए दायित्व मिलने पर बधाई दी और गांव के विकास में योगदान देने के लिए कहा. इस मौके पर डीएम पुलकित खरे, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नूपुर गोयल मुख्य विकास अधिकारी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
माता-पिता की विरासत संभाल लेंगे परमजीत
पूरनपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली शाहबाजपुर ग्राम पंचायत का प्रधान परमजीत सिंह को चुना गया है. परमजीत सिंह की मां और पिता पूर्व में ग्राम प्रधान रह चुके हैं. पिछली बार परमजीत सिंह ने विरासत की प्रधानी की जगह खुद मैदानी जंग में अपनी किस्मत आजमाई थी. इस दौरान परमजीत को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद एक बार फिर जनता के कहने पर इस बार वह चुनावी समर में कूद पड़े और 480 वोट से विजई हुए. परमजीत का कहना है कि उनका छोटा भाई आयरलैंड में सीए हैं. वह भी विदेश में रहकर कारोबार कर सकते थे, लेकिन उन्हें अपने गांव और वतन से प्यार है. वह अपने गांव की तस्वीर बदलना चाहते हैं. माता-पिता के नक्शे कदम पर चलकर गांव के लोगों का विकास करना चाहते हैं. इसके साथ ही परमजीत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताया कि उनके दादा ज्ञानी सिंह स्वतंत्रता सेनानी भी रहे हैं.
नवनिर्वाचित प्रधान से सीएम ने की बात, पूछा- आखिर क्यों चुनी गांव के विकास की राह - cm yogi talked to the village heads
सीएम योगी ने यूपी के पीलीभीत समेत 10 जिलों के कई नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गांव में विकास कार्यों को लेकर चर्चा की.
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पीलीभीत: सीएम योगी ने 10 जिलों के कई नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वार्ता की. गांव में विकास कार्यों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की गई. इसमें पीलीभीत के साहबाजपुर के ग्राम प्रधान को भी सीएम योगी आदित्यनाथ से मुखातिब होने का मौका मिला. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान को जीत की बधाई दी और विकास कार्यों पर चर्चा की.
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के दस प्रधानों से मुख्यमंत्री ने बातचीत की. सीएम से वार्ता करने वाले किसानों में पीलीभीत के शाहबाजपुर गांव के प्रधान का भी नाम शामिल था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करीब 2 मिनट तक शाहबाजपुर के ग्राम प्रधान परमजीत से बातचीत की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने परमजीत से पूछा कि आपका छोटा भाई आयरलैंड में सीए है तो आपने खेती-किसानी और गांव के विकास की राह को क्यों चुना? मुख्यमंत्री से बातचीत के दौरान प्रधान परमजीत ने बताया कि मम्मी-पापा भी प्रधान रहे हैं. पिछली बार हार गया था. इस बार जनता ने मौका दिया है. मुख्यमंत्री ने प्रधान को नए दायित्व मिलने पर बधाई दी और गांव के विकास में योगदान देने के लिए कहा. इस मौके पर डीएम पुलकित खरे, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नूपुर गोयल मुख्य विकास अधिकारी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
माता-पिता की विरासत संभाल लेंगे परमजीत
पूरनपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली शाहबाजपुर ग्राम पंचायत का प्रधान परमजीत सिंह को चुना गया है. परमजीत सिंह की मां और पिता पूर्व में ग्राम प्रधान रह चुके हैं. पिछली बार परमजीत सिंह ने विरासत की प्रधानी की जगह खुद मैदानी जंग में अपनी किस्मत आजमाई थी. इस दौरान परमजीत को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद एक बार फिर जनता के कहने पर इस बार वह चुनावी समर में कूद पड़े और 480 वोट से विजई हुए. परमजीत का कहना है कि उनका छोटा भाई आयरलैंड में सीए हैं. वह भी विदेश में रहकर कारोबार कर सकते थे, लेकिन उन्हें अपने गांव और वतन से प्यार है. वह अपने गांव की तस्वीर बदलना चाहते हैं. माता-पिता के नक्शे कदम पर चलकर गांव के लोगों का विकास करना चाहते हैं. इसके साथ ही परमजीत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताया कि उनके दादा ज्ञानी सिंह स्वतंत्रता सेनानी भी रहे हैं.