पीलीभीत: पूरे प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई दिख रही है. कहीं बच्चों को खाने में नून रोटी दिया जा रहा तो कहीं बच्चों के खाने में कीड़े निकल रहा है. ऐसा ही कुछ मामला पीलीभीत में भी देखने को मिला है जहां पर बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए भेजा जाता है लेकिन यहां पर बच्चे पढ़ने के बजाय अपने बर्तन धोते हुए दिखाई दे रहे थे. विडंबना तो यह देखने को मिली जब डीएम वैभव श्रीवास्तव के सामने भी बच्चे बर्तन धुलते दिखाई दे रहे थे.
पढ़ाई के नाम पर बच्चों से कराया जा रहा आया का काम
- यह मामला पीलीभीत जिले के बेसिक शिक्षा विभाग से कुछ दूरी पर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का है.
- जहां जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव निरीक्षण पर गए थे, निरीक्षण पर कई तरह की खामियां देखने को मिलीं.
- बच्चों को दिए जाने वाले सामानों से लेकर खाद्यान्न तक के घोटाला देखने को मिला.
- इतना ही नहीं जब जिलाधिकारी निरीक्षण पर विद्यालय की दूसरी मंजिल पर गए तो पीछे जाकर देखा बच्चे हैंडपंप पर बर्तन धुल रहे थे.
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- यह कैसी शिक्षा व्यवस्था है जहां बच्चे पढ़ने के बजाय बर्तन धोते हुए दिखाई दे रहे थे.
- स्कूल प्रशासन के इस हिम्मत से हर कोई आश्चर्य है कि डीएम के निरीक्षण के दौरान भी बच्चे बर्तन धुल रहे थे.
- जिलाधिकारी ने बच्चों से पूछा कि आप लोग रोज बर्तन धोते हैं तो बच्चों ने जवाब देते हुए कहा कि " हां सर हमलोग रोज बर्तन धोते हैं "
- यहीं नहीं बच्चे बिना साबुन के ही रोज बर्तन धुलते है और उसी बर्तन में खाना खाते हैं.
इस कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में बहुत खामियां है जिसको लेकर बीएसए समेत जिला समन्वयक दोनो से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है, ओर आगे विधिक कार्यवाही भी की जाएगी.
- वैभव श्रीवास्तव, जिलाधिकारी