पीलीभीतः धोखाधड़ी के चार साल पुराने मामले में बीसलपुर नगर पालिका के चेयरमैन और उनके दो पुत्र आखिरकार बुधवार को जेल चले गए. चेयरमैन डॉ. नूर अहमद अंसारी और उनके बेटों के खिलाफ 2018 में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था. सीजेएम न्यायालय में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. जिसे सुनवाई के बाद निरस्त कर दिया गया.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीसलपुर नगर के मोहल्ला ग्यासपुर निवासी नबी अहमद आजाद की ओर से बीसलपुर कोतवाली में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में एक एफआईआर 2018 में लिखाई गई थी. जिसमें बीसलपुर चेयरमैन डॉ. नूर अहमद अंसारी, उनके बेटे शाहबाज, मोहम्मद आगाज आदि आरोपी बनाए गए थे. आरोप था कि सभी ने नगर पालिका में नौकरी लगवाने के लिए चार लाख 75 हजार रुपये लिए थे. 10 अगस्त 2018 को नियुक्ति होने की बात कहकर पीड़ित व अन्य रिश्तेदारों को नगर पालिका बीसलपुर के संचालित एसआरएम इंटर कॉलेज में नियुक्त करा दिया था. कई महीने पीड़ित ने काम किया. बाद में जब वेतन मांगा गया तो आरोपियों ने धमकी दे डाली और ज्यादा शोर मचाने पर कत्ल करने की धमकी दे दी थी.
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वहीं, 17 नबम्बर 2018 को वेतन के लिए घर बुलाया और नाममात्र रुपये देने लगे. विरोध करने पर उन लोगों ने जानलेवा हमला किया. चेयरमैन ने तमंचा कनपटी पर लगाया और अन्य ने जान लेने की नीयत से गला दबाया. पीड़ित ने किसी तरह अपनी जान बचाई. पुलिस ने मामले की विवेचना की. दो बार इस मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई और तीसरी बार दारोगा ऋषिपाल ने विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल कर दी थी. हालांकि जानलेवा हमला करने की धाराएं हटा दी गईं थी.
11 मई 2022 यानी बुधवार को शाम इस चार साल पुराने मामले में चेयरमैन नूर अहमद, उनके दो बेटे शाहबाज और मोहम्मद आगाज को जेल भेजा गया है. उनके जमानत प्रार्थना पत्र को सुनवाई के बाद सीजेएम कोर्ट से निरस्त कर दिया गया. चेयरमैन पर चार साल बाद हुई कार्रवाई से खलबली मची है.
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