पीलीभीत: उत्तर प्रदेश में बीते 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते पीलीभीत जिले की सभी विधानसभा सीटों पर सपा बसपा और कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था. मोदी लहर में इस जिले की चारों विधानसभा सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी, जबकि 2017 के चुनाव से पहले जिले की 3 सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा हुआ करता था.
बात करें उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले की 127 शहर विधानसभा सीट पर तो यहां 2017 के चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और सरकार के दौर में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हाजी रियाज अहमद का कब्जा हुआ करता था. पर बीते 2017 के चुनाव में हाजी रियाज अहमद को एक बड़े वोटों के अंतर से हराकर भाजपा के उम्मीदवार संजय सिंह गंगवार ने जीत हासिल की. बीजेपी के प्रत्याशी संजय गंगवार ने मौजूदा सपा विधायक और कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज अहमद को 42362 वोटों से हराया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में संजय गंगवार को कुल 134720 वोट मिले थे. इनके मुकाबले रियाज अहमद के खाते में 92358 वोट ही आए थे, तो वहीं बसपा के उम्मीदवार अरशद खान 13256 पाकर तीसरे नंबर पर रहे थे.
जिले की 128 बरखेड़ा विधानसभा की सीट पर भी भारतीय जनता पार्टी को बड़ी जीत हासिल हुई थी. बीजेपी के प्रत्याशी किशन लाल राजपूत ने 2017 के चुनाव में सपा सरकार में पूर्व विधायक और राज्य मंत्री रहे हेमराज वर्मा को 57930 वोट से हराया. किशन लाल राजपूत 104595 पाकर विजयी रहे तो हेमराज वर्मा को 46665 वोट मिले. वहीं बसपा प्रत्याशी शैलेंद्र सिंह गंगवार 28674 पाकर तीसरे नंबर पर आए थे.
जिले की पूरनपुर विधानसभा की सीट पर भी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को हरा कर बीजेपी के प्रत्याशी बाबूराम ने अपना कब्जा जमाया था. पूरनपुर से बीजेपी के प्रत्याशी बाबू राम पासवान ने 128493 वोट पाकर सपा के पूर्व विधायक रहे पीतम राम को 39262 वोटों से हराया था. पीतमराम को 2017 के विधानसभा चुनाव में कुल 89231 वोट मिले थे. वहीं बसपा के केके अरविंद को 30139 वोट मिले और तीसरे स्थान पर रहे.
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जिले की चौथी बीसलपुर विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में एक बार फिर बीजेपी के प्रत्याशी को लगातार दूसरी बार जीत हासिल हुई. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के रामसरन वर्मा ने 103068 मत पाकर कांग्रेस के अनीस अहमद खान उर्फ फूलबाबू को 40688 वोटों से हरा दिया था. फूलबाबू को 62380 वोट मिले थे, जबकि तीसरे नंबर बसपा की दिव्या गंगवार रहीं, उन्हें 47131 मत मिले.
बीते चुनाव में कांग्रेस और बसपा रही फाइट से बाहर
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले की बात करें तो 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों द्वारा बेहद खराब प्रदर्शन किया गया. यहां प्रत्याशी मतगणना के दौरान जद्दोजहद की दौड़ में भी शामिल नहीं हो पाए. अधिकतर प्रत्याशियों को एक लंबे अंतराल से हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में अब सवाल उठता है कि आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में क्या बसपा और कांग्रेस अपने प्रदर्शन में कुछ बेहतर कर पाएंगे.
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