पीलीभीतः भाजपा सांसद वरुण गांधी शुक्रवार को एक दिवसीय दौरे पर पीलीभीत पहुंचे. दौरे की शुरुआत करते हुए सांसद वरुण गांधी ने शहर के स्प्रिंगडेल कॉलेज में आयोजित युवा उत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन किया. कार्यक्रम के दौरान वरुण गांधी ने युवाओं को आगे बढ़ने के कुछ मंत्र भी बताए. कार्यक्रम के दौरान वरुण गांधी ने कहा कि जब वे नासा की संस्था में घूमने के लिए गए था तो वहां सब लोग हिंदी और तमिल में बात कर रहे थे, क्योंकि वहां अधिकतर वैज्ञानिक भारतीय मूल के ही थे. वरुण गांधी ने कहा ऐसे में भारत का बच्चा कैसे देश का नाम रोशन कर सकता है, यह हर कोई जानता है. बशर्ते देश में ही इस टैलेंट को निखारने के लिए संस्थान बढ़ाने होंगे. इसके साथ ही उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू की तारीफ की.
कार्यक्रम के दौरान सांसद वरुण गांधी ने अपनी अटल बिहारी वाजपेयी के साथ पहली मुलाकात का वाकया भी साझा किया. वरुण गांधी ने कहा कि जब वे पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने गए तो उन्होंने उनसे पूछा कि आखिर उनकी नजरों में बड़ा आदमी कौन है. वरुण गांधी ने कहा कि उन्होंने अटल बिहारी वाजपेई को जवाब दिया कि बड़ा आदमी वो है जिसके साथ कोई भी खुद को छोटा न समझे.
नेहरू युवा केंद्र द्वारा आयोजित किए गए युवा उत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरुण गांधी ने एक बार फिर पंडित जवाहरलाल नेहरू की तारीफ की. वरुण गांधी ने कहा कि पंडित नेहरू उनके परनाना थे. उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए, जिसने भारत की राजनीति में इतिहास रचने का काम किया. वरुण गांधी ने कहा कि जब लोकसभा स्पीकर का चयन होना था तो पंडित नेहरू ने सरदार हुकुम सिंह का नाम प्रस्तावित कर दिया था. नाम प्रस्तावित होने के बाद अकाली दल के नेता हुकुम सिंह खुद हैरान रह गए.
उन्होंने पंडित नेहरू से मुलाकात कर कहा कि उन्होंने आपको संसद में भला बुरा कहा. चीटर बताया इसके बावजूद आपने उनका नाम लोकसभा स्पीकर के लिए प्रस्तावित कर दिया. पंडित नेहरू की तारीफ करते हुए वरुण गांधी ने कहा कि नेहरू ने सरदार हुकुम सिंह को जवाब देते हुए कहा कि देश में हर तरफ नेहरू के चर्चे हैं, ऐसे में देश के बड़े पदों पर ऐसे लोगों को भी होना चाहिए जो नेहरू की आलोचना करने में सक्षम हों.
सांसद वरुण गांधी ने खुद को एक ईमानदार सांसद बताते हुए कहा कि उन्होंने और उनकी मां ने पीलीभीत में कई सालों तक जनता की सेवा की है. यहां से कई बार सांसद रहे हैं. यहां का कोई भी व्यक्ति उनके ऊपर एक भी रुपये भ्रष्टाचार करने या किसी को परेशान करने का आरोप नहीं लगा सकता. वरुण गांधी ने कहा कि जब उन्हें पहली बार सांसद चुना गया तो उन्होंने अपनी मां मेनका गांधी से कहा कि वह शपथ लेने जा रहे हैं, उससे पहले उनको कोई ऐसा मंत्र दीजिए जो वह जिंदगी भर याद रखें.
वरुण गांधी ने कहा 'तब मुझे मेरी मां ने बताया कि खुद को कभी लीडर नहीं समझना, क्योंकि लीडर बनने में कई दशक लग जाते हैं. मुझे जनता का सेवक बनने की सलाह मां द्वारा दी गई, ऐसे में मैं पब्लिक सर्वेंट हूं शासक नहीं. पीलीभीत हमारा परिवार है मैं और मेरी मां को यहां की जनता ने हमेशा सम्मान दिया है, ऐसे में कोरोना काल में मैंने अपने परिवार के लोगों की जान बचाने के लिए खुद का फिक्स डिपाजिट तोड़कर पीलीभीत के लिए दवाई और ऑक्सीजन की व्यवस्था की अन्य जगह की तुलना में यहां बहुत कम लोगों की ही मौत हुई'.
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