पीलीभीत: पीलीभीत लोकसभा सीट पर एक अलग किस्म का ट्विस्ट देखने को मिला है, इस बार बीजेपी के प्रत्याशी वरुण गांधी के विरोध में एक और वरुण गांधी चुनावी मैदान में खड़े हुए हैं.आखिर वह वरुण गांधी के विरोध में चुनाव क्यों लड़ते हैं.
वरुण गांधी ने ईटीवी से खास बातचीत करते हुए बताया कि इस बार मैं पीलीभीत लोक सभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भाजपा प्रत्याशी वरुण गांधी के विरोध में चुनाव लड़ने जा रहा हूं. उन्होंने बताया यह दूसरी बार है कि मैं वरुण गांधी के विरोध में चुनाव लड़ने जा रहा हूं. मैंने पहली बार वरुण गांधी के विरोध में सुल्तानपुर से चुनाव लड़ा था, जहां पर 14000 से भी अधिक वोट पाए थे.
वरुण गांधी और उनके विरोध में चुनाव लड़ने का राज जानने की बात पूछी गई तो, उन्होंने कहा एक बार मैं वरुण गांधी से मिलने गया था. उस दौरान वरुण गांधी ने मुझसे मुलाकात नहीं की और मुझे कोई तवज्जो भी नहीं दी. तभी से मैंने यह निश्चित कर लिया था, कि जहां जहां से वरुण गांधी चुनाव लड़ेंगे, मैं उनके विरोध में चुनाव लड़ूंगा. इसलिए मैंने पहली बार सुल्तानपुर में वरुण गांधी के विरोध में चुनाव लड़ा था, और इस बार फिर मैं पीलीभीत से वरुण गांधी के विरोध में चुनाव लड़ रहा हूं.
निर्दलीय प्रत्याशी वरुण गांधी ने पीलीभीत की जनता से अपील करते हुए कहा कि, आपने श्रीमती मेनका गांधी और वरुण गांधी का शासन काल देख लिया है. उन्होंने अपने शासनकाल में पीलीभीत और सुल्तानपुर में कोई भी विकास कार्य नहीं कराया हैं. इसलिए मैं इस बार पीलीभीत से निर्दलीय चुनाव लड़ रहा हूं.
आपको बता दें बीजेपी उम्मीदवार वरुण गांधी के विरोध में उतरने वाले दूसरे वरुण गांधी का नाम सुमन उर्फ वरुण गांधी है और यह हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले हैं. पेशे से एक होटल संचालक हैं, और पहली बार वरुण गांधी के विरोध में 2014 में चुनाव लड़ा था, जहां पर लगभग 14000 वोट मिले थे.