वाराणसी: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती 14 महीने बाद मंगलवार यानी 13 अक्टूबर को जेल से रिहा हुई हैं. इसके बाद से देश भर की अलग-अलग जेलों में बंद अन्य कैदियों को दूसरे राज्यों की जेलों से शिफ्ट करने या रिहा करने की उम्मीद जगी है. बता दें कि साल 2019 में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई गई थी. उस दौरान कश्मीर में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए कई नेताओं को नजरबंद किया था. इसके साथ ही कश्मीर की जेलों में बंद कई अराजक तत्वों को देश की अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया था.
इसी क्रम में अगस्त 2019 को वाराणसी की सेंट्रल जेल में भी 30 कश्मीरी बंदियों को भेजा गया था. इसमें कुछ आतंकियों के साथ कई पत्थरबाज भी शामिल थे. कश्मीर के माहौल को शांत करने के लिए देश के अलग-अलग जेलों में शिफ्ट हुए इन बंदियों को 1 साल से ज्यादा का वक्त बीत गया है. अब महबूबा मुफ्ती की रिहाई के बाद से अलग-अलग जेलों में बंद अन्य कैदियों को दूसरे राज्यों की जेलों से शिफ्ट करने या रिहाई की उम्मीद जगी है. फिलहाल वाराणसी में 30 में से 8 बंदी ही बचे हैं.
जेल से जा चुके हैं 22 बंदी
वाराणसी सेंट्रल जेल के सीनियर सुपरीटेंडेंट ए. के. सिंह ने बताया कि बीते साल वाराणसी सेंट्रल जेल में जिन बंदियों को लाया गया था, वह कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद वहां की जेलों से शिफ्ट किए गए थे. इन सभी को सेंट्रल जेल के हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है. फिलहाल 22 बंदी वाराणसी सेंट्रल जेल से जा चुके हैं. इनमें से कुछ की रिहाई हुई है और कुछ को अन्य जेलों में शिफ्ट किया गया है.
कुछ आतंकी कुछ हैं पत्थरबाज
वर्तमान समय में कुछ आतंकी और कुछ पत्थरबाज वाराणसी सेंट्रल जेल के हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद हैं. इनसे किसी को भी मिलने की अनुमति नहीं होती है और यह अलग ही रहते हैं. ए. के. सिंह का कहना है कि इनकी रिहाई के संबंध में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है.