पीलीभीत: बरेली के गुम हुए झुमके को ढूंढने के बाद पीलीभीत की गुम हुई बांसुरी को भी ढूंढ लिया गया है. वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) के तहत पीलीभीत को उसकी बांसुरी के उत्पादन के लिए जाना जाता है. यहां की बांसुरी केवल प्रदेश में ही नहीं, देश और विदेश में भी जानी जाती है, लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा था.
पेंट माय सिटी के तहत चलाया जा रहा अभियान
बरेली के झुमके के मिलने के बाद पीलीभीत की गुम हुई बांसुरी को ढूंढने के लिए पूरा जिला प्रशासन लगा हुआ था, जिसके बाद ODOP के तहत बांसुरी को बढ़ावा देने के लिए पेंट माय सिटी के तहत पूरे जनपद में सभी दीवारों पर बांसुरी को बनाया जाना था, जिसको लेकर बुधवार को बरेली जोन के कमिश्नर रणवीर प्रसाद पीलीभीत पहुंचे. उन्होंने पेंट माय सिटी के तहत दीवार पर बांसुरी बनाकर इसे विशेष पहचान दी.
'बांसुरी बनाने वाले बांस का किया जाएगा उत्पादन'
पीलीभीत की बांसुरी देश और विदेश में विशेष पहचान रखती है, लेकिन बांसुरी बनाने में प्रयोग किए जाने वाले बांस का जनपद में उत्पादन न होने के चलते कमिश्नर रणवीर प्रसाद ने बताया कि बांसुरी को बढ़ावा देने के लिए इसे बनाने में प्रयोग किए जाने वाले बांस का भी पीलीभीत में ही उत्पादन किया जाएगा.
'बांसुरी चौक का किया जाएगा निर्माण'
जानकारी देते हुए कमिश्नर रणवीर प्रसाद ने बताया कि बरेली के झुमके की तरफ पीलीभीत अपनी बांसुरी को लेकर विशेष पहचान रखता है. पेंट माय सिटी के तहत जिले की सभी दीवारों पर बांसुरी बनाई जाएगी और बांसुरी को बढ़ावा देने के लिए जनपद में बांसुरी चौक का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे जल्द से जल्द पीलीभीत को अपनी भूली हुई बांसुरी फिर से याद आ जाए. उन्होंने बताया कि इसके उत्पादन के लिए भी जनपद में ही काम किया जा रहा है, जिसको लेकर वन विभाग से भी बात की जाएगी.
ये भी पढ़ें: पीलीभीत: नहर में उतराता हुआ मिला टाइगर का शव