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मुजफ्फरनगर दंगा मामले में खतौली विधायक विक्रम सहित 12 दोषियों को 2 साल की कैद

मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए दंगे के मुकदमे में आरोपित खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी सहित बारह आरोपियों को कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए दो दो साल की कैद की सजा सुनाई है.

मुजफ्फरनगर दंगा
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Published : Oct 11, 2022, 8:23 PM IST

Updated : Oct 11, 2022, 8:36 PM IST

मुजफ्फरनगरः जिले में 2013 में हुए दंगे के मुकदमे में खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी सहित 12 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 2-2 साल की कैद की सजा सुनाई है. बाद में अपर जिला और सत्र न्यायाधीश कोर्ट-4 ने विधायक विक्रम सैनी सहित दोषियों को 25 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत भी दे दी है. अगस्त 2013 को जानसठ थाना क्षेत्र के गांव कवाल में दो पक्षों के बीच हुई मारपीट और फायरिंग के मामले में एसएचओ जानसठ ने विधायक विक्रम सैनी सहित 24 आरोपियों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था.

गौरतलब है कि 27 अगस्त 2013 को जानसठ थाना क्षेत्र के गांव कवाल में शाहनवाज की हत्या के बाद मलिकपुरा निवासी ममेरे भाईयों सचिन और गौरव की हत्या कर दी गई थी. जिससे गांव में तनाव फैल गया था और 28 अगस्त को सचिन और गौरव की अंत्येष्टि से लोटते लोगों ने कवाल में मारपीट और तोड़ फोड़ की थी. इसके बाद समाचार पत्रों में प्रकाशित फोटो को लेकर कवाल में दोनों समुदाय के लोगों के बीच बहस हो गई थी. जानसठ थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि 29 अगस्त को वह अपने हमराहियान के साथ गांव कवाल में गश्त पर थे और 12 बजे उन्हें गांव में मोहल्ला भूमिया के आस-पास हिंदु और मुस्लिम पक्ष के बीच झगड़े की सूचना मिली. मौके पर पहुंचकर देखा तो मोहल्ला भूमिया के समीप अनीस और अबरार के मकान की छत पर चढ़कर मुस्लिम समाज के लोग और चन्द्रशेखर बोस के मकान के ऊपर चढ़कर दूसरे पक्ष के लोग एक दूसरे पर पथराव कर रहे थे. उनका आरोप था कि मौलाना मुकर्रम ने अपनी लाईसेंसी बंदूक फायरिंग की गई थी. जबिकि दीपक पुत्र चन्द्रशेखर आदि भी नाजायज असलाहा से फायरिंग कर रहे थे. पुलिस ने मौके से 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था जबकि काफी लोग फरार हो गए थे और जिनमें पंद्रह लोगों को नामजद किया था.

जानसठ तत्कालीन एसएचओ शेलेन्द्र वर्मा ने हथियारों के साथ मौके से कई लोगों की गिरफ्तारी की थी, जिनमें खतौली से भाजपा के मौजूदा विधायक विक्रम सैनी को बनकटी के साथ गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के अनुसार आरोपित धर्मवीर और सलेकचंद को एक-एक बल्लम, रविन्द्र को फरसा और नूर मोहम्मद को तलवार के साथ हिरासत में लिया गया था. जबकि रोहताश, सोनू, दीपक, प्रवीण को भी मौके से ही गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने एफआईआर में फारूख पर रायल से फायरिंग करना दिखाया था. पुलिस ने उक्त सहित चौबीस लोगों को नामजद आरोपित बनाया था. घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 4 गोपाल उपाध्याय की कोर्ट में हुई. दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद विधायक विक्रम सैनी सहित बारह आरोपियों को विभिन्न आरोपों में दोषी ठहराया और विधायक विक्रम सैनी सहित बाकी दोषियों को दो साल कैद की सजा सुनाई. विक्रम सैनी की जमानत अर्जी दाखिल की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हे जमानत दे दी. वहीं, दोषी ठहराए गए विक्रम सैनी सहित सभी बारह लोगों को 25-25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी.

इसे भी पढ़ें-फर्जी ब्लूटूथ और हेडसेट भेजने का मामला: कोर्ट ने फ्लिपकार्ट के MD और CEO पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया

मुजफ्फरनगरः जिले में 2013 में हुए दंगे के मुकदमे में खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी सहित 12 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 2-2 साल की कैद की सजा सुनाई है. बाद में अपर जिला और सत्र न्यायाधीश कोर्ट-4 ने विधायक विक्रम सैनी सहित दोषियों को 25 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत भी दे दी है. अगस्त 2013 को जानसठ थाना क्षेत्र के गांव कवाल में दो पक्षों के बीच हुई मारपीट और फायरिंग के मामले में एसएचओ जानसठ ने विधायक विक्रम सैनी सहित 24 आरोपियों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था.

गौरतलब है कि 27 अगस्त 2013 को जानसठ थाना क्षेत्र के गांव कवाल में शाहनवाज की हत्या के बाद मलिकपुरा निवासी ममेरे भाईयों सचिन और गौरव की हत्या कर दी गई थी. जिससे गांव में तनाव फैल गया था और 28 अगस्त को सचिन और गौरव की अंत्येष्टि से लोटते लोगों ने कवाल में मारपीट और तोड़ फोड़ की थी. इसके बाद समाचार पत्रों में प्रकाशित फोटो को लेकर कवाल में दोनों समुदाय के लोगों के बीच बहस हो गई थी. जानसठ थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि 29 अगस्त को वह अपने हमराहियान के साथ गांव कवाल में गश्त पर थे और 12 बजे उन्हें गांव में मोहल्ला भूमिया के आस-पास हिंदु और मुस्लिम पक्ष के बीच झगड़े की सूचना मिली. मौके पर पहुंचकर देखा तो मोहल्ला भूमिया के समीप अनीस और अबरार के मकान की छत पर चढ़कर मुस्लिम समाज के लोग और चन्द्रशेखर बोस के मकान के ऊपर चढ़कर दूसरे पक्ष के लोग एक दूसरे पर पथराव कर रहे थे. उनका आरोप था कि मौलाना मुकर्रम ने अपनी लाईसेंसी बंदूक फायरिंग की गई थी. जबिकि दीपक पुत्र चन्द्रशेखर आदि भी नाजायज असलाहा से फायरिंग कर रहे थे. पुलिस ने मौके से 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था जबकि काफी लोग फरार हो गए थे और जिनमें पंद्रह लोगों को नामजद किया था.

जानसठ तत्कालीन एसएचओ शेलेन्द्र वर्मा ने हथियारों के साथ मौके से कई लोगों की गिरफ्तारी की थी, जिनमें खतौली से भाजपा के मौजूदा विधायक विक्रम सैनी को बनकटी के साथ गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के अनुसार आरोपित धर्मवीर और सलेकचंद को एक-एक बल्लम, रविन्द्र को फरसा और नूर मोहम्मद को तलवार के साथ हिरासत में लिया गया था. जबकि रोहताश, सोनू, दीपक, प्रवीण को भी मौके से ही गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने एफआईआर में फारूख पर रायल से फायरिंग करना दिखाया था. पुलिस ने उक्त सहित चौबीस लोगों को नामजद आरोपित बनाया था. घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 4 गोपाल उपाध्याय की कोर्ट में हुई. दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद विधायक विक्रम सैनी सहित बारह आरोपियों को विभिन्न आरोपों में दोषी ठहराया और विधायक विक्रम सैनी सहित बाकी दोषियों को दो साल कैद की सजा सुनाई. विक्रम सैनी की जमानत अर्जी दाखिल की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हे जमानत दे दी. वहीं, दोषी ठहराए गए विक्रम सैनी सहित सभी बारह लोगों को 25-25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी.

इसे भी पढ़ें-फर्जी ब्लूटूथ और हेडसेट भेजने का मामला: कोर्ट ने फ्लिपकार्ट के MD और CEO पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया

Last Updated : Oct 11, 2022, 8:36 PM IST
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