मुजफ्फरनगर : रंगदारी, हत्या और लूट के तीन अभियुक्तों को गैंगस्टर कोर्ट से 5-5 साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही जुर्माना भी लगाया है. पहला प्रकरण थाना सिखेड़ा का हैं. वर्ष 1993 में गंदोड़ थाना सिखेड़ा निवासी अधिवक्ता कंवरपाल को सुबह उसके खेत में सिर कटी लाश मिली. उसके हाथ पर राजेंद्र गुदा था जिसकी थाने में सूचना दी गई. दूसरा प्रकरण वर्ष 1995 में विमोडा थाना सिखेड़ा निवासी नफीस पुत्र मोहब्बत से 20 हजार रुपये की रंगदारी मांगी गयी. न देने पर जान से मारने की धमकी दी गयी.
पुलिस ने इन मामलों में दो अभियुक्तों इस्लाम पुत्र मासूम अली और रहमान पुत्र फारुख निवासी सिखेड़ा का चालान किया. इसी प्रकार की और कईं वारदातों में संलिप्तता के चलते तत्कालीन थानाध्यक्ष चौब सिंह सेंगर ने दोनों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट में चालान (Challan in gangster act) किया. सुनवाई के उपरांत गैंगस्टर जज बाबू राम ने इस्लाम और रहमान को 5-5 साल के कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया.
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जुर्माना न देने पर एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा. दूसरा प्रकारण थाना कोतवाली का हैं. 9 दिसंबर 2015 को वादी मेघराज पुत्र मांगेराम निवासी छपार मोटरसाइकिल पर सवार होकर जा रहा था. रात्रि 8 बजे के लगभग तीन बदमाशों ने तमंचे के बल पर उससे 50 हजार रुपये लूट लिए और फरार हो गए. इसकी वादी ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करायी. कुछ दिनों बाद पुलिस ने अमित पुत्र जय सिंह निवासी किशोरपुर थाना कैराना शामली और उसके सह अभियुक्तों जॉनी पुत्र छोटा निवासी कोट्टा थाना नांगल सहारनपुर और विवेक उर्फ भूरा पुत्र राधेश्याम निवासी बढ़कली मुजफ्फरनगर को गिरफ्तार कर लूट के रुपये बरामद किए. तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक कोतवाली चमन सिंह चावड़ा ने तीनों का गैंगस्टर एक्ट में चालान किया. कोर्ट द्वारा अमित की पत्रावली पृथक कर सुनवाई की. इस पर कोर्ट ने अमित को 2 साल की सजा और 6 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया. इस मामले में पैरवी अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह, विशेष लोक अभियोजक राजेश शर्मा और दिनेश सिंह पुंडीर ने की.
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