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मुजफ्फरनगर में शुगर मिल और पेपर इंडस्ट्रीज पर लगा 2 करोड़ का जुर्माना - मुजफ्फरनगर का समाचार

यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मुजफ्फरनगर की पेपर इंडस्ट्रीज और कई सुगर मिल पर कार्रवाई करते हुए दो करोड़ से ज्यादा का जुर्माना वसूल किया गया है. 2020 के कोरोना काल के दौरान एनजीटी और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लगातार जिला प्रशासन को नियंत्रण के लिए आदेश जारी किए गए थे.

शुगर मिल और पेपर इंडस्ट्रीज पर लगा 2 करोड़ का जुर्माना
शुगर मिल और पेपर इंडस्ट्रीज पर लगा 2 करोड़ का जुर्माना
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Published : Aug 1, 2021, 5:23 PM IST

मुजफ्फरनगरः यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मुजफ्फरनगर की पेपर इंडस्ट्रीज और कई शुगर मिल पर कार्रवाई करते हुए दो करोड़ से ज्यादा का जुर्माना वसूल किया गया है. जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मुजफ्फरनगर की 12 पेपर मिल के साथ-साथ 24 इंडस्ट्रीज पर छापेमारी कर न सिर्फ इंडस्ट्रीज प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. बल्कि जिले के सभी इंडस्ट्रीज इकाइयों पर 2 करोड़ का जुर्माना वसूला गया है.

जिले में फैलने वाले वायु प्रदूषण के मद्देनजर जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मुजफ्फरनगर के जौली रोड और जानसठ रोड की अलग-अलग 24 इकाइयों पर करीब एक करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया. इसके अलावा प्लास्टिक वेस्ट और कूड़े के ढेर हटने तक प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना निर्धारित करने का आदेश दिया है. जट मुझेड़ा और धंधेडा नाले में पेपर मिलों के अलावा अन्य 12 फैक्टरियों का गंदा पानी बहता है. इन मिलों का प्रदूषण स्तर में कमी आई है, लेकिन अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया.

शुगर मिल और पेपर इंडस्ट्रीज पर लगा 2 करोड़ का जुर्माना

इन सभी बिंदुओं पर जांच के बाद क्षेत्रीय अधिकारी ने रिपोर्ट लखनऊ को भेजी थी. प्रदूषण के मुद्दों पर गंभीरता से लेते हुए बोर्ड ने करीब 2 करोड़ रूपये का जुर्माना लगा दिया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी अंकित सिंह ने बताया जब तक गंदगी के ढेर नहीं हटेंगे, तब तक उन पर जुर्माना लगता रहेगा. हर फैक्ट्री पर चार से पांच लाख रुपये के करीब पर्यावरण क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना नहीं दिए जाने पर राजस्व विभाग रिकवरी करेगा. नाला सफाई की जिम्मेदारी कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (सीएसआर) के अनुसार फैक्ट्री स्वामियों की है. जिनका गंदा पानी इन नालों में बहता है.

इसे भी पढ़ें- सूरत के आठ थाना क्षेत्रों में पांच वर्ष के लिए बढ़ाया गया अशांत क्षेत्र अधिनियम

जिला प्रदूषण अधिकारी अंकित कुमार ने जानकारी देते हुए बताया है कि पिछले एक साल में बहुत सारे निरक्षण किये गए हैं. जिला प्रशासन और पुलिस के सहयोग से कई इंडस्ट्रीज पर छापामारी की गयी है. छापामारी के दौरान जो इंडस्ट्रीज डिफाल्टर पाई गयी हैं, उन पर जुर्माना लगाने की संतुति की गयी है. जिले में पेपर इंडस्ट्रीज के अलावा शुगर मिल भी बहुत है. जांच के दौरान पेपर मिल से जो वेस्ट पानी निकलता है उसमे काफी मात्रा में केमिकल के साथ साथ बहुत प्रदूषण मिला था. हमने सभी पेपर मिल्स पर करीब एक करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया था. जिसको हमने रिकवर भी कर लिया है.

इसके अलावा सरसादी लाल डिस्टर्ली में भी निकलने वाले पानी में प्रदूषण पाया गया था. जिस पर हमने दो बार 50 लाख का जुर्माना लगाया है और जुर्माने की रकम रिकवर कर ली गई है. जिले में प्रतिबंधित पन्नी का कारोबार भी हो रहा था. पब्लिक शिकायत के बाद हमने पुलिस की मदद से सभी पन्नी गोदाम पर छापामारी की. इस दौरान जो प्रतिबंधित पन्नी के कारोबारी हैं, उन पर एफआईआर दर्ज कर सभी पर 50/50 हजार का जुर्माना भी लगाया है. इसके साथ ही 10 ट्रक हैं, जिन में प्रतिबंधित पन्नी के कचरे को लाया गया था. उन्हें जब्त कर कानूनी कार्रवाई की गई है. अभी तक करीब सभी इंडस्ट्रीज पर दो करोड़ का जुर्माना लगाकर वसूल कर लिया गया है.

मुजफ्फरनगरः यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मुजफ्फरनगर की पेपर इंडस्ट्रीज और कई शुगर मिल पर कार्रवाई करते हुए दो करोड़ से ज्यादा का जुर्माना वसूल किया गया है. जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मुजफ्फरनगर की 12 पेपर मिल के साथ-साथ 24 इंडस्ट्रीज पर छापेमारी कर न सिर्फ इंडस्ट्रीज प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. बल्कि जिले के सभी इंडस्ट्रीज इकाइयों पर 2 करोड़ का जुर्माना वसूला गया है.

जिले में फैलने वाले वायु प्रदूषण के मद्देनजर जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मुजफ्फरनगर के जौली रोड और जानसठ रोड की अलग-अलग 24 इकाइयों पर करीब एक करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया. इसके अलावा प्लास्टिक वेस्ट और कूड़े के ढेर हटने तक प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना निर्धारित करने का आदेश दिया है. जट मुझेड़ा और धंधेडा नाले में पेपर मिलों के अलावा अन्य 12 फैक्टरियों का गंदा पानी बहता है. इन मिलों का प्रदूषण स्तर में कमी आई है, लेकिन अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया.

शुगर मिल और पेपर इंडस्ट्रीज पर लगा 2 करोड़ का जुर्माना

इन सभी बिंदुओं पर जांच के बाद क्षेत्रीय अधिकारी ने रिपोर्ट लखनऊ को भेजी थी. प्रदूषण के मुद्दों पर गंभीरता से लेते हुए बोर्ड ने करीब 2 करोड़ रूपये का जुर्माना लगा दिया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी अंकित सिंह ने बताया जब तक गंदगी के ढेर नहीं हटेंगे, तब तक उन पर जुर्माना लगता रहेगा. हर फैक्ट्री पर चार से पांच लाख रुपये के करीब पर्यावरण क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना नहीं दिए जाने पर राजस्व विभाग रिकवरी करेगा. नाला सफाई की जिम्मेदारी कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (सीएसआर) के अनुसार फैक्ट्री स्वामियों की है. जिनका गंदा पानी इन नालों में बहता है.

इसे भी पढ़ें- सूरत के आठ थाना क्षेत्रों में पांच वर्ष के लिए बढ़ाया गया अशांत क्षेत्र अधिनियम

जिला प्रदूषण अधिकारी अंकित कुमार ने जानकारी देते हुए बताया है कि पिछले एक साल में बहुत सारे निरक्षण किये गए हैं. जिला प्रशासन और पुलिस के सहयोग से कई इंडस्ट्रीज पर छापामारी की गयी है. छापामारी के दौरान जो इंडस्ट्रीज डिफाल्टर पाई गयी हैं, उन पर जुर्माना लगाने की संतुति की गयी है. जिले में पेपर इंडस्ट्रीज के अलावा शुगर मिल भी बहुत है. जांच के दौरान पेपर मिल से जो वेस्ट पानी निकलता है उसमे काफी मात्रा में केमिकल के साथ साथ बहुत प्रदूषण मिला था. हमने सभी पेपर मिल्स पर करीब एक करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया था. जिसको हमने रिकवर भी कर लिया है.

इसके अलावा सरसादी लाल डिस्टर्ली में भी निकलने वाले पानी में प्रदूषण पाया गया था. जिस पर हमने दो बार 50 लाख का जुर्माना लगाया है और जुर्माने की रकम रिकवर कर ली गई है. जिले में प्रतिबंधित पन्नी का कारोबार भी हो रहा था. पब्लिक शिकायत के बाद हमने पुलिस की मदद से सभी पन्नी गोदाम पर छापामारी की. इस दौरान जो प्रतिबंधित पन्नी के कारोबारी हैं, उन पर एफआईआर दर्ज कर सभी पर 50/50 हजार का जुर्माना भी लगाया है. इसके साथ ही 10 ट्रक हैं, जिन में प्रतिबंधित पन्नी के कचरे को लाया गया था. उन्हें जब्त कर कानूनी कार्रवाई की गई है. अभी तक करीब सभी इंडस्ट्रीज पर दो करोड़ का जुर्माना लगाकर वसूल कर लिया गया है.

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