मुजफ्फरनगर: सावन में हर साल लाखों कांवड़िये विशेष स्थान से जल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं. वहीं कुछ ऐसे कांवड़िये होते हैं, जो अपने विशेष अंदाज के लिए लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं. उन्हीं कांवड़ियों में से एक हैं गोल्डन बाबा जो इस बार 14 किलो सोना पहनकर हरिद्वार से अपने दिल्ली आश्रम कांवड़ लाए हैं और यह उनकी 26वीं कांवड़ यात्रा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने गोल्डन बाबा से बातचीत की.
- गोल्डन बाबा हर साल की भांति इस बार भी हरिद्वार से अपने दिल्ली आश्रम कांवड़ लेकर पहुंचे.
- गोल्डन बाबा की यह 26वीं कांवड़ यात्रा है.
- इस बार गोल्डन बाबा 14 किलो सोना पहनकर कांवड़ लाए हैं.
- गोल्डन बाबा सोने को ही अपना ईष्ट देव मानकर उनकी पूजा करते हैं.
- कांवड़ यात्रा के दौरान जिस जगह गोल्डन बाबा का काफिला रुकता है, वहां उन्हें देखने वालों की भीड़ जुट जाती है.
जानिए क्या कहा गोल्डन बाबा ने-
गोल्डन बाबा का कहना है कि स्वास्थ्य खराब होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें कांवड़ लाने से मना किया था, लेकिन शिवभोले की कृपा से वह 26वीं कांवड़ ला रहे हैं. स्वास्थ्य खराब होने की वजह से इस बार उन्होंने पिछले साल से सात किलो कम सोना पहना है. पिछले साल उन्होंने करीब 21 किलो सोने के आभूषण पहने थे.
पिछले साल मनाई थी सिल्वर जुबली-
गोल्डन बाबा बताते हैं कि वह पिछले 25 साल से हरिद्वार से कांवड ला रहे हैं. इस बार उनकी यह 26वीं कांवड़ है. पिछले साल उन्होंने 25वीं कांवड़ लाकर अपनी सिल्वर जुबली मनाई थी. गोल्डन बाबा का कहना है कि उन्हें बचपन से ही गोल्ड पहनने का शौक है. पहले वह तीन से चार तोला सोना पहनते थे, अब यह किलो में है. बाबा के साथ उनके अनुयायियों का काफिला साथ चलता है. इसमें करीब 60 लोग शामिल हैं. ये सभी गाड़ियों से हरिद्वार से दिल्ली के लिए जल लेकर कांवड़ यात्रा पूरी करते हैं.
सुरक्षा कर्मी चलते हैं गोल्डन बाबा के साथ-
गोल्डन बाबा के काफिले में उनके निजी सुरक्षा कर्मी भी साथ चलते हैं. इसके अलावा जिस शहर से वह गुजरते हैं, उस शहर की पुलिस उनकी सुरक्षा व्यवस्था में लग जाती है. जिस स्थान पर गोल्डन बाबा का काफिला रुकता है, वहां पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाती है. हरिद्वार से कांवड़ ला रहे गोल्डन बाबा शिवरात्रि पर अपने आश्रम में ही शिव का जलाभिषेक करेंगे.