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रामपुर तिराहा कांड में ठीक से पैरोकारी न करने पर सीबीआई इंस्पेक्टर को नोटिस

मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा कांड मामले में कोर्ट ने सीबीआई के पैरोकार इंस्पेक्टर देवेंद्र मीणा को आख्या के साथ 18 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है.

मुजफ्फरनगर
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Published : Apr 4, 2023, 11:03 PM IST

मुजफ्फरनगर: 2 अक्टूबर 1994 को रामपुर तिराहा पर महिलाओं के साथ बलात्कार और लूट मामले में सीबीआई के पैरोकार इंस्पेक्टर देवेंद्र मीणा द्वारा 4 आरोपियों की मौत की पुष्टि रिपोर्ट अभी तक न दिए जाने पर मुजफ्फरनगर की विशेष अदालत एडीजे संख्या 7 शक्ति सिंह ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. विशेष अदालत ने मौत की रिपोर्ट के साथ 18 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप में पेश होने का आदेश दिया है.

वहीं, मुजफ्फरनगर में 2003 में थाना भौराकला के ग्राम अहलावलपुर में किसान नेता नेता चौधरी जगबीर सिंह हत्याकांड की सुनवाई हुई. एडीजे संख्या 5 गैंगेस्टर अदालत के जज अशोक कुमार ने अर्जी रद्द कर 5 अप्रैल से पुनः बचाव पक्ष की बहस शुरू करने के आदेश दिए हैं. अंतिम दौर की सुनवाई के चलते वादी की ओर से धारा 311 सीआरपीसी के तहत एक अर्जी दाखिल की गई थी. जिसका बचाव पक्ष ने विरोध कर कहा कि यह देरी करने की टेक्टिस है. कोर्ट में आरोपी नरेश टिकैत व वादी पूर्व मंत्री योगराज सिंह उपस्थित थे.

बता दें कि सितंबर 2003 में चौधरी जगबीर सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में भाकियू के नेता नरेश टिकैत समेत 3 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस हत्याकांड के 2 आरोपियों की मौत हो चुकी है. मुजफ्फरनगर कोर्ट में इस हत्याकांड की सुनवाई अंतिम दौर में पहुंच चुकी है. इस मामले में चौधरी नरेश टिकैत अपने वकील अनिल जिंदल के साथ हर सुनवाई पर उपस्थित रहते हैं.

मुजफ्फरनगर: 2 अक्टूबर 1994 को रामपुर तिराहा पर महिलाओं के साथ बलात्कार और लूट मामले में सीबीआई के पैरोकार इंस्पेक्टर देवेंद्र मीणा द्वारा 4 आरोपियों की मौत की पुष्टि रिपोर्ट अभी तक न दिए जाने पर मुजफ्फरनगर की विशेष अदालत एडीजे संख्या 7 शक्ति सिंह ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. विशेष अदालत ने मौत की रिपोर्ट के साथ 18 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप में पेश होने का आदेश दिया है.

वहीं, मुजफ्फरनगर में 2003 में थाना भौराकला के ग्राम अहलावलपुर में किसान नेता नेता चौधरी जगबीर सिंह हत्याकांड की सुनवाई हुई. एडीजे संख्या 5 गैंगेस्टर अदालत के जज अशोक कुमार ने अर्जी रद्द कर 5 अप्रैल से पुनः बचाव पक्ष की बहस शुरू करने के आदेश दिए हैं. अंतिम दौर की सुनवाई के चलते वादी की ओर से धारा 311 सीआरपीसी के तहत एक अर्जी दाखिल की गई थी. जिसका बचाव पक्ष ने विरोध कर कहा कि यह देरी करने की टेक्टिस है. कोर्ट में आरोपी नरेश टिकैत व वादी पूर्व मंत्री योगराज सिंह उपस्थित थे.

बता दें कि सितंबर 2003 में चौधरी जगबीर सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में भाकियू के नेता नरेश टिकैत समेत 3 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस हत्याकांड के 2 आरोपियों की मौत हो चुकी है. मुजफ्फरनगर कोर्ट में इस हत्याकांड की सुनवाई अंतिम दौर में पहुंच चुकी है. इस मामले में चौधरी नरेश टिकैत अपने वकील अनिल जिंदल के साथ हर सुनवाई पर उपस्थित रहते हैं.

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