मुजफ्फरनगर : जनपद में 10 साल पहले दंगा हो गया था. शाहपुर में क्लिनिक पर कुछ लोगों ने हथियारों से लैस होकर हमला कर दिया था. क्लीनिक में जमकर तोड़फोड़ की थी. मामले में 16 लोगों को नामजद कराया गया था. आठ आरोपियों को पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार कर लिया था. शनिवार को मामले में सुनवाई करते हुए सेशन कोर्ट ने सात आरोपियों को अंतरिम जमानत दे दी. मामले में एसआईटी ने जांच कर कोर्ट में अलग-अलग तीन बार चार्जशीट दाखिल की थी.
2013 में भड़का था दंगा : बता दें कि सात सितंबर 2013 को जनपद में सांप्रदायिक दंगा भड़क गया था. इसके बाद मुजफ्फरनगर के शाहपुर थाना क्षेत्र के काकड़ा सहित आसपास के गांव से हजारों लोगों ने पलायन किया था. इस पलायन के बाद काफी लोग शाहपुर कस्बा और आसपास के गांव में भी बस गए थे. शाहपुर कस्बा निवासी हरबीर सिंह ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उनका मकान कस्बे में स्थित है. वहीं घर में ही उनका बेटा अखिल आर्य क्लीनिक संचालित करता था. 6 नवंबर 2013 को आक्रोशित भीड़ ने उनके बेटे के क्लीनिक पर हमला बोल दिया था.
तीन अलग-अलग चार्जशीट कोर्ट में की गई थी दाखिल : मामले में आरोप था कि हमला करने वाले हथियारों से लैस थे. वे ज्वलनशील पदार्थ हाथों में लिए हुए थे. हमले के दौरान क्लीनिक में तोड़फोड़ की गई. आग लगाने के प्रयास के साथ वहां मौजूद लोगों पर जानलेवा हमला किया गया. हरबीर सिंह के द्वारा इस मामले में 16 लोगों को नामजद कराया गया था. जिनमें से आठ को मौके से ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. एसआइटी ने मामले की जांच की थी. जानलेवा हमला और कई अन्य गंभीर धाराओं को हटाकर 28 आरोपियों के विरुद्ध एक जनवरी, पांच मार्च और 14 दिसंबर 2014 को अलग-अलग तीन चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई थी. कुछ दिन पहले कोर्ट से आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी हुए थे. कोर्ट के आदेश पर नदीम, फिरोज, हारून, वसीम, शमशाद, आजम और आबिद निवासी गांव काकड़ा हाल निवासी शाहपुर को अंतरिम जमानत प्रदान की गई है.
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