मुजफ्फरनगर: रंगदारी मांगे जाने के मामले में बुधवार को सभासद प्रवीण पीटर के बेटे शैंकी मित्तल ने अदालत में सरेंडर किया. कोर्ट ने शैंकी मित्तल को हिरासत में लेकर जेल भेजने के आदेश दिए हैं. इसी मामले में बीजेपी नेता सचिन पटाखा और प्रवीण पीटर समेत चार को मंगलवार को जेल भेजा गया था.
सपा के पूर्व जिला कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल उर्फ सचिन पटाखा के भाजपा में शामिल होते ही झटका लगा है. पुलिस ने सोमवार देर रात सचिन पटाखा समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. इन सभी को गैंगस्टर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया. सचिन पटाखा ने दो दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की घोषणा की थी. सचिन ने आरोप लगाया था कि समाजवादी पार्टी के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष जिया चौधरी ने उनके बारे में आपत्तिजनक बयान दिया है, जिसके कारण वे पार्टी छोड़ रहे हैं.
बता दें कि नई मंडी निवासी मनीष गुप्ता पुत्र प्रकाश चंद गुप्ता ने नई मंडी थाने में 21 मई 2022 को एक मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें मनीष ने आरोप लगाया था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा समेत 9 लोगों ने उसके साथ धोखाधड़ी, मारपीट व गाली गलौज की थी. मनीष ने तहरीर में बताया था कि उसने लक्ष्मण विहार निवासी सुनील गोयल से पचेंडा बाईपास स्थित डेयरी प्लाट का सौदा किया था.
इसमें पटेलनगर निवासी सचिन अग्रवाल उर्फ सचिन पटाखा को भी साझेदार बनाया था. प्लाट की कीमत चार करोड़ रुपये तय हुई थी, जिसमें उसने 2 करोड़ सुनील गोयल को दे दिया था. जबकि सचिन ने अपने हिस्से का भुगतान नहीं किया और हिस्सेदारी को लेकर उसे धमकियां देनी शुरू कर दी. 9 फरवरी 2019 को सचिन ने अमित गोयल और अमित माहेश्वरी को उसके घर भेजा और जिन्होंने घर में घुसकर मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी उसे दी थी.
पुलिस ने मनीष की तहरीर पर इन सभी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया था. इस मुकदमे के विरुद्ध सभी नामजद अभियुक्त हाई कोर्ट चले गए थे, जहां से सभी को चार्जशीट तक स्थगन आदेश प्राप्त हो गया था. इस मामले में पुलिस ने अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है. जिसमें इन सभी आरोपियों के विरुद्ध आरोप को सत्यापित किया गया है और पुलिस ने इन सभी पर गैंगस्टर की धारा भी लगा दी है.
सचिन पटाखा ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की घोषणा की तो शिकायतकर्ता मनीष गुप्ता फिर सक्रिय हो गए और उन्होंने जिला प्रशासन समेत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दफ्तर से भी संपर्क किया था. मनीष गुप्ता ने मुख्यमंत्री कार्यालय समेत जिला प्रशासन से पूछा कि एक तरफ प्रदेश सरकार 61 माफियाओं में संजीव जीवा के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने का दावा कर रही है. वहीं संजीव जीवा के विरुद्ध दायर मुकदमे में चार्जशीट के बावजूद भी कोई गिरफ्तारी नहीं की जा रही है. इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन के निर्देश पर सोमवार देर रात पुलिस ने सचिन पटाखा, पूर्व सभासद प्रवीण मित्तल उर्फ़ प्रवीण पीटर, शुभम बंसल और अमित माहेश्वरी को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस के आने की सूचना मिलते ही अमित गोयल बौना घर से फरार हो गया है. जबकि संजीव जीवा पहले से ही जेल में बंद है. इस मामले में अनुराधा माहेश्वरी और संजीव जीवा की पत्नी व रालोद नेत्री पायल माहेश्वरी समेत बीजेपी नेता प्रवीण पीटर के बेटे शैंकी मित्तल की भी पुलिस तलाश कर रही है. पुलिस के मुताबिक इन सभी अभियुक्तों को मंगलवार को गैंगस्टर न्यायालय में पेश कर कर दिया गया. जिसके बाद अदालत ने इन्हें जेल भेज दिया है. जबकि बाकी फरार अभियुक्तों की भी सरगर्मी से तलाश की जा रही है.
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