मुजफ्फरनगर: जिले के जीआईसी मैदान में किसानों का अनिश्चितकालीन आंदोलन का आज पांचवा दिन था. बुधवार को किसानों के आंदोलन में चौधरी राकेश टिकैत मौजूद रहे. उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर यहां के लोग आंदोलन नहीं करेंगे. तो दो अन्य राज्यों के किसान यहां आने के लिए तैयार बैठे हैं लेकिन, मुजफ्फरनगर जिले की सीमाओं से लगने वाले जिलों के लोग ही इस आंदोलन में आएंगे और हमें दूसरे राज्यों के लोगों की अभी जरूरत नहीं है.वहीं, उन्होंने आम बजट पर कहा कि किसानों पर कर्ज बढ़ाने वाला बजट है.
भाकियू प्रवक्ता ने आगे कहा कि धरना परमानेंट चलेगा. जब तक दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन में उत्तर प्रदेश के शहीद हुए किसानों को मुआवजा नहीं दिया जाएगा, तब तक धरना परमानेंट चलेगा. हरियाणा और पंजाब के किसानों को मुआवजा मिला है और उनके मुकदमें भी खत्म हुए हैं. लेकिन, यहां पर मुकदमें लगाए जा रहे हैं और किसानों के खिलाफ षडयंत्र रचा जा रहा है. इससे पूरे प्रदेश के किसानों में भय का माहौल बनाया जा रहा है. किसान आंदोलन में जो कार्यकर्ता शामिल है उन पर विकास प्राधिकरण द्वारा मकान तोड़ने के नोटिस भेजे जा रहे हैं. प्रधानमंत्री का नारा है कि देश डिजिटल की ओर जा रहा है. हमने प्रधानमंत्री की बात मान ली, तो हमारा गन्ने का भुगतान भी डिजिटल किया जाए.
नेता राकेश टिकैत ने बजट पर कहा कि यह बजट छोटी कंपनियों और व्यापारियों के हित में है. इससे किसानों पर कर्जा बढ़ेगा,यहां ना 5 लाख है ना 7 लाख है. कुछ लोगों को रिवेंट मिली है और जो गांव का किसान, मजदूर, आदिवासी और पशुपालन वाला किसान है. उनके लिए बजट में कुछ नहीं है और उनका कर्ज बढ़ाने की बात कही गई है. जो एग्रीकल्चर बेस्ड छोटी कंपनियां है उनको इस बजट में फायदा होगा. लेकिन किसानों पर कर्ज बढ़ जाएगा.
सरकार ने 20 लाख करोड़ का कर्ज देने की बात कही है और वह कर्ज़ किसान कहां से उतारेंगे, धीरे-धीरे उनकी जमीन जाएगी. इन सब चीजों का हमको पहले ही पता था कि ये कर्जा बढ़ाने की बात करेंगे, वही बजट में हुआ है. बजट में भाव बढने चाहिए थे, एमएसपी गारंटी कानून बनना चाहिए था और पानी पर चर्चा होनी चाहिए थी कि हम हर खेत को पानी देंगे. आने वाले 5-7 सालों तक इसी तरह योजना चलती रही तो किसान की जमीन नीलाम होगी और बैंकों के पास में बड़ा लैंड बैंक बनेगा. इस तरह की इस सरकार की योजनाएं हैं.
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