मुजफ्फरनगर: जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने गुरुवार को अपने कार्यालय में चिकित्सकों और आशा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. बैठक में जनपद शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लॉक स्तर पर गर्भवती महिलाओं को जागरूक करने का निर्देश दिया गया. साथ ही गर्भवती महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ दिलाये जाने पर बल दिया. मीटिंग में मुख्य रूप से बताया गया कि इस योजना का लाभ पाने के लिए गर्भवती महिलाएं अब घर पर रहकर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं. इस योजना के तहत महिलाओं को किस तरह का लाभ मिलेगा इसकी जानकारी भी दी गयी.
घर बैठे गर्भवती महिलाएं योनजा का उठा सकेंगी लाभ
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ पाने के लिए अब गर्भवती महिलाएं घर बैठे ही ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं. प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया अभियान में एक और कदम बढ़ाते हुए, इस योजना में ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी जा रही है. इसके लिए लाभार्थियों को वेबसाइट पर लॉगिन कर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
ऑफलाइन आवेदन भी कर सकती हैं गर्भवती महिलाएं
नोडल अधिकारी डाॅ. वीके सिंह ने बताया कि पीएमएमवीवाई रजिस्ट्रेशन के लिए विशेष अभियान चलाया गया है. 28 दिसंबर से शुरू हुआ यह अभियान 2 जनवरी 2021 तक चलेगा. अभियान के तहत लाभार्थियों के पंजीकरण किये जा रहे हैं. ऑनलाइन आवेदन के बजाए कोई लाभार्थी ऑफलाइन आवेदन करना चाहता है तो वह पहले की तरह ब्लाॅक स्तर पर, संबंधित कार्यालय अथवा आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से आवेदन कर सकता है.
हेल्प लाइन नंबर जारी
महिलाओं को ऑनलाइन आवेदन के लिए कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होगी. घर बैठे ही आवेदन किया जा सकेगा. इसके अलावा राज्य स्तर से हेल्प लाइन नंबर 7998799804 जारी किया गया है. इस हेल्प लाइन नंबर पर लाभार्थी स्वयं ही काॅल करके योजना से आवेदन संबंधी और भुगतान न होने पर आ रही समस्या का निराकरण प्राप्त कर सकते हैं.
गर्भवती महिलाओं को मिलेगा PMMVY का लाभ
सीएमओ डाॅ. प्रवीण चोपड़ा ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन के लिए लाभार्थी जब वेबसाइट पर लाॅगिन करेंगे तो उनके मोबाइल फोन पर ओटीपी आएगा. साइट पर ओटीपी डालकर संबंधित फाॅर्म भर कर आवेदन किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि पहली बार गर्भवती होने वाली महिला को योजना के तहत तीन किश्तों में 5000 रुपये की धनराशि दी जाती है. चाहे प्रसव सरकारी या निजी अस्पताल में कराया हो. पंजीकरण के लिए माता-पिता का आधार कार्ड, मां की बैंक पासबुक की फोटो कापी जरूरी है. मां का बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिए. निजी अकाउंट ही मान्य होगा. पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं. यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं. उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत मिलने वाली धनराशि गर्भवती महिलाओं के अच्छे रख-रखाव एवं पोषण के लिए प्रदान की जाती है. यह योजना जनपद के सभी ब्लाॅक एवं ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध है.
अब तक 50,071 लाभार्थियों को मिला लाभ
कार्यक्रम की मुख्य समन्वयक रुचि श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में 50071 लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिल चुका है. पहली बार गर्भवती हुई महिलाएं इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ लें सकेंगी. जिस किसी लाभार्थी की दूसरी और तीसरी किश्त शेष है, वह भी आवेदन कर लाभ प्राप्त कर सकेंगी. उन्होंने बताया कि यदि महिला का गर्भपात हो जाता है, तो पुनः गर्भवती होने पर वह शेष किश्तों का योजना के अंतर्गत दावा कर सकती है.