मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर के एसडी कॉलेज मार्केट के दुकानदारों को बहुत बड़ी राहत मिली है और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन और नगर पालिका द्वारा जारी किये गए नोटिस को निरस्त कर दिया है. 27 दिसंबर को जिला प्रशासन ने नगर पालिका से एसडी एसोसिएशन को एक नोटिस जारी कराया था और इसमें नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी हेमराज सिंह की तरफ से जारी नोटिस में एसडी कॉलेज मार्केट की जमीन को नगर पालिका में निहित करने का निर्देश दिया गया था.
बता दें कि यह मामला काफी चर्चा में रहा था और रोज इसको लेकर सियासी तापमान बढ़ा था. निवर्तमान जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के जाने के जिलाधिकारी अरविन्द मलिंगा बंगारी आए तो मामला ठंडा चल रहा था और वहीं आज न्यायालय ने इस मामले को समाप्त कर दिया. यह भी जानकारी में आया था कि 27 दिसंबर के नोटिस को ही निरस्त कर दिया गया है जिसमें इस जमीन को नगरपालिका में निहित करने का निर्देश दिया गया था.
बता दें की शहर के बीचों बीच बनाई गई एसडी और झांसी की रानी मार्केट की करीब पांच हजार करोड़ की संपत्ति प्रशासन की जांच में सरकारी बताई गई थी. ईओ, तहसीलदार सदर और डीआईओएस से कराई गई जांच के बाद निवर्तमान डीएम सीबी सिंह ने एसडी कॉलेज एसोसिएशन को नोटिस जारी किया था और जवाब न देने पर समस्त संपत्ति एक सप्ताह में नगर पालिका में स्वत: निहित हो जाएगी ऐसा कहा गया था.
निवर्तमान डीएम सीबी सिंह को शिकायत मिली थी कि एसडी कॉलेज की सरकारी जमीन पर बिल्ड़िंग तोड़कर एसडी मार्केट बनाई गई है और इसके अलावा नगर पालिका से कॉलेज के खेल के मैदान के लिए तीस साल की लीज पर ली गई जमीन पर झांसी की रानी मार्केट बना दी गई और लीज का समय 1982 में पूरा हो चुका है और दोनों ही जमीनों के आवंटन में यह शर्त है कि इनका प्रयोग केवल शिक्षा के लिए होगा व्यवसायिक प्रयोग नहीं हो सकता और सरकार की इन जमीनों पर एसडी कॉलेज एसोसिएशन ने लगभग 2500 दुकानें बना ली है और उसके बाद यह मामला खूब गरमा गया था और बहुत सुर्खियों में भी रहा था और आज इसको दिया हुआ नोटिस निरस्त कर दिया गया.
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