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स्कूल में छात्र को दूसरे बच्चों से चांटे लगवाने का विवाद सुलझा, एक-दूसरे के गले मिले बच्चे

मुजफ्फरनगर में एक शिक्षिका ने टेबल याद न करने पर दूसरे बच्चों से एक छात्र को चांटे (Muzaffarnagar khubbapur case) लगवाए थे. शनिवार को केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने ग्रामीणों की मदद से मामले का निपटारा करा दिया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 26, 2023, 10:04 PM IST

मुजफ्फरनगर में छात्र की पिटाई का मामला सुलझ गया.

मुजफ्फरनगर : जिले में एक टीचर पर विशेष समुदाय के बच्चे को दूसरे धर्म के बच्चों से पिटवाने का आरोप लगा था. इसका वीडियो भी सामने आया था. इस पर बीएसए ने भी संज्ञान लिया था. मामले को लेकर सियासी गलियारों में भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने भाईचारे का संदेश देते हुए मामले को रफा-रफा करा दिया. केंद्रीय मंत्री ने कुछ लोगों पर मामले को बिना वजह तूल देने का आरोप लगाया. कहा कि सजा के तरीके पर सवाल उठाए जा सकते हैं, बाकी वीडियो में कुछ गलत नहीं था. फिलहाल मामले को सुलझा लिया गया है. हिंदू-मुस्लिम के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर चुनाव में इसका लाभ लेने की कोशिश की जा रही थी. अब इसे नाकाम कर दिया गया है.

केंद्रीय मंत्री और किसान नेता पहुंचे गांव : मामला खुब्बापुर गांव के नेहा पब्लिक स्कूल का था. शिक्षिका तृप्ता ने एक छात्र को अन्य छात्रों से थप्पड़ लगवाए थे. शनिवार को मामले का पटाक्षेप हो गया. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने खुब्बापुर गांव के लोगों के साथ मिलकर मामले को सुलझा लिया. अब बच्चे के अभिभावकों को शिक्षिका से कोई शिकायत नहीं है. मामले पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि शिक्षिका के सजा देने के तरीके को गलत कहा जा सकता है. दिल्ली और हैदराबाद में बैठे लोगों को गांव के बारे में नहीं पता. उन्हें पश्चिमी यूपी की बोलचाल की भाषा के बारे में भी जानकारी नहीं है. खुब्बापुर गांव के लोग बधाई के पात्र हैं, उन्होंने आपसी सूझ-बूझ से इसका निपटारा करा दिया.

गांव वाली की मदद से शनिवार को विवाद सुलझा लिया गया.
गांव वाली की मदद से शनिवार को विवाद सुलझा लिया गया.

हिंदू-मुस्लिम में विवाद कराने की थी कोशिश : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजनीतिक लोग चाहते थे कि जिले में हिंदू-मुस्लिम में विवाद हो जाए. सांप्रदायिक दोहरीकरण कर लोकसभा चुनाव में मामले को भुनाने की कोशिश थी. लोगों ने इसे विफल कर दिया है. राजनीतिक दल कह रहे थे कि कार्रवाई की जाए, लेकिन ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था कि कार्रवाई की जाए. सबको पता है किस तरह से गांव में पढ़ाई होती. गांव में मोहल्लों के नाम भी जाति के हिसाब से रखे जाते हैं. दिल्ली के बड़े नेताओं के लिए कैंप लगाएंगे और उन्हें गांव की भाषा सिखाएंगे. हमारी भाषा प्यार की भाषा है. लड़ने की भाषा नहीं है. वीडियो वायरल करने के पीछे का मकसद 2024 के चुनाव से पहले सांप्रदायिक तनाव पैदा कर मुस्लिमों को वोट हासिल करना था. गांव में बिल्कुल शांति है.

आपस में गले मिले बच्चे, बांटी गईं टॉफिया : भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत भी खुब्बापुर पहुंचे. उन्होंने बच्चों को आपस में गले लगवा कर और ट्रॉफी खिलवाकर समझौता कराया. कहा कि यह जिला पहले भी 2013 में बहुत कुछ झेल चुका है. हम नहीं चाहते कि आगे कोई इस तरह की बात हो. सभी अपने ही परिवार हैं, सब जिम्मेदार आदमी हैं. इस जिले को हम बिल्कुल जलते नहीं देख सकते. गलत को हम गलत कहेंगे. बच्चों के मन में अगर हिंदू है या मुसलमान वाली बात घर कर जाएगी तो फिर विकास कैसे होगा. अगर कोई ऐसे मामलों को सियासी रंग देने की कोशश करता है तो अपने दिमाग से इसे निकाल दे. हम किसी भी तरह से माहौल खराब नहीं होने देंगे.

यह भी पढ़ें : शिक्षिका ने समुदाय विशेष के बच्चे को टेबल याद नहीं करने पर दूसरे बच्चों से लगवाए चाटें, वीडियो वायरल

मुजफ्फरनगर में फलों व सब्जियों पर थूक लगाकर बेचने का मामला आया सामने, पुलिस जांच में जुटी

मुजफ्फरनगर में छात्र की पिटाई का मामला सुलझ गया.

मुजफ्फरनगर : जिले में एक टीचर पर विशेष समुदाय के बच्चे को दूसरे धर्म के बच्चों से पिटवाने का आरोप लगा था. इसका वीडियो भी सामने आया था. इस पर बीएसए ने भी संज्ञान लिया था. मामले को लेकर सियासी गलियारों में भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने भाईचारे का संदेश देते हुए मामले को रफा-रफा करा दिया. केंद्रीय मंत्री ने कुछ लोगों पर मामले को बिना वजह तूल देने का आरोप लगाया. कहा कि सजा के तरीके पर सवाल उठाए जा सकते हैं, बाकी वीडियो में कुछ गलत नहीं था. फिलहाल मामले को सुलझा लिया गया है. हिंदू-मुस्लिम के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर चुनाव में इसका लाभ लेने की कोशिश की जा रही थी. अब इसे नाकाम कर दिया गया है.

केंद्रीय मंत्री और किसान नेता पहुंचे गांव : मामला खुब्बापुर गांव के नेहा पब्लिक स्कूल का था. शिक्षिका तृप्ता ने एक छात्र को अन्य छात्रों से थप्पड़ लगवाए थे. शनिवार को मामले का पटाक्षेप हो गया. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने खुब्बापुर गांव के लोगों के साथ मिलकर मामले को सुलझा लिया. अब बच्चे के अभिभावकों को शिक्षिका से कोई शिकायत नहीं है. मामले पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि शिक्षिका के सजा देने के तरीके को गलत कहा जा सकता है. दिल्ली और हैदराबाद में बैठे लोगों को गांव के बारे में नहीं पता. उन्हें पश्चिमी यूपी की बोलचाल की भाषा के बारे में भी जानकारी नहीं है. खुब्बापुर गांव के लोग बधाई के पात्र हैं, उन्होंने आपसी सूझ-बूझ से इसका निपटारा करा दिया.

गांव वाली की मदद से शनिवार को विवाद सुलझा लिया गया.
गांव वाली की मदद से शनिवार को विवाद सुलझा लिया गया.

हिंदू-मुस्लिम में विवाद कराने की थी कोशिश : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजनीतिक लोग चाहते थे कि जिले में हिंदू-मुस्लिम में विवाद हो जाए. सांप्रदायिक दोहरीकरण कर लोकसभा चुनाव में मामले को भुनाने की कोशिश थी. लोगों ने इसे विफल कर दिया है. राजनीतिक दल कह रहे थे कि कार्रवाई की जाए, लेकिन ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था कि कार्रवाई की जाए. सबको पता है किस तरह से गांव में पढ़ाई होती. गांव में मोहल्लों के नाम भी जाति के हिसाब से रखे जाते हैं. दिल्ली के बड़े नेताओं के लिए कैंप लगाएंगे और उन्हें गांव की भाषा सिखाएंगे. हमारी भाषा प्यार की भाषा है. लड़ने की भाषा नहीं है. वीडियो वायरल करने के पीछे का मकसद 2024 के चुनाव से पहले सांप्रदायिक तनाव पैदा कर मुस्लिमों को वोट हासिल करना था. गांव में बिल्कुल शांति है.

आपस में गले मिले बच्चे, बांटी गईं टॉफिया : भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत भी खुब्बापुर पहुंचे. उन्होंने बच्चों को आपस में गले लगवा कर और ट्रॉफी खिलवाकर समझौता कराया. कहा कि यह जिला पहले भी 2013 में बहुत कुछ झेल चुका है. हम नहीं चाहते कि आगे कोई इस तरह की बात हो. सभी अपने ही परिवार हैं, सब जिम्मेदार आदमी हैं. इस जिले को हम बिल्कुल जलते नहीं देख सकते. गलत को हम गलत कहेंगे. बच्चों के मन में अगर हिंदू है या मुसलमान वाली बात घर कर जाएगी तो फिर विकास कैसे होगा. अगर कोई ऐसे मामलों को सियासी रंग देने की कोशश करता है तो अपने दिमाग से इसे निकाल दे. हम किसी भी तरह से माहौल खराब नहीं होने देंगे.

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