मुजफ्फरनगरः राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में हिंद मजदूर किसान समिति की एक जनसभा का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान और चंद्रमोहन महाराज उपस्थित रहे. मजदूर किसान समिति के कार्यकर्ताओं ने मुख्य अतिथियों को फूल मालाएं भेंटकर स्वागत किया गया. वहीं मंच पर उपस्थित डॉक्टर संजीव बालियान और क्रांति गुरु चंद्रमोहन महाराज को लकड़ी से बना मजदूर और किसान का प्रतिफल और हथोड़ा भेंट किया गया. कार्यक्रम में हजारों की संख्या में बाबा भीमराव अंबेडकर के अनुयायी दलित महिलाओं और पुरुषों ने भाग लिया. कार्यक्रम में राष्ट्रगान के बाद बाबा साहब अंबेडकर की 15 फीट ऊंची मूर्ति का विभिन्न राज्यों से मंगाए गए जल से जलाभिषेक किया गया.
भीड़ जुटाने के लिए लिया परमधाम न्यास का सहारा
बता दें कि जीआईसी मैदान में हिंद मजदूर किसान समिति द्वारा आयोजित किसान मजदूर रैली में कहीं न कहीं केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने किसानों में अपनी गिरती हुई साख को बचाने के लिए और रैली में भीड़ जुटाने के लिए परमधाम न्यास का सहारा लिया है. रैली को भले ही किसान और मजदूर रैली का नाम दिया गया हो लेकिन इस रैली में किसान पूर्ण रूप से नदारद था.
रैली में केंद्रीय मंत्री की साख बचाने की कोशिश
रैली की भीड़ में हजारों की संख्या में एकत्रित महिलाएं और पुरुष बाबा भीमराव अंबेडकर के अनुयायी ही थे जो अपने-अपने हाथों में नीला झंडा लेकर इस रैली का हिस्सा बने हुए थे. किसान और मजदूर रैली को देखकर लग रहा था कि यह दलित समाज की रैली हो लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जिस तरह से केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान का जगह-जगह विरोध हुआ, उसको लेकर भाजपा द्वारा सुनियोजित तरीके से यह कार्यक्रम रखा गया और परमधाम न्यास के क्रांति गुरु चंद्रमोहन महाराज के आह्वान पर आसपास के जनपदों से आए हजारों अनुयायियों ने कार्यक्रम में भीड़ की उपस्थिति दर्ज कराते हुए केंद्रीय मंत्री की साख बचाने की कोशिश की है.
कश्मीर में स्थापित होगी बाबा साहेब की मूर्ति
बताया जा रहा है कि एक वर्ष पूर्व क्रांति पुरुष कहे जाने वाले चंद्रमोहन महाराज के द्वारा घोषणा की गई थी कि कश्मीर से 370 हटने के बाद वहां बाबा भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापित की जाएगी, जिसके लिए शनिवार को यहां बाबा साहब की मूर्ति के जलाभिषेक के लिए एक सभा का आयोजन किया गया था. बाबा साहेब की मूर्ति के जलाभिषेक के लिए अलग-अलग राज्य मणिपुर, कश्मीर, गुजरात और तमिलनाडु से जल मंगाया गया था. अभिषेक के बाद अब यह मूर्ति कश्मीर में स्थापित की जाएगी. बाबा भीमराव अंबेडकर कश्मीर की धारा 370 का विरोध करते थे.