मुजफ्फरनगर: कोर्ट ने सोमवार को हत्या के मामले में तीन भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनाई. यह सजा कोर्ट ने 11 साल पुराने मामले में सुनाई. फैसला विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी के पीठासीन अधिकारी जमशेद अली ने सुनाया.
बता दें कि कर्मचंद 26 अप्रैल 2011 को खेत पर गया था. रंजिश के चलते गांव के ही अमरेश पक्ष के लोगों ने उसे घेर लिया बचाव के लिए कर्मचंद बारात घर की छत पर चढ़ गया. हमलावरों ने छत पर चढ़कर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी. इसके बाद शव को छत से नीचे फेंक दिया. इसके बाद आरोपियों ने शव को साइकिल पर रखकर पूरे गांव में घुमाया और ग्रामीणों को धमकाया. इसके बाद आरोपियों ने शव को ट्रैक्टर पर रखकर भोपा गंगनहर में फेंक दिया.
मृतक के भाई कर्मवीर ने गांव के ही सगे भाई अमरेश, धनपाल, रमेश उर्फ प्रधान सहित आठ आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. जानसठ के तत्कालीन सीओ जवाहर लाल ने विवेचना कर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. आज तीन मुख्य आरोपियों को अदालत ने उम्रकैद और अर्थदंड की सजा सुनाई.
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