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धर्मांतरण मामले का आरोपी गिरफ्तार, बाल संरक्षण आयोग की टीम के सामने पेश हुए एसओ - राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग टीम

मुजफ्फरनगर में धर्मांतरण मामले (Muzaffarnagar Conversion Case) के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार (Accused of Conversion Arrested in Muzaffarnagar) कर लिया. वहीं, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम (Child Rights Protection Commission Team) जांच करने पहुंची. टीम ने इस मामले में एसओ से केस की रिपोर्ट ली.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 19, 2023, 7:17 PM IST

मुजफ्फरनगर: लापता किशोर की बरामदगी के बाद धर्म परिवर्तन के मामले में बुधवार को सहारनपुर के गांव इस्लमानगर के मदरसे में पहुंचकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने जांच की. टीम ने मदरसा संचालक के बयान लिए. वहीं, चरथावल थाने के थाना प्रभारी ओपी सिंह से केस की रिपोर्ट ली गई.

बता दें कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो की अध्यक्षता में किशोर के धर्म परिवर्तन कराने के मामले में गहनता से जांच हुई. वहीं, मुजफ्फरनगर बीएसए शुभम शुक्ला भी सहारनपुर पहुंचे थे. पुलिस ने आयोग की टीम के आने की भनक लगते ही नंगला राई से मुख्य आरोपी मतलूब को गिरफ्तार कर उसका चालान कर दिया गया.

यह भी बताया कि चंडीगढ़ के रायपुर थाना क्षेत्र से सात साल पहले किशोर लापता हो गया था. किशोर के अपहरण के मुकदमे की जांच चंडीगढ़ एएचटीयू थाने में लंबित चल रही थी. नाबालिग किशोर सहारनपुर में मिल गया था. वहीं, इसके बाद मतलूब उसे अपने साथ गांव लेकर आ गया था. उसके बाद किशोर का खतना कराकर उसका नाम मुस्लिम रखा गया था. फिर एक मदरसे में प्रवेश दिलाया और तालीम दिलानी शुरू की थी.

इस मामले में थाना प्रभारी ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि किशोर का धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में नंगला राई निवासी मतलूब को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में ग्राम प्रधान सहित चार के खिलाफ पीड़ित के पिता ने धर्म परिवर्तन कराकर उसके बेटे को गुपचुप तरीके से रखने का मुकदमा दर्ज कराया था. मुजफ्फरनगर और सहारनपुर की इसमें चाइल्ड वेलफेयर टीम, डीसीपीओ, एसओ चरथावल, बीएसए, अल्पसंख्यक अधिकारी और आधार फेसिलेशन सेंटर के तकनीकी कर्मचारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम के सामने पेश हुए.

यह भी पढ़ें: यूपी के इस शहर में भी मुजफ्फरनगर जैसी घटना, शिक्षिका ने समुदाय विशेष के बच्चों से कराई छात्र की पिटाई

यह भी पढ़ें: मुजफ्फरनगर में दस मुस्लिम परिवारों के 70 सदस्यों की हिंदू धर्म में वापसी, दस साल पहले सनातन धर्म छोड़ा था

मुजफ्फरनगर: लापता किशोर की बरामदगी के बाद धर्म परिवर्तन के मामले में बुधवार को सहारनपुर के गांव इस्लमानगर के मदरसे में पहुंचकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने जांच की. टीम ने मदरसा संचालक के बयान लिए. वहीं, चरथावल थाने के थाना प्रभारी ओपी सिंह से केस की रिपोर्ट ली गई.

बता दें कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो की अध्यक्षता में किशोर के धर्म परिवर्तन कराने के मामले में गहनता से जांच हुई. वहीं, मुजफ्फरनगर बीएसए शुभम शुक्ला भी सहारनपुर पहुंचे थे. पुलिस ने आयोग की टीम के आने की भनक लगते ही नंगला राई से मुख्य आरोपी मतलूब को गिरफ्तार कर उसका चालान कर दिया गया.

यह भी बताया कि चंडीगढ़ के रायपुर थाना क्षेत्र से सात साल पहले किशोर लापता हो गया था. किशोर के अपहरण के मुकदमे की जांच चंडीगढ़ एएचटीयू थाने में लंबित चल रही थी. नाबालिग किशोर सहारनपुर में मिल गया था. वहीं, इसके बाद मतलूब उसे अपने साथ गांव लेकर आ गया था. उसके बाद किशोर का खतना कराकर उसका नाम मुस्लिम रखा गया था. फिर एक मदरसे में प्रवेश दिलाया और तालीम दिलानी शुरू की थी.

इस मामले में थाना प्रभारी ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि किशोर का धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में नंगला राई निवासी मतलूब को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में ग्राम प्रधान सहित चार के खिलाफ पीड़ित के पिता ने धर्म परिवर्तन कराकर उसके बेटे को गुपचुप तरीके से रखने का मुकदमा दर्ज कराया था. मुजफ्फरनगर और सहारनपुर की इसमें चाइल्ड वेलफेयर टीम, डीसीपीओ, एसओ चरथावल, बीएसए, अल्पसंख्यक अधिकारी और आधार फेसिलेशन सेंटर के तकनीकी कर्मचारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम के सामने पेश हुए.

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