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Court News: महिला की तलवार से हत्या करने वाले दो भाइयों को उम्रकैद की सजा - Muzaffarnagar court decision

यूपी के मुज्जफरनगर कोर्ट ने महिला की हत्या करने वाले दो सगे भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में 2 आरोपियों की मौत हो चुकी है.

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Published : Feb 17, 2023, 8:17 PM IST

मुजफ्फरनगरः जिले की अदालत ने 20 साल पहले महिला की हत्या में दो सगे भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही साथ कोर्ट ने 37-37 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. शामली के गांव खोड़समा में 12 जून 2002 को बजे घर में घुसकर सो रही वृद्ध महिला ब्रह्मी देवी की चाकू और तलवार से काट कर हत्या कर दी गई थी.

मृतका के बेटे ईश्वर ने गांव खोड़समा निवासी बिशन पुत्र तुलसी और रामशरण, ओमपाल और सोमपाल पुत्र बिशन के के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था. वादी ईश्वर ने बताया था कि 11 और 12 जून सन् 2002 की रात को वह लोग लखविंदर और मनविंदर के मकान की छत पर सो रहे थे. बिशन, रामचरण, ओमपाल और सोमपाल ने रात के दो बजे लगभग उनके घर पर हमला बोल दिया था. बरामदे में सो रही उनकी मां बृह्मी देवी को उठाकर वह लोग अपने घर ले गए थे और चाकू और तलवार और अन्य हथियारों से हमला करके उनकी हत्या कर दी गई थी.

ईश्वर ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया था कि उसने अपनी जमीन जरनैल सिंह को बेच दी थी, जिसका आरोपी विरोध कर रहे थे. जरनैल सिंह का आरोपियों से मुकदमा चल रहा था. इस मामले में उसकी मां ब्रह्मी देवी गवाह थी. आरोपियों के मना करने के बावजूद भी ब्रह्मी देवी ने मामले में गवाही दी थी और इसलिए वह रंजिश रख रहे थे.

इस मामले पोक्सो एक्ट कोर्ट के जज रितेश सचदेवा ने ओमपाल और सोमपाल को हत्या का दोषी ठहराया है. कोर्ट ने दोनों को उम्रकैद की सजा के साथ 37-37 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में सुनवाई के दौरान दो आरोपियों की मौत भी हो चुकी है.

इसे भी पढ़ें-Ayodhya news : जैन धर्म गुरु आचार्य लोकेश मुनि ने किए रामलला के दर्शन, कहा- हिंदुस्तान में रहने वाला हर नागरिक हिंदू

मुजफ्फरनगरः जिले की अदालत ने 20 साल पहले महिला की हत्या में दो सगे भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही साथ कोर्ट ने 37-37 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. शामली के गांव खोड़समा में 12 जून 2002 को बजे घर में घुसकर सो रही वृद्ध महिला ब्रह्मी देवी की चाकू और तलवार से काट कर हत्या कर दी गई थी.

मृतका के बेटे ईश्वर ने गांव खोड़समा निवासी बिशन पुत्र तुलसी और रामशरण, ओमपाल और सोमपाल पुत्र बिशन के के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था. वादी ईश्वर ने बताया था कि 11 और 12 जून सन् 2002 की रात को वह लोग लखविंदर और मनविंदर के मकान की छत पर सो रहे थे. बिशन, रामचरण, ओमपाल और सोमपाल ने रात के दो बजे लगभग उनके घर पर हमला बोल दिया था. बरामदे में सो रही उनकी मां बृह्मी देवी को उठाकर वह लोग अपने घर ले गए थे और चाकू और तलवार और अन्य हथियारों से हमला करके उनकी हत्या कर दी गई थी.

ईश्वर ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया था कि उसने अपनी जमीन जरनैल सिंह को बेच दी थी, जिसका आरोपी विरोध कर रहे थे. जरनैल सिंह का आरोपियों से मुकदमा चल रहा था. इस मामले में उसकी मां ब्रह्मी देवी गवाह थी. आरोपियों के मना करने के बावजूद भी ब्रह्मी देवी ने मामले में गवाही दी थी और इसलिए वह रंजिश रख रहे थे.

इस मामले पोक्सो एक्ट कोर्ट के जज रितेश सचदेवा ने ओमपाल और सोमपाल को हत्या का दोषी ठहराया है. कोर्ट ने दोनों को उम्रकैद की सजा के साथ 37-37 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में सुनवाई के दौरान दो आरोपियों की मौत भी हो चुकी है.

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