मुजफ्फरनगर: जिले में जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द ने भी अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले को स्वीकार कर शांति बनाए रखने के लिए अपील की. जमीयत ने युवाओं से सोशल मीडिया पर फैसले को लेकर कोई भी टिप्पणी न करने की हिदायत दी.
आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की
जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द ने सभी मस्जिदों के ओहदेदारों को आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करने की अपील की. जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द के प्रदेश महासचिव मौलाना नजर ने बताया कि बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि का फैसला कभी भी आ सकता है. हमने एक अपील शहर भर से कि है कि पूरे जिले में फैसले पर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करने की हिदायत दी गई है.
सभी से यही अपील की गई है कि मुसलमानों के पक्ष में अगर फैसला आए तो आतिशबाजी नहीं की जाए और अगर हिंदू भाइयों के पक्ष में फैसला आता है तो सभी लोग सब्र से काम लें. किसी भी तरह के गुस्से का इजहार न करें. यह समझें कि जो भी फैसला आया है वह अल्लाह की मर्जी है. अपने जिले में अमन कायम रखना है.
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बैठक में जिले के सभी स्थानों से जिम्मेदार लोगों को बुलाया गया, ताकि वह अपने क्षेत्रों में जाकर शांति बनाए रखने की अपील करें. हमने शांति का संदेश हिंदी और उर्दू में लिखकर भी छपवाया है, ताकि लोगों को समझाया जा सके. लोगों से यही अपील की गई है कि सोशल मीडिया पर प्रचार करने वालों के खिलाफ संगीन धाराओं में केस दर्ज होगा.
-मौलाना नजर, प्रदेश महासचिव, जमीयत -उलेमा-ए-हिन्द