मुजफ्फरनगर : जिले में दहेज न मिलने पर विवाहिता को जिंदा जला दिया गया था. घटना साल 2014 की है. मामले में आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था. मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. शुक्रवार को कोर्ट ने आरोपी पति को दोषी करार दिया. उसे 12 साल कैद की सजा सुनाई. इसके अलावा 15 हजार का जुर्माना भी लगाया. वहीं साक्ष्यों के अभाव में एक आरोपी को बरी कर दिया.
दहेज की मांग कर रहा था पति : सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण कुमार जावला के अनुसार 27 अप्रैल 2014 को शामली जिले के गांव कुडाना में एक विवाहिता को जिंदा जला दिया गया था. बिना किसी को सूचना दिए शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया था. मामले में शामली के ही गांव आलदि के रहने वाले चंद्रपाल ने केस दर्ज कराया था. आरोप लगाया था कि उन्होंने अपनी बेटी कविता की शादी 6 मार्च 2011 को कुडाना गांव के अमित उर्फ बिट्टू के साथ की थी. शादी के बाद से अमित अतिरिक्त दहेज की मांग कर रहा था. इसे लेकर बेटी से मारपीट होती थी. साल 2014 की 29 जनवरी को उनके पास फोन आया कि कविता की हत्या अमित और पप्पू उर्फ प्रवीण ने कर दी है. पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज किया था. मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी.
एक आरोपी को कोर्ट ने किया बरी : शुक्रवार को मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट दो की जज नेहा गर्ग ने की. इसमें दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने अमित उर्फ बिट्टू को दोषी ठहराते हुए बारह साल कैद की सजा सुनाई. उस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जबकि एक आरोपी पप्पू को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया.
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