मुजफ्फरनगर: पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री और मुजफ्फरनगर के जमींदार रहे लियाकत अली खान की जमीन कब्जा मुक्त होगी. उप जिलाधिकारी सदर दीपक कुमार ने यह आदेश जारी किया है. तहसीलदार सदर को गांव युसुफपुर की करीब 100 बीघा भूमि को कब्जा मुक्त कराकर राज्य सरकार में निहित कराए जाने के लिए आदेशित किया है. जिले के भोपा रोड पर स्थित ग्राम युसुफपुर की लगभग 100 बीघा भूमि में शिकमी काश्तकार के रूप में लाला रघुराज सवरूप काबिज थे. सरकारी रिकॉर्ड में कूटरचना, जालसाजी कर इन जमीनों पर अवैध कब्जा किया गया था.
जिले के उप जिलाधिकारी सदर कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए लाला रघुराज सवरूप, एवं उनके उत्तराधिकारी आलोक सवरूप और अनिल सवरूप के अलावा ललिता कुमार गुप्ता, कुसुम कुमारी, ओम प्रकाश गुप्ता, अतुल गुप्ता, अपर्णा को जालसाजी हेराफेरी कर भूमि पर कब्जा किए जाने में दोषी मानते हुए कोर्ट में सुनवाई का अवसर देते हुए नोटिस के जवाब में साक्ष्य और जवाब देने का अवसर प्रदान किया गया था. लेकिन उक्त लोग न ही नोटिस का जवाब दे पाए और न ही साक्ष्य ही उपलब्ध करा पाए. जिस कारण जमीन को कब्जा मुक्त कर राज्य सरकार में दर्ज कराए जाने के आदेश तहसीलदार को दिए गए हैं.
पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लियाकत अली खान जमींदार की थी ये भूमि
आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर के भोपा रोड पर पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री और मुजफ्फरनगर के जमींदार रहे लियाकत अली खान के चाचा रुस्तम अली खान की ग्राम युसुफपुर में करीब 100 बीघा जमीन पर लाला रघुराज स्वरूप सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार शिकमी काश्तकार के रूप में काबिज थे. कुछ भूमि पर 1360 फसली से पूर्व ही लाला रघुराज स्वरूप ने अवैध तरीके से संक्रमणीय अधिकार अर्जित कर लिए थे. कुछ शेष बची भूमि पर अधिवासी/ आसामी अधिकार जमींदारी खात्मा के दौरान वर्ष 1961 में प्राप्त होने थे. भूमि नियमानुसार नियत अवधि के तहत राज्य सरकार को वापिस की जानी चाहिए थी, लेकिन रघुराज स्वरुप द्धारा यह भूमि राज्य सरकार को वापस नहीं की गई.
जिलाधिकारी सेल्वा जे का कहना है की शासन की प्राथमिकता है की सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त कराया जाए. सरकारी रिकॉर्ड में हेरा फेरी कर जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कानून अपना कार्य कर रहा है.