मुजफ्फरनगरः जिले के राजकीय इण्टर कॉलेज के मैदान में भारतीय किसान यूनियन के लगातार 4 दिन से धरने पर बैठा हुआ है. मंगलवार को किसानों की संख्या ट्रैक्टर ट्रॉली और तंबुओं के साथ और बढ़ गयी है. जनपद के किसानों के साथ-साथ अन्य जनपदों के किसानों ने भी राजकीय मैदान में अपने अपने तम्बू गाढ़ लिए हैं. भोजन इत्यादि और अन्य वस्तुओं की निगरानी और देखरेख के लिए भारतीय किसान यूनियन ने एक कमेटी का गठन कर दिया है. धरनास्थल पर चौथे दिन ग्रामीण क्षेत्र से किसान खाद्यान्न सामग्री और अपने हुक्का और खाट के साथ पहुंचे. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत भी धरना स्थल पर पहुंचे.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किसानों से मुलाकात की धरना पर बैठे किसानों को संबोधित किया. चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि "सरकार किसानों के साथ वादाखिलाफी कर रही है और जिससे किसानों के सम्मान को बार बार ठेस पहुंच रही है. किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अब तक भी गन्ने का भाव घोषित नहीं किया है. उत्तर प्रदेश में भी एक सरकार है और हरियाणा में भी और हरियाणा सरकार ने गन्ने पर दस रूपये बढ़ा दिए पर उत्तर प्रदेश सरकार ने अब तक भी इसके बारे में कोई पहल नहीं की. "
टिकैत ने कहा "उत्तर प्रदेश के बहुत से चीनी मिलों पर आज भी पिछले सत्र का गन्ने का बकाया भुगतान बाकी है और किसानों के सामने पूरे देश में बिजली की समस्या और बीज व उर्वरक की समस्या बड़े पैमाने पर उभर रही है. अन्त में उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का सम्मान करें और लम्बित मुद्दों को जल्द से जल्द हल करें और बजट से देश के किसान को बहुत आस है. पिछले बजट में किसान के हाथ कुछ नहीं आया. लेकिन फिर भी हमें सरकार से अब भी उम्मीद बाकी है कि सरकार एक किसान हितैषी बजट लेकर आएगी. आज धरना स्थल पर कल पेश होने वाला बजट किसानों के बीच में चर्चा का विषय बना रहा और किसानों ने इसके बारे में पूरा दिन एक दूसरे से आशा के साथ चर्चा की कि सरकार इस बार पूर्व की तरह निराशा वाला बजट न पेश करें और इस बार बजट किसानों के फायदे वाला हो"